05-12-2020, 03:26 PM
फिर वो बाहर सुसू करने चली गयी और मैं पलंग पे लेट गया थोड़ी देर बाद वो भी आकर मेरे पास ही लेट गयी रज़ाई के अंदर हमारे जिस्म क़ैद हो गये थे भाभी टेढ़ी होकर लेटी हुई थी मैं भी उनसे चिपक गया मेरा लंड उनके कुल्हो से टकराता हुआ जाँघो के बीच मे फँस गया और मैने उनकी चूची को हल्के हल्के सहलाना शुरू कर दिया
वो बोली के क्या हुआ मन नही भरा क्या तुम्हारा तो मैं बोला भाभी ये प्यास इतनी आसानी से नही मिटने वाली और चूची को कसकर भींच दिया तो उनके मूह से एक दर्द भरी कराह निकल गयी वो मेरी ओर गुस्से से देखते हुए बोली थोड़ा धीरे करो दर्द होता हैं.
मैने अब भाभी को अपनी ओर कर लिया और उनका हाथ अपने लंड पे रख दिया वो मेरे लंड को सहलाने लगी और मैं उनके होंठो को पीने लगा मेरा मन तो बस कर रहा था कि उनके होंठ चूस्ता ही रहू उनमे एक हल्का सा मीठा सा स्वाद था 3- 4 मिनिट किस करने के बाद मैने अनिता की निप्पल को मूह मे भर लिया और अपनी जीभ उसपे फेरने लगा
भाभी भी अब मस्त होने लगी थी उनके हाथ का दबाव मेरे लंड पे कस गया और वो मेरी मूठ मारने लगी मैं पूरी मस्ती से बारी बारी दोनो चूचियो को चूस रहा था भाभी की सिसकी बढ़ने लगी थी उनकी साँसे भारी होने लगी थी अब उन्होने मेरे लंड से अपना हाथ हटा लिया
और मेरे सर पे फेरते हुई बोली मेरे राजा पी जा आहह अहह अहह सीईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई पी जा आज मेरा दूध निकाल दे मेरे राजा आज पूरी रात मैं तेरी दुल्हन हू आज मेरी हर हसरत मिटा दे अहह बीच बीच मे निप्पल को जब मैं दांतो से काट लेता था तो वो और भी मस्त हो जाती थी
महॉल गरम होने लगा था मैने भाभी को अपनी उपर उल्टी तरफ आने को कहा जिससे उनका मूह मेरे लंड की तरफ और कूल्हे मेरे मूह की तरफ हो गये थे भाभी भी पूरी खेली खाई थी वो समझ गयी कि मैं क्या चाहता हू उनकी चूत मुझसे कुछ ही इंच दूर थी अब वो थोड़ा सा नीचे हुई और मैने अपनी जीभ उनकी फूली हुई चूत पे फेर दी
अहह अहह उनकी मस्त आहे निकल गयी मैने धीरे धीरे चूत को चाटना शुरू कर दिया उन्होने अपने चूतड़ पूरी तरह से मेरे चेहरे पे रख दिए ताकि मैं अच्छी तरह से चूत का रस पी सकु मेरी पूरी जीभ चूत के अंदर घूम रही थी भाभी ने धीरे धीरे अपने मोटे मोटे चुतडो को हिलाना शुरू कर दिया और पूरा वजन मेरे चेहरे पे डाल रही थी उनकी मस्ती बढ़ती जा रही थी
तभी अचानक से भाभी ने मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया और चूस ने लगी मेरे आनंद का कोई ठिकाना ना रहा मैं बोला जियो भाभी आज तो क़यामत ही कर दी और हम एक दूसरे का रस निचोड़ने मे लग गये भाभी की चूत बहुत रस छोड़ रही थी अब उन्होने मेरे लंड को अपने मूह से निकाला और मेरे टट्टो पे जीभ फेरने लगी
वो बारी बारी से लंड और गोलियो को अपनी जीभ का मज़ा दे रही थी मैं तो उस लम्हे को कभी नही भूल सकता हू, फिर मैने भाभी को अपने उपर से हटाया और उनके उपर आ गया और उनकी पप्पी लेते हुए लंड को चूत के छेद पे रगड़ने को कहा मैं उनके गुलाबी होंटो को पी रहा था और वो मेरे लंड को अपनी चूत के द्वार पे रगड़ रही थी
बीच बीच मे जब मेरा सुपाडा चूत के दाने पे रगड़ ख़ाता तो उनका पूरा बदन ऐसे कांप जाता था जैसे कि करंट लग गया हो अचानक से उन्होने सुपाडे को अपनी चूत मे हल्का सा पुश किया मैं समझ गया कि वो चुदने के लिए एकदम तैयार है मैने उन्हे फरश पे खड़ी किया और एक टाँग को उपर किया और अपना लंड चूत मे घुसा दिया
जैसे ही झटके से लंड अंदर गया उनकी चीख निकल पड़ी.आआआअहह अहह वो मोन करने लगी मेरे हाथ उनके कुन्हो पे कस गये और लंड चूत मे अंदर बाहर होने लगा फ़च पहचछचह की आवाज़ आ रही कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैने भाभी को घोड़ी बना दिया और उनकी छातियो को मसलते हुए चूत मारने लगा भाभी के बदन मे कंम्पकंपी बढ़ती जा रही थी और वो लगातार मेरा जोश बढ़ा रही थी
हहिईीईईईईईईईईईईईईईईईईई हीईीईईईईईईईईईईई मेरे राजा मज़ा आ गया मेरे राजा बस ऐसे ही करते रहो उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ कितना मज़ा आ रहा है15 मिनिट तक उसी पोज़िशन चोदने के बाद मेरी साँस थोड़ा फूलने लगी थी क्यों कि मैं काफ़ी देर से जोरदार धक्के मार रहा था चूत से बहता रस भाभी की जाँघो तक पहुच गया था पर वो भी बराबर मैदान मे डटी हुई थी अब मैं पलंग पे लेट गया और भाभी को इशारा किया वो अब मेरे लंड पे बैठ गयी और अपनी गंद को हिलाने लगी
भाभी मेरे लंड पे झूल रही थी और उनकी आँखे मस्ती से बंद होने लगी थी थोड़ी देर बाद वो मेरे उपर लेट सी गयी जिस से उनके चूचिया मेरे चेहरे पे लटक गयी मैने आव देखा ना ताव और एक चूची को अपने मूह मे भर लिया और चूसना शुरू कर दिया अब भाभी सातवे आसमान पे थी वो पूरे जोश से मेरे लंड पे कूद रही थी
जब वो उपर नीच होती तो थप थप की आवाज़ आ रही थी मेरे हाथ उनको कुल्हो पे थे मैने उनकी गंद के छेद को सहलाना शुरू कर दिया बहुत ही छोटा सा छेद था मैने अपनी उंगली से उसको कुरेदना चालू किया तो भाभी अपने चूतड़ को टाइट करते हुए बोली ना देवेर जी उधर मत छेड़ो प्लीज़
पर मैं हल्के हल्की सहलाता रहा 5 मिनिट बाद वो काफ़ी ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे होने लगी उनका चेहरा एकदम लाल सुरख हो गया था तभी उनके बदन ने झटका खाया और वो आ हाहह आह करते हुए निढाल होकर मेरे उपर लेट गयी और लंबी लंबी सांस लीने लगी
थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद अब मैं उनके उपर आ गया और तबड तोड़ धक्खे मारने लगा उनकी साँस उखड़ रही थी उन्होने अपनी बाहें मेरी पीठ पे कस दी और मेरा हॉंसला बढ़ा ने लगी मैने 10-15 शॉट और मारे और अपने वीर्य से उनकी चूत को लबालब भर दिया और उनके उपर ही लेट गया हम अपनी अपनी सांसो को नियंत्रित करने की कोशिस कर रहे थे..
