05-12-2020, 10:37 AM
(This post was last modified: 06-12-2020, 10:55 AM by odinchacha. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
2
दासी ने आते ही, राजा को नमस्कार किया और बोली – महाराज, मैं आपके लिए वक्षकुमारी का… !! … !! और आगे वो कुछ बोल पाती राजा ने उसे अपनी बाहों में भर लिया और तब दासी को एहसास हुआ की राजा तो नंगा था..
वो राजा को दूर हटाने की कोशिश करने लगी और बोली – महाराज, आप यह क्या कर रहे हैं… !! मैं तो एक दासी हूँ… !! और राजकुमारी जी का संदेश लेकर आई हूँ… !!
मगर राजा नशे में चूर था और कुछ समझ नहीं पा रहा था।
वो बोला – हाँ, तू दासी है… !! मगर, सिर्फ़ मेरी, बाकी लोगों के लिए तो तू इस राज्य की रानी है… !!
दासी को समझ में आ गया की राजा नशे में चूर है..
Ab aage
उसने राजा को बहुत समझाने की कोशिश की वो वक्षकुमारी नहीं, एक दासी है.. मगर, राजा तो बुरी तरह नशे में था और कुछ समझ नहीं पा रहा था..
और फिर उसने ज़बरदस्ती दासी को अपने बिस्तर पर पटक दिया और उसकी चोली को खोलने लगा।
![[Image: pexels-photo-193356.jpeg?auto=compress&c...pr=1&w=500]](https://images.pexels.com/photos/193356/pexels-photo-193356.jpeg?auto=compress&cs=tinysrgb&dpr=1&w=500)
दासी अपने आप को बहुत छुड़ाने की कोशिश कर रही थी.. मगर, राजा बहुत ताकतवर था इसलिए, उसकी एक ना चल पाती..
राजा, जब उसकी चोली को खोल ना पाया तो उसने उसे फाड़ कर बाहर फेंक दिया और दासी के चूचे आज़ाद हो गये..
वैसे तो, वो दासी थी.. मगर, वो भी बहुत खूबसूरत थी..
हाँ, वो राजकुमारी जितनी गोरी नहीं थी.. मगर, उसका रंग भी साफ़ था और उसके चूचे भी कसे हुए और बड़े बड़े थे..
![[Image: pexels-photo-724610.jpeg?auto=compress&c...pr=1&w=500]](https://images.pexels.com/photos/724610/pexels-photo-724610.jpeg?auto=compress&cs=tinysrgb&dpr=1&w=500)
![[Image: pexels-photo-1153430.jpeg?auto=compress&...pr=1&w=500]](https://images.pexels.com/photos/1153430/pexels-photo-1153430.jpeg?auto=compress&cs=tinysrgb&dpr=1&w=500)
अब राजा उसके चुचों को मसलने लगा और उसके होठों को चूमने की कोशिश करने लगा.. मगर, दासी कभी अपना मुंह इधर उधर करने लगी.. जिससे, राजा उसके होठों का चूँबन ना ले सके.. मगर, राजा ने उसके चूचे मसलने छोड़, उसके मुंह को अपने हाथ से पकड़ सीधा कर दिया और उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए और फिर से अपने एक हाथ से उसके चूचे वा दूसरे हाथ से उसके घाघरे के ऊपर से ही, चूत मसलने लगे..
![[Image: 0012_a.jpg]](http://porngif.top/gif/kundicky/0012_a.jpg)
दासी, बुरी तरह तड़पने लगी। क्यूंकी, वो अभी तक कुँवारी थी और उसने कभी आदमी के स्पर्श तक तो महसूस किया नहीं था और अब उसका हर अंग राजा महसूस कर रहा था।
दासी, बुरी तरह चिल्लाने लगी.. जिसे सुन, राजा के अंगरक्षक भी दहल गये.. मगर, राजा का आदेश के बिना वो कक्ष के अंदर भी नहीं जा सकते थे.. इसलिए, वो भी चुप चाप बाहर उसके चिल्लाने की आवाज़ सुनते रहे..
अब राजा ने चूची चूसना शुरू कर दिया और दासी बुरी तरह तड़पने लगी।
![[Image: tumblr_nv4sujHmze1scdih6o1_400.gif]](https://sexwall.me/wp-content/uploads/2015/10/tumblr_nv4sujHmze1scdih6o1_400.gif)
![[Image: 6531038.jpg]](https://c.xxx-cdn.com/fuckhdtube.com/d2/53/b9/240x180/Fab/6531038.jpg)
उसने यह एहसास पहले कभी महसूस नहीं किया था और राजा अब धीरे धीरे, उसके घाघरे को भी ऊपर करने लगा और दासी की जांघें बिलकुल नंगी हो गई..