उस रात हमारा एक नया रिश्ता शुरू हो गया था जो ग़लत होते हुए भी खूबसूरत लग रहा था ,वो कहते हैं ना कि शुरू मे हर चीज़ अच्छी लगती है खैर, दो बार की चुदाई के बाद हम दोनो काफ़ी थक गये थे बदन से गर्मी फूट रही थी हम अभी भी नंगे लेटे हुए थे भाभी मुझसे लिपट ते हुवे बोली “
मैने तुम्हारी मन की मुराद पूरी करदी तुम्हे भी मेरा ध्यान रखना होगा और मुझे भी तुमसे कुछ चाहिए.”
मैने उनसे वादा किया कि मैं उनकी विश को हर हाल मे पूरा करूँगा. रात के 11 बज चुके थे पर हमारी आँखो मे नींद का नामोनिशान नही था उस वक़्त लग रहा था कि क्या पता ये रात कभी आए या ना आए अनिता मुझसे पूरी तरह खुल चुकी थी भाभी बोली क्यो ना एक-एक चाइ पी जाए मैने हाँ करदी उसने अपने कपड़े उठाए और रसोई की और जाने लगी तो मैने कपड़े छीन लिए और बोला कि जब घर मे और कोई नही है तो कपड़ो की क्या ज़रूरत है और उनको नंगी ही जाने को कहा जैसे ही वो जाने क लिए मूडी तो उनके मटकते हुए चुतडो को देख कर मेरे लंड मे सरसराहट शुरू हो गयी
और मैं भी रसोई की और चल दिया भाभी मेरी और देख के बोली कि यहाँ क्यू आ गये मैं बोला कि मैं आपके बिना एक मिनिट भी नही रह सकता और भाभी को पीछे से अपनी बाहों मे भर लिया और उनसे चिपक के खड़ा हो गया भाभी छाई बना रही थी और मैं उनसे छिपा हुआ उनके गरम शरीर का मज़ा लेने लगा मेरा लंड उनके चुतडो की दरार मे फसा हुआ था और गर्मी पाकर धीरे धीरे फूलने लगा था
भाभी मज़े लेते हुए बोली कि ये क्या मेरे चुतडो को चुभ रहा है तो मैने बोला कि खुद ही देख लो किसने रोका है तो भाभी ने अपने हाथ नीचे किया और मेरे लंड को पकड़ते हुवे बोली कि ये तो कही भी तन जाता है तो मैने कहा कि अब तो बस तुम ही इसके तनाव ख़तम करसकती हो और उनकी चूत को कसकर भींच दिया भाबी के मूह से चीख निकल गयी और वो मुझसे दूर हो गयी
उन्होने मुझसे शांत रहने को कहा और चाइ को दो कपो मे डालने लगी तो मैने उन्हे कहा कि डार्लिंग आज बस एक कप मे ही चाइ पिएँगे तो वो मुस्कुराने लगी अब हम बारी बारी एक ही कप से चाइ पी रहे थे महॉल काफ़ी रोमॅंटिक सा लग रहा था जैसे कोई फिल्म का सीन सो. चाइ ख़तम होते ही मैने अनिता को खीचकर अपनी बाहों मे भर लिया और उनके होंठ चूमने लगा भाभी भी मेरा साथ देने लगी मैने अपनी जीभ उनके मूह मे डाल दी और उनकी जीभ को चूसने लगा
भाभी तो पूरी खिलाड़ी औरत थी वो तो इशारे इस ही समझ जाती थी कि मैं क्या चाहता हू जैसे के मैं उनका पति हू लगभग 10 मिनिट तक हम एक दूसरे को चूमते रहे मेरा लंड नीचे अनिता की चूत के थोड़ा उपर रगड़ खा रहा था जिस से हमारे बदन मे एक अलग सी कसक पैदा हो रहा था अब मैने उनका मूह रसोई की स्लॅब की ओर कर दिया और उनको पीछे से पकड़ लिया और उनसे चिपकते हुवे गर्देन पे किस करने लगा
एक सेक्सी कहानी मे पढ़ा था कि औरत की गर्देन पे चूमने से उनको सेक्स जल्दी चढ़ जाता है मैं लगातार उनकी सुरहिदार गर्देन को चूम रहा था भाभी हल्के हल्के मोन कर रही थी अबकी बार मैने बिल्कुल आराम से उनको चोदने का सोच लिया था बीच बीच मे मैं उनके गालो को भी चूस रहा था भाभी बोली कि थोड़ा धीरे काटो कही निशान ना पड़ जाए मेरा लंड बुरी तरह से फडफडा रहा था और उनकी गान्ड मे घुसने के लिए बेताब हो रहा था
भाभी धीरे से फुसफुसा कर बोली कि चलो बिस्तर पे चलते है परंतु मैने माने कर्दिया और अपने हाथ उनके उन्नत उभारो पे पहुचा दिया भाभी की चूचिया बहुत ही ठोस थी जितना मैं उनको भींचता उतना ही वो फूलती जाती थी भाभी ने अपने कूल्हे थोड़ा पीछे की ओर कर्दिये और आगे की ओर झूक गयी अब उनकी छातियों को भींचने मे और भी मज़ा आने लगता साथ ही साथ वो अपनी मस्त गान्ड को लगातार हिला रही थी जिस से मेरा लंड बेकाबू होने लगा था
मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था पर मैं थोड़ा लंबा जाना चाहता था इस लिए कोई जल्दी नही दिखा रहा था तभी मेरी नज़र रसोई मे रखी सहद की बॉटल पे गयी मैने भाभी को हटाया और बॉटल को उठा लिया मुझे ना जाने क्या सूझा मैने सहद को भाभी की छातियो मे डालना शुरू किया भाभी बोली ये क्या कर रहे हो मैने उन्हे चुप चाप देखने को कहा और
उनकी पूरी छातियो को शहद से भिगो दिया औब मैने उनकी बूब्स को बहुत ही प्यार से धीरे धीरे चाटना शुरू किया तो भाभी की मस्ती बढ़ने लगी उनकी पीठ दीवार से सट गयी थी मैं किसी बच्चे की तरह उनकी चूची पी रहा था भाभी के मूह से मादक सिसरिया निकलने लगी थी क्योंकि हम अकेले थे तो वो भी बहुत ही खुल के इस खेल को खेल रही थी
आहहहह
हह
हीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइऐईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
वो लगातार सिसक रही थी जब जब मेरी खुरदरी जीब उनकी चूचियों की घुंदियो पे फिरती तो उनके चूचियों का तनाव सॉफ महसूस हो रहा था उफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ करते हुवे वो बोली अब बस भी करो ना पर मैं ना माना और उनके बोबो को बारी बारी चूस्ता रहा जब तक कि वहाँ पे लगा सहद पूरी तरह ख़तम नही हो गया भाबी की गोरी गोरी छातियों का रंग सुर्ख लाल हो गया था
अब मैने उन्हे स्लॅब पे बिठा दिया और उनकी सूंड़ी को चूसने लगा भाभी तो जैसे पागल ही हो रही थी वो मुझे मना कर रही थी परंतु मैं तो एक अलग ही मुकाम मे जाने की सोच चुका था भाभी की जाँघो को पूरी तरह से फिलाने के बाद मैने काफ़ी सारा सहद उनकी चूत पे और झन्टो पे डाल दिया तो भाभी मेरी ओर देखते हुवे बोली तुम तो पूरे रसिया निकले और हँसने लगी
मैने कहा देखती जाओ आज कैसे रस निचोड़ ता हू और अपनी खुरदरी जीभ को भाभी की हल्की हल्की झान्टो पे फेरने लगा भाभी ने अपने हाथ पीछे की और टिका दिए मैने झांतो पे दाँत गढ़ाने लगा तो भाभी दर्द भरी आहे भरने लगी अब मैं धीरे धीरे नीचे की और आने लगा मैने जैसे ही चूत की गुलाबी फांको को अपने होंटो मे दबाया भाभी का बदन सिकुड गया और अँकखे मस्ती से बंद हो गयी भाभी अपनी मादकता मे और भी सुंदर लग रही थी
मैं लगातार चूत की फांको को चूस्ता जा रहा था ह्बीयेयेयीयाया हह उफफफफफफफफफफुऊऊुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ
]हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हहिईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईहह हहिईीईईईईईईईीहुंम्म्मंंननननननननननननननननननननननननननणणन् हहुउऊुुुुुुुुुुुुुुुुउउम्म्म्मममममममममममममममममममम ]जैसे आवाज़े उनक मूह से लगा तार निकल रही उनकी चूत से बहता हुआ कामरस सहद मे मिलकर एक बहुत ही मादक स्वाद लग रहा था अब मैने अपनी पूरी जीभ भाभी की गरमागरम चूत मे डाल दी और पूरे जोश से काम रस पीने लगा
भाभी ने अपने कूल्हे पूरी तरह से उपर उठा दिए ताकि मैं खुल के चूत का रस पी सकु मैं भी पूरी तरह उत्तेजित हो चुका था मेरा लंड बराबर पुकार रहा था कि मैं उसे चूत मे घुसा दू पर मैने ना जाने कैसे अपने आप को कंट्रोल किया हुआ था 5-6 मिनिट तक लगातार चूत को चाटने से भाभी पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और लरजती हुई आवाज़ मे बोली देवेर जी अब बस करो अब जल्दी से कर लो रुका नही जा रहा है प्लीज़ मुझे छोड़ दो मैं अब नही रुक सकती मैने उनकी बातो पे कोई गोर नही किया और काम रस को पीता रहा उनकी चूत बहुत ही ज़्यादा रस बह रहा था
तभी उन्होने अपने बदन को कस लिया और मेरे मूह मे ही स्खलित होने लगी आआआआअहह आह मे गयी कहते हुवे उन्होने अपनी मोटी मोटी जाँघो ओ मेरे चेहरे पे कस दिया और उनकी चूत से बहते फव्वारे का पानी उडेलने लगी वो बुरी तरह से हाँफ रही थी उनका पूरा चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया था . मैने पूरा रस चाट चाट कर अच्छी तरह से सॉफ कर दिया उनकी गोरी चूत अब एकदम चमक रही थी अब मैने सहद को अपने लंड और गोलियो पे अच्छी तरह से लगा दिया और भाभी की ओर देखने लगा
भाभी मेरी और मंद मंद मुस्काने लगी और फॉरन ही फर्श पे बैठ गयी और अपने गुलाबी होन्ट मेरे लंड पे टिका दिए और बड़ी अदा से उसे चूमने लगी क्या बताऊ वो तो लंड चूसने मे एक एक्सपर्ट ही लग रही थी उनकी जीभ पूरे लंड पे घूम रही थी थोड़ी देर ऐसा करने के बाद उन्हने मेरे सुपाडे को मूह मे भर लिया और अपनी गीली लिज़लीज़ी जीभ उसपे
फेरते हुवे चूसने लगी
मुझे ऐसे लगा कि एक मिनिट मे ही मेरा पानी छूटने वाला है मैने अपने आँखे बंद करली और लंड को मस्ती से चुसवाने लगा अब मेरा पूरा लंड भाभी के मूह मे था वो पूरी मस्ती से लंड चूस
रही थी अब उन्होने लंड को बाहर निकाला और गोलियो को चूमने लगी भाभी का मैं गुलाम बन गया था मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था मैने भाभी के सर को कस के पकड़ लिया और अपने लंड को उनके मूह मे अंदर तक डालने लगा मैने ईक जोरदार झटका मार दिया जिस से भाभी को खाँसी आ गयी और आँखो मे पानी आ गया वो मेरी ओर थोड़ा गुस्से से देखते हुवे बोली कि जानवर मत बनो सबकुछ मुझ पे छोड़ दो मैं करती हू मैने उनसे माफी माँगी
उन्होने फिरसे मेरे लंड को मूह मे भर लिया और मुझे मज़ा देने लगी उन्होने अपने हाथो से मेरी कमर को थाम लिया और तेज़ी से लंड को अंदर बाहर करने लगी मेरी मस्ती लगातार बढ़ती जा रही थी अब मैने धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाना शुरू कर्दिया था भाभी पूरे जोश मेरा लंड चूसे जा रही थी उनके मूह से थूक निकल कर उनकी छातियो पे गिर रहा था अब मुझे महसूस हो रहा था कि मैं झड़ने के करीब ही हू तो मैने उनके सर को कस कर थाम लिया और पूरा लंड उनके मूह मे क़ैद हो गया था
मैने उनको ज़ोर से चूसने का इशारा किया तो वो और तेज़ी से चुप्पे मारने लगी तभी मैने ज़ोर से झटका खाया और मैने पूरे ज़ोर से उनके सर को अपने लंड पे दबाते हुवे अपना वीर्य उनके मूह मे छोड़ना शुरू कर दिया अबकी बार काफ़ी ज़्यादा वीर्य निकल रहा था भाभी लगातार लंड से निकले वीर्य को पी रही थी आख़िर मैं निढाल हो गया पर भाभी लंड को जबतब पीती रही जब तक उन्होने अंतिम बूँद तक निचोड़ ली..........
रात आधी से ज़्यादा गुजर चुकी थी मैने अनिता का हाथ पकड़ कर उसे उठाया और गोदी मे उठा कर बिस्तर पे पटक दिया और उसकी बगल मे लेट गया भाभी ने अपना सर मेरे सीने पे रख दिया और मुझसे चिपक कर लेट गयी ऐसे ही लेटे लेटे ना जाने कब आँख लग गयी .