![[Image: 6081731.jpg]](https://e.xxx-cdn.com/fuckhdtube.com/51/0e/37/240x180/X1a/6081731.jpg)
मगर, दासी ने अपने दोनों हाथों से घाघरे को दबा दिया.. जिससे राजा उसकी चूत को नंगा ना कर सके..
फिर राजा ने उसके दोनों हाथ अपने दोनों हाथों से पकड़ लिए और दासी के ऊपर बैठ गये।
दासी रोए जा रही थी और लगातार अपने को छोड़ने की भीख माँग रही थी.. मगर, राजा कहाँ मानने वाला था..
वो नशे में तो था ही और उससे बड़ा नशा था, “वासना” का और उसने दासी के घाघरे में अपना खड़ा लंड फँसाया और उसे कमर तक ऊपर कर दिया.. जिससे, दासी की चूत बिलकुल नंगी हो गई और राजा ने अपने लंड का सुपाड़ा दासी की चूत पर रख दिया और उसे उस पर रगड़ने लगा..
![[Image: 2000x2000.9.jpg]](https://thumb-lvlt.xhcdn.com/a/8eqgvuMkmGszT_kIoJe4Ow/008/056/151/2000x2000.9.jpg)
अब दासी से सहन नहीं हो पा रहा था।
वो अपनी कुँवारी चूत पर एक भारी भरकम लंड का एहसास कर रही थी और दूसरी और राजा उसकी चूची अपनी मुंह में दबा कर चूसे जा रहा था.. कभी कभी, हल्का सा काट भी लेता..
वो अब चिल्ला चिल्ला कर भी थक चुकी थी तो वो चुप चाप बिस्तर पर सिसकारी भरने लगी और अपने बदन को भूखे राजा के सामने हल्का छोड़ दिया।
अब राजा जो चाहता, वो उससे करा सकता था.. मगर, अचानक दासी का हाथ पानी के गिलास पर पड़ा और उसने उसे उठ कर राजा के मुंह पर मार दिया..
राजा की आँखो में पानी जाने से, वो तिलमिला गया और दासी के ऊपर से हट गया और उसे हल्का हल्का होश भी आ गया।
तब मौका देख, दासी ने सोचा – यह अच्छा मौका है, भाग जाने का… !! और वो सीधे ही “नंगे बदन”, दरवाज़े की और भागी.. मगर, फिर उसे ख़याल आया की अगर वो उस तरह बाहर गई तो शायद कई लोग उसके साथ बलात्कार कर देंगे… !! यहाँ तो, यह राजा ही उसे चोदेगा… !! यह सोच वो रुक गई..
राजा भी हल्के से होश में आ गये थे।
राजा ने उसकी और देखा और बोले – तुम तो राजकुमारी नहीं हो… !! तुम कौन हो… !! ??
यह सुन, दासी ने सोचा – शायद, राजा को होश आ गया है और वो बच गई… !! वो बोली – क्षमा करें, महाराज… !! मैं वक्षकुमारी नहीं हूँ… !! और आप मुझे राजकुमारी समझ कर मुझसे यौन क्रिया करना चाह रहे थे… !! इसलिए, मुझे आपके मुंह पर जल डालना पड़ा… !!
राजा ने अपने मुंह से पानी साफ़ करते हुए कहा – मगर, तुम हो कौन… !! ?? और हमारे कक्ष में क्या कर रही हो और हमारे अंगरक्षक ने तुम्हें अंदर कैसे आने दिया… !! ??
तब दासी ने बताया की वो क्यूँ आई थी और उसने राजा को राजकुमारी का संदेश दे दिया..
राजा ने जब उसे पड़ा तो तिलमिला गये की जिसके ख़यालों में वो खो चुके थे वो किसी और से प्यार करती है.. ..
और उन्होंने संदेश को फाड़ कर कक्ष में जल रही अंगीठी में डाल दिया और फिर वो दासी की और मुड़े और बोले – उसकी यह हिम्मत की हमारा रिश्ता ठुकरा दे… !! मैं चाहूं तो उसके राज्य को कुछ ही पल में, धूल में मिला सकता हूँ… !! और यह कहते हुए उन्होंने दासी का हाथ पकड़ लिया..
दासी डर गई और बोली – महाराज, मैं क्षमा चाहती हूँ… !! मगर, मैं तो राजकुमारी के आदेश से यहाँ आई हूँ… !! मुझे कृपा कर, छोड़ दे… !!
राजा गुस्सा में बोला – नहीं, उस घमंडी राजकुमारी को भी पता चलना चाहिए की हम क्या कर सकते हैं… !!