सुबह 6:30 के लगबघ मैं जगा तो देखा कि भाभी बिस्तर पे नही थी मैने खुद को संयत किया और कपड़े पहने और बाहर आया तो देखा कि भाभी आँगन मे झाड़ू निकाल रही थी मैने भाभी को पीछे से पकड़ लिया तो वो मुझसे दूर हट ते हुवे बोली कि अभी नही दिन हो गया है
कोई भी आ सकता है और मुझे चाइ के लिए पूछा परंतु मैने मना कर दिया और उनसे कहा कि भाभी मैं घर जा रहा हू और अपने घर पे पहुच गया तो देखा कि पापा अख़बार पढ़ रहे हैं उन्होने मुझे देखा और कहा कि आ गये तो मैने कहा जी हां और अंदर अपने कमरे मे पहुच गया
पूरा बदन टीस रहा था रात को काफ़ी देर तक सोने के कारण नींद भी आ रही थी पर सो भी नही सकता था क्यों कि घर वालो को शक हो सकता था खैर जैसे तैसे नहा धो कर हल्का सा नाश्ता करके कॉलेज की ओर चल दिया
कॉलेज मे भी कुछ खास नही था 11थ के एग्ज़ॅम भी लगभग 1 महीना दूर थे और 11थ क्लास की कोई खास टेन्षन भी नही थी पर मन साला बार बार भटक रहा था नींद के बोझ से आँखे भी बोझिल हो रही थी पर किसी तरह मॅनेज कर रहा था बार बार मेरा ध्यान बस भाभी की ओर ही जा रहा था बड़ी ही मुश्किल से टाइम कटा
छुट्टी होते ही मैं घर की ओर भाग पड़ा पैदल कॉलेज तो रोज ही जाता था पर उस दिन रास्ता भी कुछ ज़्यादा ही लंबा हो गया था घर पहुच कर खाना वाना खाया और भाभी के घर जाने की सोच ही रहा था कि मम्मी ने सहर जाने का ऑर्डर दे दिया मन तो नही था पर जाना पड़ा मजबूरी थी
सिटी को 5 किमी दूर पड़ती थी तो मैने अपनी ख़तरा साइकल उठाई और बुझे मन से चल दिया वाहा जाके राशन का सारा समान खरीदा और कुछ सब्ज़ी वगैरहा ली और थोड़ा कुछ खाया पिया इन सब मे 1.5-2 घंटे लग गये और टाइम लगभग 5 का हो गया था
जब मैं घर की ओर लॉट रहा था तो आधे रास्ते के बीच टाइयर पंक्चर हो गया आस पास कोई दुकान भी नही थी पैदल ही ख़तरा साइकल को घसीटते हुवे मुझे बहुत ही गुस्सा आ रहा था पर कुछ कर भी नही सकता था गरह पहुचहते पहुँचते 6 बज गये थे मेरा मूड बहुत ही खराब था
पापा अभी तक नही आए थे सारा समान मम्मी को पकड़ाया और अपने कमरे मे जाके थोड़ी देर लेट गया फिर कॉलेज का काम निपटाया ऐसे ही खाने का टाइम हो गया तो मैं बाहर गया तो देखा कि अभी खाना नही बना है तो मैने मम्मी से पूछा की कितनी देर लगेगी
तो मम्मी बोली की थोड़ा टाइम लगे गा तू एक कम कर अनिता के घर तो सोने जाएगा उधर ही खाना खा लियो उसको भी अच्छा लगेगा ये सुनते ही मेरे मन मे लड्डू फूटने लगे पर मम्मी की आगे मैने बुरा सा मूह बनाया और टीवी खोलके बैठ गया
लगभग सवा 8 बजे मैने मम्मी को बताया और अनिता भाभी के घर की ओर चल दिया मैने कुण्डी खड़खड़ाई थोड़ी देर मे भाभी ने दरवाजा खोला और बोली पूरे दिन क्यों नही आए अब मेरी याद आई मैने कहा पहले अंदर तो आने दो अंदर आते ही दरवाजा बंद किया और भाभी को अपनी बाहों मे भर लिया
और अपने होंठ उनके होंटो पे रख दिए और चूसना शुरू किया 15 मिनिट तक बस ऐसे ही होंठ चूस्ता रहा फिर भाभी ने मुझे हल्का सा धक्का देते हुवे अपने से दूर किया और हाँफने लगी वो बोली क्या करते हो आते ही शुरू हो गये मैं बोला भाभी तुम चीज़ ही ऐसी हो कि क्या करू रुका ही नही जाता
मैं तुम्हे कैसे बताऊ की कितना तडपा हू पर आज कामों मे इतना फस गया कि अब फ़ुर्सत मिली है मैने भाभी से बोला कि मुझे बहुत भूख लगी है तो वो बोली कि खाना बना लिया है आओ साथ साथ ही खाते है हम बैठक मे बैठ के ही खाना खाने लगे फिर भाभी ने मुझे एक गिलास मे दूध दिया तो मैं उनकी चूचियो की ओर इशारा करते हुवे बोला कि मुझे तो वो वाला दूध ही पीना है
तो भाभी हंसते हुवे बोली कि वो भी पी लेना पहले इसे ख़तम करो फिर हम ने डिन्नर ख़तम किया तो भाभी बोली तुम टीवी देखलो मैं काम ख़तम कर के आती हू … मैं टीवी देखने लगा 15 मिनिट बाद भाभी आकर मेरे पास बैठ गई आज भाभी ने सफेद कलर की चूड़ीदार पाज़ामी और सूट पहन रखा था जिसमे उनके उभर काफ़ी तने हुवे लग रहे थे मैने भाभी को अपनी गोद मे बिठा लिया और उनके लाल सुर्ख होंटो को अपने होंटो मे मिलाने लगा
भाभी बोली कितना चुसोगे कही मेरे होंठ सूज ना जाए वरना जब रवि आए गा तो कही वो शक ना कर ले मैने कहा डरो मत कुछ नही होगा बस एंजाय करो और दुबारा होंठ चूमने लगा उनके होंठ बहुत ही मादक थे अब उनके टमाटर से गालो की बारी थी
मैने उनको काटना शुरू किया तो वो मना करने लगी कि दर्द होता है पर मैं कहा रुकने वाला था जी भर के उनके पूरे चेहरे को चूम के बाद मैने उनके सूट को उपर की ओर उठाया और निकाल दिया आज भाभी ने लाल कलर की ब्रा पहनी थी जिसमे उनकी छातिया बहुत ही मुश्किल से समा रही थी
मैने ब्रा के उपर से ही चूचीयो को भींचना शुरू कर दिया तो भाभी आहे निकालने लगी मैने अब ब्रा को खोल दिया और भाबी की बूबो को चूसना शुरू कर दिया भाभी गरम होने लगी थी वो मेरी गोदी मे बैठे हुवे धीरे धीरे अपने चूतड़ हिलाते हुवे अपने दूध मुझे पिला रही थी भाभी अपने हाथो से मेरे सर को हल्के हल्के सहला रही थी मैं पूरे जोश मे उनकी चूचियो को निचोड़ रहा था अब उनकी सांस भारी हो रही थी
अहहाा अहह अहहसिईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई अहह आआआआआआआआआआआआआआआआआआअहह उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइ
जैसी आवाज़ उनके मूह से निकल रही थी थोड़ी देर बाद मैने उनको उठाया और उनकी सलवार और पेंटी को ऐक ही झटके मे उतार दिया अब वो पूर्ण रूप से नंगी मेरी आँखो के सामने खड़ी थी मैनी फॉरन अपने जिस्म से कपड़ो को जुदा किया और नंगा हो गया मैने भाभी को सोफे के किनारे पे घोड़ी बनाया और ढेर सारा थूक अपने लंड पे लगाया और भाभी की चूत मे एक ही झटके मे घुसा दिया
जिस से भाभी का थोड़ा बॅलेन्स बिगड़ गया और उनके मूह से चीख निकल गयी वो बोली आराम से करो ना मैं भाग के जा रही हू क्या मैने सॉरी बोला और दुबारा लंड डालने के लिए तैयार हो गया भाभी ने अपने गोल मटोल चुतडो को पीछे की और कर्दिया और डालने का इशारा किया मैने भाभी की कमर को थाम लिया और लंड का सुपाडा चूत मे धंसा दिया
भाभी की आह निकल गयी चूत बहुत ही चिकनी हो रही थी एक धक्का और लगाया तो आधा लंड अंदर पहुच गया मैं ऐसे ही थोड़ा थोड़ा हिलने लगा भाभी भी जोश मे आ गयी थी उन्होने अपने चुतडो को थोड़ा उपर की ओर उठा लिया ताकि मैं अच्छे से चोद सकु अबकी बार मेरा लंड जड़ तक अंदर पहुच गया था मेरे हाथ फिसलते हुवे चूचियों पे पहुच गये थे मैं काफ़ी ज़ोर ज़ोर से उनको चोद रहा था और बहुत बुरी तरह से चुचियों को दबोच रहा था भाभी लगातार चोदो चोद्दो कह कर मुझे रोमांचित कर रही थी
मैं लंड को टोपी तक बाहर निकल ता और झटके से अंदर घुसाता तो भाभी बोली इतना ज़ुल्म मत करो और अपनी भाभी को प्यार से चोदो जब बैठक मे बस थप ठप की आवाज़ गूँज रही थी मैं दनादन उनको चोद रहा था चूत से कामरस बहते हुवे मेरे अंडकोषो तक आ रहा था भाभी की जांघे भी भीग चुकी थी लगभग आधा घंटा ऐसे की चोदने के बाद मैने अपना रस चूत मे ही छोड़ दिया और ऐसे ही उनको लिए लिए सोफे पे पड़ गया
वो बोली के क्या हुआ मन नही भरा क्या तुम्हारा तो मैं बोला भाभी ये प्यास इतनी आसानी से नही मिटने वाली और चूची को कसकर भींच दिया तो उनके मूह से एक दर्द भरी कराह निकल गयी वो मेरी ओर गुस्से से देखते हुए बोली थोड़ा धीरे करो दर्द होता हैं.
मैने अब भाभी को अपनी ओर कर लिया और उनका हाथ अपने लंड पे रख दिया वो मेरे लंड को सहलाने लगी और मैं उनके होंठो को पीने लगा मेरा मन तो बस कर रहा था कि उनके होंठ चूस्ता ही रहू उनमे एक हल्का सा मीठा सा स्वाद था 3- 4 मिनिट किस करने के बाद मैने अनिता की निप्पल को मूह मे भर लिया और अपनी जीभ उसपे फेरने लगा
भाभी भी अब मस्त होने लगी थी उनके हाथ का दबाव मेरे लंड पे कस गया और वो मेरी मूठ मारने लगी मैं पूरी मस्ती से बारी बारी दोनो चूचियो को चूस रहा था भाभी की सिसकी बढ़ने लगी थी उनकी साँसे भारी होने लगी थी अब उन्होने मेरे लंड से अपना हाथ हटा लिया
और मेरे सर पे फेरते हुई बोली मेरे राजा पी जा आहह अहह अहह सीईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई पी जा आज मेरा दूध निकाल दे मेरे राजा आज पूरी रात मैं तेरी दुल्हन हू आज मेरी हर हसरत मिटा दे अहह बीच बीच मे निप्पल को जब मैं दांतो से काट लेता था तो वो और भी मस्त हो जाती थी
महॉल गरम होने लगा था मैने भाभी को अपनी उपर उल्टी तरफ आने को कहा जिससे उनका मूह मेरे लंड की तरफ और कूल्हे मेरे मूह की तरफ हो गये थे भाभी भी पूरी खेली खाई थी वो समझ गयी कि मैं क्या चाहता हू उनकी चूत मुझसे कुछ ही इंच दूर थी अब वो थोड़ा सा नीचे हुई और मैने अपनी जीभ उनकी फूली हुई चूत पे फेर दी
अहह अहह उनकी मस्त आहे निकल गयी मैने धीरे धीरे चूत को चाटना शुरू कर दिया उन्होने अपने चूतड़ पूरी तरह से मेरे चेहरे पे रख दिए ताकि मैं अच्छी तरह से चूत का रस पी सकु मेरी पूरी जीभ चूत के अंदर घूम रही थी भाभी ने धीरे धीरे अपने मोटे मोटे चुतडो को हिलाना शुरू कर दिया और पूरा वजन मेरे चेहरे पे डाल रही थी उनकी मस्ती बढ़ती जा रही थी
तभी अचानक से भाभी ने मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया और चूस ने लगी मेरे आनंद का कोई ठिकाना ना रहा मैं बोला जियो भाभी आज तो क़यामत ही कर दी और हम एक दूसरे का रस निचोड़ने मे लग गये भाभी की चूत बहुत रस छोड़ रही थी अब उन्होने मेरे लंड को अपने मूह से निकाला और मेरे टट्टो पे जीभ फेरने लगी
वो बारी बारी से लंड और गोलियो को अपनी जीभ का मज़ा दे रही थी मैं तो उस लम्हे को कभी नही भूल सकता हू, फिर मैने भाभी को अपने उपर से हटाया और उनके उपर आ गया और उनकी पप्पी लेते हुए लंड को चूत के छेद पे रगड़ने को कहा मैं उनके गुलाबी होंटो को पी रहा था और वो मेरे लंड को अपनी चूत के द्वार पे रगड़ रही थी
बीच बीच मे जब मेरा सुपाडा चूत के दाने पे रगड़ ख़ाता तो उनका पूरा बदन ऐसे कांप जाता था जैसे कि करंट लग गया हो अचानक से उन्होने सुपाडे को अपनी चूत मे हल्का सा पुश किया मैं समझ गया कि वो चुदने के लिए एकदम तैयार है मैने उन्हे फरश पे खड़ी किया और एक टाँग को उपर किया और अपना लंड चूत मे घुसा दिया
जैसे ही झटके से लंड अंदर गया उनकी चीख निकल पड़ी.आआआअहह अहह वो मोन करने लगी मेरे हाथ उनके कुन्हो पे कस गये और लंड चूत मे अंदर बाहर होने लगा फ़च पहचछचह की आवाज़ आ रही कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैने भाभी को घोड़ी बना दिया और उनकी छातियो को मसलते हुए चूत मारने लगा भाभी के बदन मे कंम्पकंपी बढ़ती जा रही थी और वो लगातार मेरा जोश बढ़ा रही थी
हहिईीईईईईईईईईईईईईईईईईई हीईीईईईईईईईईईईई मेरे राजा मज़ा आ गया मेरे राजा बस ऐसे ही करते रहो उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ कितना मज़ा आ रहा है15 मिनिट तक उसी पोज़िशन चोदने के बाद मेरी साँस थोड़ा फूलने लगी थी क्यों कि मैं काफ़ी देर से जोरदार धक्के मार रहा था चूत से बहता रस भाभी की जाँघो तक पहुच गया था पर वो भी बराबर मैदान मे डटी हुई थी अब मैं पलंग पे लेट गया और भाभी को इशारा किया वो अब मेरे लंड पे बैठ गयी और अपनी गंद को हिलाने लगी
भाभी मेरे लंड पे झूल रही थी और उनकी आँखे मस्ती से बंद होने लगी थी थोड़ी देर बाद वो मेरे उपर लेट सी गयी जिस से उनके चूचिया मेरे चेहरे पे लटक गयी मैने आव देखा ना ताव और एक चूची को अपने मूह मे भर लिया और चूसना शुरू कर दिया अब भाभी सातवे आसमान पे थी वो पूरे जोश से मेरे लंड पे कूद रही थी
जब वो उपर नीच होती तो थप थप की आवाज़ आ रही थी मेरे हाथ उनको कुल्हो पे थे मैने उनकी गंद के छेद को सहलाना शुरू कर दिया बहुत ही छोटा सा छेद था मैने अपनी उंगली से उसको कुरेदना चालू किया तो भाभी अपने चूतड़ को टाइट करते हुए बोली ना देवेर जी उधर मत छेड़ो प्लीज़
पर मैं हल्के हल्की सहलाता रहा 5 मिनिट बाद वो काफ़ी ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे होने लगी उनका चेहरा एकदम लाल सुरख हो गया था तभी उनके बदन ने झटका खाया और वो आ हाहह आह करते हुए निढाल होकर मेरे उपर लेट गयी और लंबी लंबी सांस लीने लगी
थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद अब मैं उनके उपर आ गया और तबड तोड़ धक्खे मारने लगा उनकी साँस उखड़ रही थी उन्होने अपनी बाहें मेरी पीठ पे कस दी और मेरा हॉंसला बढ़ा ने लगी मैने 10-15 शॉट और मारे और अपने वीर्य से उनकी चूत को लबालब भर दिया और उनके उपर ही लेट गया हम अपनी अपनी सांसो को नियंत्रित करने की कोशिस कर रहे थे..