जल्द ही, इस कहानी का अगला भाग..
दासी ने आते ही, राजा को नमस्कार किया और बोली – महाराज, मैं आपके लिए वक्षकुमारी का… !! … !! और आगे वो कुछ बोल पाती राजा ने उसे अपनी बाहों में भर लिया और तब दासी को एहसास हुआ की राजा तो नंगा था..
वो राजा को दूर हटाने की कोशिश करने लगी और बोली – महाराज, आप यह क्या कर रहे हैं… !! मैं तो एक दासी हूँ… !! और राजकुमारी जी का संदेश लेकर आई हूँ… !!
मगर राजा नशे में चूर था और कुछ समझ नहीं पा रहा था।
वो बोला – हाँ, तू दासी है… !! मगर, सिर्फ़ मेरी, बाकी लोगों के लिए तो तू इस राज्य की रानी है… !!
दासी को समझ में आ गया की राजा नशे में चूर है..
Ab aage
उसने राजा को बहुत समझाने की कोशिश की वो वक्षकुमारी नहीं, एक दासी है.. मगर, राजा तो बुरी तरह नशे में था और कुछ समझ नहीं पा रहा था..
और फिर उसने ज़बरदस्ती दासी को अपने बिस्तर पर पटक दिया और उसकी चोली को खोलने लगा।
![[Image: pexels-photo-193356.jpeg?auto=compress&c...pr=1&w=500]](https://images.pexels.com/photos/193356/pexels-photo-193356.jpeg?auto=compress&cs=tinysrgb&dpr=1&w=500)
दासी अपने आप को बहुत छुड़ाने की कोशिश कर रही थी.. मगर, राजा बहुत ताकतवर था इसलिए, उसकी एक ना चल पाती..
राजा, जब उसकी चोली को खोल ना पाया तो उसने उसे फाड़ कर बाहर फेंक दिया और दासी के चूचे आज़ाद हो गये..
वैसे तो, वो दासी थी.. मगर, वो भी बहुत खूबसूरत थी..
हाँ, वो राजकुमारी जितनी गोरी नहीं थी.. मगर, उसका रंग भी साफ़ था और उसके चूचे भी कसे हुए और बड़े बड़े थे..
![[Image: pexels-photo-724610.jpeg?auto=compress&c...pr=1&w=500]](https://images.pexels.com/photos/724610/pexels-photo-724610.jpeg?auto=compress&cs=tinysrgb&dpr=1&w=500)
![[Image: pexels-photo-1153430.jpeg?auto=compress&...pr=1&w=500]](https://images.pexels.com/photos/1153430/pexels-photo-1153430.jpeg?auto=compress&cs=tinysrgb&dpr=1&w=500)
अब राजा उसके चुचों को मसलने लगा और उसके होठों को चूमने की कोशिश करने लगा.. मगर, दासी कभी अपना मुंह इधर उधर करने लगी.. जिससे, राजा उसके होठों का चूँबन ना ले सके.. मगर, राजा ने उसके चूचे मसलने छोड़, उसके मुंह को अपने हाथ से पकड़ सीधा कर दिया और उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए और फिर से अपने एक हाथ से उसके चूचे वा दूसरे हाथ से उसके घाघरे के ऊपर से ही, चूत मसलने लगे..
![[Image: 0012_a.jpg]](http://porngif.top/gif/kundicky/0012_a.jpg)
दासी, बुरी तरह तड़पने लगी। क्यूंकी, वो अभी तक कुँवारी थी और उसने कभी आदमी के स्पर्श तक तो महसूस किया नहीं था और अब उसका हर अंग राजा महसूस कर रहा था।
दासी, बुरी तरह चिल्लाने लगी.. जिसे सुन, राजा के अंगरक्षक भी दहल गये.. मगर, राजा का आदेश के बिना वो कक्ष के अंदर भी नहीं जा सकते थे.. इसलिए, वो भी चुप चाप बाहर उसके चिल्लाने की आवाज़ सुनते रहे..
अब राजा ने चूची चूसना शुरू कर दिया और दासी बुरी तरह तड़पने लगी।
![[Image: tumblr_nv4sujHmze1scdih6o1_400.gif]](https://sexwall.me/wp-content/uploads/2015/10/tumblr_nv4sujHmze1scdih6o1_400.gif)
![[Image: 6531038.jpg]](https://c.xxx-cdn.com/fuckhdtube.com/d2/53/b9/240x180/Fab/6531038.jpg)
उसने यह एहसास पहले कभी महसूस नहीं किया था और राजा अब धीरे धीरे, उसके घाघरे को भी ऊपर करने लगा और दासी की जांघें बिलकुल नंगी हो गई..