उस रात हमारा एक नया रिश्ता शुरू हो गया था जो ग़लत होते हुए भी खूबसूरत लग रहा था ,वो कहते हैं ना कि शुरू मे हर चीज़ अच्छी लगती है खैर, दो बार की चुदाई के बाद हम दोनो काफ़ी थक गये थे बदन से गर्मी फूट रही थी हम अभी भी नंगे लेटे हुए थे भाभी मुझसे लिपट ते हुवे बोली “
मैने तुम्हारी मन की मुराद पूरी करदी तुम्हे भी मेरा ध्यान रखना होगा और मुझे भी तुमसे कुछ चाहिए.”
मैने उनसे वादा किया कि मैं उनकी विश को हर हाल मे पूरा करूँगा. रात के 11 बज चुके थे पर हमारी आँखो मे नींद का नामोनिशान नही था उस वक़्त लग रहा था कि क्या पता ये रात कभी आए या ना आए अनिता मुझसे पूरी तरह खुल चुकी थी भाभी बोली क्यो ना एक-एक चाइ पी जाए मैने हाँ करदी उसने अपने कपड़े उठाए और रसोई की और जाने लगी तो मैने कपड़े छीन लिए और बोला कि जब घर मे और कोई नही है तो कपड़ो की क्या ज़रूरत है और उनको नंगी ही जाने को कहा जैसे ही वो जाने क लिए मूडी तो उनके मटकते हुए चुतडो को देख कर मेरे लंड मे सरसराहट शुरू हो गयी
और मैं भी रसोई की और चल दिया भाभी मेरी और देख के बोली कि यहाँ क्यू आ गये मैं बोला कि मैं आपके बिना एक मिनिट भी नही रह सकता और भाभी को पीछे से अपनी बाहों मे भर लिया और उनसे चिपक के खड़ा हो गया भाभी छाई बना रही थी और मैं उनसे छिपा हुआ उनके गरम शरीर का मज़ा लेने लगा मेरा लंड उनके चुतडो की दरार मे फसा हुआ था और गर्मी पाकर धीरे धीरे फूलने लगा था
भाभी मज़े लेते हुए बोली कि ये क्या मेरे चुतडो को चुभ रहा है तो मैने बोला कि खुद ही देख लो किसने रोका है तो भाभी ने अपने हाथ नीचे किया और मेरे लंड को पकड़ते हुवे बोली कि ये तो कही भी तन जाता है तो मैने कहा कि अब तो बस तुम ही इसके तनाव ख़तम करसकती हो और उनकी चूत को कसकर भींच दिया भाबी के मूह से चीख निकल गयी और वो मुझसे दूर हो गयी
उन्होने मुझसे शांत रहने को कहा और चाइ को दो कपो मे डालने लगी तो मैने उन्हे कहा कि डार्लिंग आज बस एक कप मे ही चाइ पिएँगे तो वो मुस्कुराने लगी अब हम बारी बारी एक ही कप से चाइ पी रहे थे महॉल काफ़ी रोमॅंटिक सा लग रहा था जैसे कोई फिल्म का सीन सो. चाइ ख़तम होते ही मैने अनिता को खीचकर अपनी बाहों मे भर लिया और उनके होंठ चूमने लगा भाभी भी मेरा साथ देने लगी मैने अपनी जीभ उनके मूह मे डाल दी और उनकी जीभ को चूसने लगा
भाभी तो पूरी खिलाड़ी औरत थी वो तो इशारे इस ही समझ जाती थी कि मैं क्या चाहता हू जैसे के मैं उनका पति हू लगभग 10 मिनिट तक हम एक दूसरे को चूमते रहे मेरा लंड नीचे अनिता की चूत के थोड़ा उपर रगड़ खा रहा था जिस से हमारे बदन मे एक अलग सी कसक पैदा हो रहा था अब मैने उनका मूह रसोई की स्लॅब की ओर कर दिया और उनको पीछे से पकड़ लिया और उनसे चिपकते हुवे गर्देन पे किस करने लगा
एक सेक्सी कहानी मे पढ़ा था कि औरत की गर्देन पे चूमने से उनको सेक्स जल्दी चढ़ जाता है मैं लगातार उनकी सुरहिदार गर्देन को चूम रहा था भाभी हल्के हल्के मोन कर रही थी अबकी बार मैने बिल्कुल आराम से उनको चोदने का सोच लिया था बीच बीच मे मैं उनके गालो को भी चूस रहा था भाभी बोली कि थोड़ा धीरे काटो कही निशान ना पड़ जाए मेरा लंड बुरी तरह से फडफडा रहा था और उनकी गान्ड मे घुसने के लिए बेताब हो रहा था
भाभी धीरे से फुसफुसा कर बोली कि चलो बिस्तर पे चलते है परंतु मैने माने कर्दिया और अपने हाथ उनके उन्नत उभारो पे पहुचा दिया भाभी की चूचिया बहुत ही ठोस थी जितना मैं उनको भींचता उतना ही वो फूलती जाती थी भाभी ने अपने कूल्हे थोड़ा पीछे की ओर कर्दिये और आगे की ओर झूक गयी अब उनकी छातियों को भींचने मे और भी मज़ा आने लगता साथ ही साथ वो अपनी मस्त गान्ड को लगातार हिला रही थी जिस से मेरा लंड बेकाबू होने लगा था
मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था पर मैं थोड़ा लंबा जाना चाहता था इस लिए कोई जल्दी नही दिखा रहा था तभी मेरी नज़र रसोई मे रखी सहद की बॉटल पे गयी मैने भाभी को हटाया और बॉटल को उठा लिया मुझे ना जाने क्या सूझा मैने सहद को भाभी की छातियो मे डालना शुरू किया भाभी बोली ये क्या कर रहे हो मैने उन्हे चुप चाप देखने को कहा और
उनकी पूरी छातियो को शहद से भिगो दिया औब मैने उनकी बूब्स को बहुत ही प्यार से धीरे धीरे चाटना शुरू किया तो भाभी की मस्ती बढ़ने लगी उनकी पीठ दीवार से सट गयी थी मैं किसी बच्चे की तरह उनकी चूची पी रहा था भाभी के मूह से मादक सिसरिया निकलने लगी थी क्योंकि हम अकेले थे तो वो भी बहुत ही खुल के इस खेल को खेल रही थी
आहहहह
हह
हीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइऐईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
वो लगातार सिसक रही थी जब जब मेरी खुरदरी जीब उनकी चूचियों की घुंदियो पे फिरती तो उनके चूचियों का तनाव सॉफ महसूस हो रहा था उफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ करते हुवे वो बोली अब बस भी करो ना पर मैं ना माना और उनके बोबो को बारी बारी चूस्ता रहा जब तक कि वहाँ पे लगा सहद पूरी तरह ख़तम नही हो गया भाबी की गोरी गोरी छातियों का रंग सुर्ख लाल हो गया था
अब मैने उन्हे स्लॅब पे बिठा दिया और उनकी सूंड़ी को चूसने लगा भाभी तो जैसे पागल ही हो रही थी वो मुझे मना कर रही थी परंतु मैं तो एक अलग ही मुकाम मे जाने की सोच चुका था भाभी की जाँघो को पूरी तरह से फिलाने के बाद मैने काफ़ी सारा सहद उनकी चूत पे और झन्टो पे डाल दिया तो भाभी मेरी ओर देखते हुवे बोली तुम तो पूरे रसिया निकले और हँसने लगी
मैने कहा देखती जाओ आज कैसे रस निचोड़ ता हू और अपनी खुरदरी जीभ को भाभी की हल्की हल्की झान्टो पे फेरने लगा भाभी ने अपने हाथ पीछे की और टिका दिए मैने झांतो पे दाँत गढ़ाने लगा तो भाभी दर्द भरी आहे भरने लगी अब मैं धीरे धीरे नीचे की और आने लगा मैने जैसे ही चूत की गुलाबी फांको को अपने होंटो मे दबाया भाभी का बदन सिकुड गया और अँकखे मस्ती से बंद हो गयी भाभी अपनी मादकता मे और भी सुंदर लग रही थी
मैं लगातार चूत की फांको को चूस्ता जा रहा था ह्बीयेयेयीयाया हह उफफफफफफफफफफुऊऊुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ
]हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हहिईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईहह हहिईीईईईईईईईीहुंम्म्मंंननननननननननननननननननननननननननणणन् हहुउऊुुुुुुुुुुुुुुुुउउम्म्म्मममममममममममममममममममम ]जैसे आवाज़े उनक मूह से लगा तार निकल रही उनकी चूत से बहता हुआ कामरस सहद मे मिलकर एक बहुत ही मादक स्वाद लग रहा था अब मैने अपनी पूरी जीभ भाभी की गरमागरम चूत मे डाल दी और पूरे जोश से काम रस पीने लगा
भाभी ने अपने कूल्हे पूरी तरह से उपर उठा दिए ताकि मैं खुल के चूत का रस पी सकु मैं भी पूरी तरह उत्तेजित हो चुका था मेरा लंड बराबर पुकार रहा था कि मैं उसे चूत मे घुसा दू पर मैने ना जाने कैसे अपने आप को कंट्रोल किया हुआ था 5-6 मिनिट तक लगातार चूत को चाटने से भाभी पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और लरजती हुई आवाज़ मे बोली देवेर जी अब बस करो अब जल्दी से कर लो रुका नही जा रहा है प्लीज़ मुझे छोड़ दो मैं अब नही रुक सकती मैने उनकी बातो पे कोई गोर नही किया और काम रस को पीता रहा उनकी चूत बहुत ही ज़्यादा रस बह रहा था
तभी उन्होने अपने बदन को कस लिया और मेरे मूह मे ही स्खलित होने लगी आआआआअहह आह मे गयी कहते हुवे उन्होने अपनी मोटी मोटी जाँघो ओ मेरे चेहरे पे कस दिया और उनकी चूत से बहते फव्वारे का पानी उडेलने लगी वो बुरी तरह से हाँफ रही थी उनका पूरा चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया था . मैने पूरा रस चाट चाट कर अच्छी तरह से सॉफ कर दिया उनकी गोरी चूत अब एकदम चमक रही थी अब मैने सहद को अपने लंड और गोलियो पे अच्छी तरह से लगा दिया और भाभी की ओर देखने लगा
भाभी मेरी और मंद मंद मुस्काने लगी और फॉरन ही फर्श पे बैठ गयी और अपने गुलाबी होन्ट मेरे लंड पे टिका दिए और बड़ी अदा से उसे चूमने लगी क्या बताऊ वो तो लंड चूसने मे एक एक्सपर्ट ही लग रही थी उनकी जीभ पूरे लंड पे घूम रही थी थोड़ी देर ऐसा करने के बाद उन्हने मेरे सुपाडे को मूह मे भर लिया और अपनी गीली लिज़लीज़ी जीभ उसपे
फेरते हुवे चूसने लगी
मुझे ऐसे लगा कि एक मिनिट मे ही मेरा पानी छूटने वाला है मैने अपने आँखे बंद करली और लंड को मस्ती से चुसवाने लगा अब मेरा पूरा लंड भाभी के मूह मे था वो पूरी मस्ती से लंड चूस
रही थी अब उन्होने लंड को बाहर निकाला और गोलियो को चूमने लगी भाभी का मैं गुलाम बन गया था मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था मैने भाभी के सर को कस के पकड़ लिया और अपने लंड को उनके मूह मे अंदर तक डालने लगा मैने ईक जोरदार झटका मार दिया जिस से भाभी को खाँसी आ गयी और आँखो मे पानी आ गया वो मेरी ओर थोड़ा गुस्से से देखते हुवे बोली कि जानवर मत बनो सबकुछ मुझ पे छोड़ दो मैं करती हू मैने उनसे माफी माँगी
उन्होने फिरसे मेरे लंड को मूह मे भर लिया और मुझे मज़ा देने लगी उन्होने अपने हाथो से मेरी कमर को थाम लिया और तेज़ी से लंड को अंदर बाहर करने लगी मेरी मस्ती लगातार बढ़ती जा रही थी अब मैने धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाना शुरू कर्दिया था भाभी पूरे जोश मेरा लंड चूसे जा रही थी उनके मूह से थूक निकल कर उनकी छातियो पे गिर रहा था अब मुझे महसूस हो रहा था कि मैं झड़ने के करीब ही हू तो मैने उनके सर को कस कर थाम लिया और पूरा लंड उनके मूह मे क़ैद हो गया था
मैने उनको ज़ोर से चूसने का इशारा किया तो वो और तेज़ी से चुप्पे मारने लगी तभी मैने ज़ोर से झटका खाया और मैने पूरे ज़ोर से उनके सर को अपने लंड पे दबाते हुवे अपना वीर्य उनके मूह मे छोड़ना शुरू कर दिया अबकी बार काफ़ी ज़्यादा वीर्य निकल रहा था भाभी लगातार लंड से निकले वीर्य को पी रही थी आख़िर मैं निढाल हो गया पर भाभी लंड को जबतब पीती रही जब तक उन्होने अंतिम बूँद तक निचोड़ ली..........
रात आधी से ज़्यादा गुजर चुकी थी मैने अनिता का हाथ पकड़ कर उसे उठाया और गोदी मे उठा कर बिस्तर पे पटक दिया और उसकी बगल मे लेट गया भाभी ने अपना सर मेरे सीने पे रख दिया और मुझसे चिपक कर लेट गयी ऐसे ही लेटे लेटे ना जाने कब आँख लग गयी .