![[Image: 6081731.jpg]](https://e.xxx-cdn.com/fuckhdtube.com/51/0e/37/240x180/X1a/6081731.jpg)
मगर, दासी ने अपने दोनों हाथों से घाघरे को दबा दिया.. जिससे राजा उसकी चूत को नंगा ना कर सके..
फिर राजा ने उसके दोनों हाथ अपने दोनों हाथों से पकड़ लिए और दासी के ऊपर बैठ गये।
दासी रोए जा रही थी और लगातार अपने को छोड़ने की भीख माँग रही थी.. मगर, राजा कहाँ मानने वाला था..
वो नशे में तो था ही और उससे बड़ा नशा था, “वासना” का और उसने दासी के घाघरे में अपना खड़ा लंड फँसाया और उसे कमर तक ऊपर कर दिया.. जिससे, दासी की चूत बिलकुल नंगी हो गई और राजा ने अपने लंड का सुपाड़ा दासी की चूत पर रख दिया और उसे उस पर रगड़ने लगा..
![[Image: 2000x2000.9.jpg]](https://thumb-lvlt.xhcdn.com/a/8eqgvuMkmGszT_kIoJe4Ow/008/056/151/2000x2000.9.jpg)
अब दासी से सहन नहीं हो पा रहा था।
वो अपनी कुँवारी चूत पर एक भारी भरकम लंड का एहसास कर रही थी और दूसरी और राजा उसकी चूची अपनी मुंह में दबा कर चूसे जा रहा था.. कभी कभी, हल्का सा काट भी लेता..
वो अब चिल्ला चिल्ला कर भी थक चुकी थी तो वो चुप चाप बिस्तर पर सिसकारी भरने लगी और अपने बदन को भूखे राजा के सामने हल्का छोड़ दिया।
अब राजा जो चाहता, वो उससे करा सकता था.. मगर, अचानक दासी का हाथ पानी के गिलास पर पड़ा और उसने उसे उठ कर राजा के मुंह पर मार दिया..
राजा की आँखो में पानी जाने से, वो तिलमिला गया और दासी के ऊपर से हट गया और उसे हल्का हल्का होश भी आ गया।
तब मौका देख, दासी ने सोचा – यह अच्छा मौका है, भाग जाने का… !! और वो सीधे ही “नंगे बदन”, दरवाज़े की और भागी.. मगर, फिर उसे ख़याल आया की अगर वो उस तरह बाहर गई तो शायद कई लोग उसके साथ बलात्कार कर देंगे… !! यहाँ तो, यह राजा ही उसे चोदेगा… !! यह सोच वो रुक गई..
राजा भी हल्के से होश में आ गये थे।
राजा ने उसकी और देखा और बोले – तुम तो राजकुमारी नहीं हो… !! तुम कौन हो… !! ??
यह सुन, दासी ने सोचा – शायद, राजा को होश आ गया है और वो बच गई… !! वो बोली – क्षमा करें, महाराज… !! मैं वक्षकुमारी नहीं हूँ… !! और आप मुझे राजकुमारी समझ कर मुझसे यौन क्रिया करना चाह रहे थे… !! इसलिए, मुझे आपके मुंह पर जल डालना पड़ा… !!
राजा ने अपने मुंह से पानी साफ़ करते हुए कहा – मगर, तुम हो कौन… !! ?? और हमारे कक्ष में क्या कर रही हो और हमारे अंगरक्षक ने तुम्हें अंदर कैसे आने दिया… !! ??
तब दासी ने बताया की वो क्यूँ आई थी और उसने राजा को राजकुमारी का संदेश दे दिया..
राजा ने जब उसे पड़ा तो तिलमिला गये की जिसके ख़यालों में वो खो चुके थे वो किसी और से प्यार करती है.. ..
और उन्होंने संदेश को फाड़ कर कक्ष में जल रही अंगीठी में डाल दिया और फिर वो दासी की और मुड़े और बोले – उसकी यह हिम्मत की हमारा रिश्ता ठुकरा दे… !! मैं चाहूं तो उसके राज्य को कुछ ही पल में, धूल में मिला सकता हूँ… !! और यह कहते हुए उन्होंने दासी का हाथ पकड़ लिया..
दासी डर गई और बोली – महाराज, मैं क्षमा चाहती हूँ… !! मगर, मैं तो राजकुमारी के आदेश से यहाँ आई हूँ… !! मुझे कृपा कर, छोड़ दे… !!
राजा गुस्सा में बोला – नहीं, उस घमंडी राजकुमारी को भी पता चलना चाहिए की हम क्या कर सकते हैं… !!
जल्द ही, इस कहानी का अगला भाग..