सुबह 6:30 के लगबघ मैं जगा तो देखा कि भाभी बिस्तर पे नही थी मैने खुद को संयत किया और कपड़े पहने और बाहर आया तो देखा कि भाभी आँगन मे झाड़ू निकाल रही थी मैने भाभी को पीछे से पकड़ लिया तो वो मुझसे दूर हट ते हुवे बोली कि अभी नही दिन हो गया है
कोई भी आ सकता है और मुझे चाइ के लिए पूछा परंतु मैने मना कर दिया और उनसे कहा कि भाभी मैं घर जा रहा हू और अपने घर पे पहुच गया तो देखा कि पापा अख़बार पढ़ रहे हैं उन्होने मुझे देखा और कहा कि आ गये तो मैने कहा जी हां और अंदर अपने कमरे मे पहुच गया
पूरा बदन टीस रहा था रात को काफ़ी देर तक सोने के कारण नींद भी आ रही थी पर सो भी नही सकता था क्यों कि घर वालो को शक हो सकता था खैर जैसे तैसे नहा धो कर हल्का सा नाश्ता करके कॉलेज की ओर चल दिया
कॉलेज मे भी कुछ खास नही था 11थ के एग्ज़ॅम भी लगभग 1 महीना दूर थे और 11थ क्लास की कोई खास टेन्षन भी नही थी पर मन साला बार बार भटक रहा था नींद के बोझ से आँखे भी बोझिल हो रही थी पर किसी तरह मॅनेज कर रहा था बार बार मेरा ध्यान बस भाभी की ओर ही जा रहा था बड़ी ही मुश्किल से टाइम कटा
छुट्टी होते ही मैं घर की ओर भाग पड़ा पैदल कॉलेज तो रोज ही जाता था पर उस दिन रास्ता भी कुछ ज़्यादा ही लंबा हो गया था घर पहुच कर खाना वाना खाया और भाभी के घर जाने की सोच ही रहा था कि मम्मी ने सहर जाने का ऑर्डर दे दिया मन तो नही था पर जाना पड़ा मजबूरी थी
सिटी को 5 किमी दूर पड़ती थी तो मैने अपनी ख़तरा साइकल उठाई और बुझे मन से चल दिया वाहा जाके राशन का सारा समान खरीदा और कुछ सब्ज़ी वगैरहा ली और थोड़ा कुछ खाया पिया इन सब मे 1.5-2 घंटे लग गये और टाइम लगभग 5 का हो गया था
जब मैं घर की ओर लॉट रहा था तो आधे रास्ते के बीच टाइयर पंक्चर हो गया आस पास कोई दुकान भी नही थी पैदल ही ख़तरा साइकल को घसीटते हुवे मुझे बहुत ही गुस्सा आ रहा था पर कुछ कर भी नही सकता था गरह पहुचहते पहुँचते 6 बज गये थे मेरा मूड बहुत ही खराब था
पापा अभी तक नही आए थे सारा समान मम्मी को पकड़ाया और अपने कमरे मे जाके थोड़ी देर लेट गया फिर कॉलेज का काम निपटाया ऐसे ही खाने का टाइम हो गया तो मैं बाहर गया तो देखा कि अभी खाना नही बना है तो मैने मम्मी से पूछा की कितनी देर लगेगी
तो मम्मी बोली की थोड़ा टाइम लगे गा तू एक कम कर अनिता के घर तो सोने जाएगा उधर ही खाना खा लियो उसको भी अच्छा लगेगा ये सुनते ही मेरे मन मे लड्डू फूटने लगे पर मम्मी की आगे मैने बुरा सा मूह बनाया और टीवी खोलके बैठ गया
लगभग सवा 8 बजे मैने मम्मी को बताया और अनिता भाभी के घर की ओर चल दिया मैने कुण्डी खड़खड़ाई थोड़ी देर मे भाभी ने दरवाजा खोला और बोली पूरे दिन क्यों नही आए अब मेरी याद आई मैने कहा पहले अंदर तो आने दो अंदर आते ही दरवाजा बंद किया और भाभी को अपनी बाहों मे भर लिया
और अपने होंठ उनके होंटो पे रख दिए और चूसना शुरू किया 15 मिनिट तक बस ऐसे ही होंठ चूस्ता रहा फिर भाभी ने मुझे हल्का सा धक्का देते हुवे अपने से दूर किया और हाँफने लगी वो बोली क्या करते हो आते ही शुरू हो गये मैं बोला भाभी तुम चीज़ ही ऐसी हो कि क्या करू रुका ही नही जाता
मैं तुम्हे कैसे बताऊ की कितना तडपा हू पर आज कामों मे इतना फस गया कि अब फ़ुर्सत मिली है मैने भाभी से बोला कि मुझे बहुत भूख लगी है तो वो बोली कि खाना बना लिया है आओ साथ साथ ही खाते है हम बैठक मे बैठ के ही खाना खाने लगे फिर भाभी ने मुझे एक गिलास मे दूध दिया तो मैं उनकी चूचियो की ओर इशारा करते हुवे बोला कि मुझे तो वो वाला दूध ही पीना है
तो भाभी हंसते हुवे बोली कि वो भी पी लेना पहले इसे ख़तम करो फिर हम ने डिन्नर ख़तम किया तो भाभी बोली तुम टीवी देखलो मैं काम ख़तम कर के आती हू … मैं टीवी देखने लगा 15 मिनिट बाद भाभी आकर मेरे पास बैठ गई आज भाभी ने सफेद कलर की चूड़ीदार पाज़ामी और सूट पहन रखा था जिसमे उनके उभर काफ़ी तने हुवे लग रहे थे मैने भाभी को अपनी गोद मे बिठा लिया और उनके लाल सुर्ख होंटो को अपने होंटो मे मिलाने लगा
भाभी बोली कितना चुसोगे कही मेरे होंठ सूज ना जाए वरना जब रवि आए गा तो कही वो शक ना कर ले मैने कहा डरो मत कुछ नही होगा बस एंजाय करो और दुबारा होंठ चूमने लगा उनके होंठ बहुत ही मादक थे अब उनके टमाटर से गालो की बारी थी
मैने उनको काटना शुरू किया तो वो मना करने लगी कि दर्द होता है पर मैं कहा रुकने वाला था जी भर के उनके पूरे चेहरे को चूम के बाद मैने उनके सूट को उपर की ओर उठाया और निकाल दिया आज भाभी ने लाल कलर की ब्रा पहनी थी जिसमे उनकी छातिया बहुत ही मुश्किल से समा रही थी
मैने ब्रा के उपर से ही चूचीयो को भींचना शुरू कर दिया तो भाभी आहे निकालने लगी मैने अब ब्रा को खोल दिया और भाबी की बूबो को चूसना शुरू कर दिया भाभी गरम होने लगी थी वो मेरी गोदी मे बैठे हुवे धीरे धीरे अपने चूतड़ हिलाते हुवे अपने दूध मुझे पिला रही थी भाभी अपने हाथो से मेरे सर को हल्के हल्के सहला रही थी मैं पूरे जोश मे उनकी चूचियो को निचोड़ रहा था अब उनकी सांस भारी हो रही थी
अहहाा अहह अहहसिईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई अहह आआआआआआआआआआआआआआआआआआअहह उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइ
जैसी आवाज़ उनके मूह से निकल रही थी थोड़ी देर बाद मैने उनको उठाया और उनकी सलवार और पेंटी को ऐक ही झटके मे उतार दिया अब वो पूर्ण रूप से नंगी मेरी आँखो के सामने खड़ी थी मैनी फॉरन अपने जिस्म से कपड़ो को जुदा किया और नंगा हो गया मैने भाभी को सोफे के किनारे पे घोड़ी बनाया और ढेर सारा थूक अपने लंड पे लगाया और भाभी की चूत मे एक ही झटके मे घुसा दिया
जिस से भाभी का थोड़ा बॅलेन्स बिगड़ गया और उनके मूह से चीख निकल गयी वो बोली आराम से करो ना मैं भाग के जा रही हू क्या मैने सॉरी बोला और दुबारा लंड डालने के लिए तैयार हो गया भाभी ने अपने गोल मटोल चुतडो को पीछे की और कर्दिया और डालने का इशारा किया मैने भाभी की कमर को थाम लिया और लंड का सुपाडा चूत मे धंसा दिया
भाभी की आह निकल गयी चूत बहुत ही चिकनी हो रही थी एक धक्का और लगाया तो आधा लंड अंदर पहुच गया मैं ऐसे ही थोड़ा थोड़ा हिलने लगा भाभी भी जोश मे आ गयी थी उन्होने अपने चुतडो को थोड़ा उपर की ओर उठा लिया ताकि मैं अच्छे से चोद सकु अबकी बार मेरा लंड जड़ तक अंदर पहुच गया था मेरे हाथ फिसलते हुवे चूचियों पे पहुच गये थे मैं काफ़ी ज़ोर ज़ोर से उनको चोद रहा था और बहुत बुरी तरह से चुचियों को दबोच रहा था भाभी लगातार चोदो चोद्दो कह कर मुझे रोमांचित कर रही थी
मैं लंड को टोपी तक बाहर निकल ता और झटके से अंदर घुसाता तो भाभी बोली इतना ज़ुल्म मत करो और अपनी भाभी को प्यार से चोदो जब बैठक मे बस थप ठप की आवाज़ गूँज रही थी मैं दनादन उनको चोद रहा था चूत से कामरस बहते हुवे मेरे अंडकोषो तक आ रहा था भाभी की जांघे भी भीग चुकी थी लगभग आधा घंटा ऐसे की चोदने के बाद मैने अपना रस चूत मे ही छोड़ दिया और ऐसे ही उनको लिए लिए सोफे पे पड़ गया