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Misc. Erotica एक था राजा, एक थी दासी
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यह कहानी है, हिमालय की वादियों में बसे एक राज्य की.. जिसका नाम था, कामपुर.. ..
यह नाम, इस राज्य को इसलिए मिला था क्यूंकी यहाँ कामदेव और रति की विशेष कृपा थी.. जिसके कारण, कोई भी लड़का या लड़की इस राज्य में कुँवारा नहीं रहता था..
इस राज्य के राजा “लिंगवर्मा” थे… !!
[Image: photo-1492288991661-058aa541ff43?ixid=MX...w=500&q=60]

उसकी शरण में, राज्य बड़ा सुखी और शांत था और राजा ने अपने राज्य को और अधिक समृद्धशाली बनाने के लिए, अपने पड़ोसी राज्य योनपुर के राजा की बेटी “वक्षकुमारी” से शादी करने का प्रस्ताव लेकर राजा से मिलने गये।
राजकुमारी बहुत ही सुंदर लड़की थी… !!
[Image: pexels-photo-1386604.jpeg?auto=compress&...pr=1&w=500]

उसे जब राजा लिंगवर्मा ने देखा तो वो उसके योवन में खो गये..
राजकुमारी का गोरा रंग, दूध जैसा था..
उसके बड़े बड़े खरबूजे जैसे चूचे, जो उसकी चोली को फाड़ कर बाहर निकलने के लिए तड़प रहे थे और उसके चुत्तड़ तो बिलकुल सुडोल और बेहद आकर्षक थे… !!
[Image: beautiful-girl-in-blue-bikini-wallpaper-thumb.jpg]
जब राजा ने उसे देखा तो राजकुमारी अपनी सखी और दसियों के साथ खेल रही थी और भागने दौड़ने के कारण, उसके गाल लाल पड़ गये थे।
राजा का मन तो यह कर रहा था की अभी ही वो राजकुमारी के गालों को चूम ले.. मगर, वो कोई ग़लत काम नहीं करना चाहते थे.. इसलिए, वो सीधे ही योनपुर के राजा के महल में, उनसे उनकी बेटी का हाथ माँगने चले गये..
योनपुर के राजा, राजा लिंगवर्मा को देख बड़े खुश हुए और जब लिंगवर्मा ने उनसे उनकी बेटी का हाथ माँगा तो उन्होंने एक पल भी ना सोचा और तुरंत राजकुमारी की शादी उनसे ही करने का वचन दे दिया।
मगर, राजकुमारी ने जब राजा लिंगवर्मा को देखा तो उन्हें वो पसंद ना आए और उन्होंने जब यह बात अपने पिता और माँ को बताई की वो शादी नहीं करना चाहती तो उनके पिता गुस्सा हो गये और बोले की अब वचन दे दिया है और वो अब कुछ नहीं कर सकते… !!
अब राजकुमारी के पास कोई रास्ता ना था और फिर, उन्होंने सोचा की अगर वो राजा लिंगवर्मा को यह बोले की वो शादी नहीं करना चाहती क्यूंकी वो किसी और से प्यार करती है तो शायद राजा लिंगवर्मा अपने आप शादी से इनकार कर दे… !!
यह सोच, उन्होंने अपनी एक दासी बुलाई..
[Image: pexels-photo-1391499.jpeg?auto=compress&...pr=1&w=500]
वो अपने राज्य के किसी भी संदेश वाहक दूत को, यह काम के लिए नहीं कह सकती थी क्यूंकी फिर यह बात उनके पिताजी को पता चल सकती थी.. इसलिए, उन्होंने अपनी सबसे करीबी दासी को बुलाया था और उसे एक संदेश लिख कर दे दिया, जिसमें उन्होंने लिंगवर्मा से शादी से मना करने का लिख रखा था..

उधर राजा लिंगवर्मा, राजकुमारी के रूप में खोए हुए थे और वो अपने दरबार से भी जल्दी चले गये और अपने कक्ष में जाकर, बस वक्षकुमारी के बारे में सोचने लग गये।
वो अपने दिमाग़ से, राजकुमारी के बड़े बड़े चूचे निकाल ही नहीं पा रहे थे..

[Image: pexels-photo-1595647.jpeg?auto=compress&...pr=1&w=500]

इस मनोरोग को दबाने के लिए, उन्होंने मदिरा का सहारा लिया.. मगर, उसका उल्टा प्रभाव उनके दिमाग़ पर पड़ा और वो जहाँ देखते वहाँ उन्हें राजकुमारी ही दिखने लगी और फिर उन्होंने अपने सारे कपड़े निकाल फेंकें और नंगे ही बिस्तर पर लेट गये और अपने लंड को अपने हाथ से पकड़, हिलाने लग गये..
इतनी देर में, उनके दरवाज़े पर दस्तक हुई तथा एक अंगरक्षक ने उनसे बाहर से पूछा – महाराज, आपसे कोई मिलने आया है… !!
राजा लिंगवर्मा ने कहा – अंगरक्षक, कौन गुस्ताख है… !! अभी हम, किसी से नहीं मिल सकते… !! उनसे कहो, कल आए… !!
अंगरक्षक की आवाज़ आई – महाराज, आपसे वक्षकुमारी की दासी मिलने आई है… !! राजकुमारी का कोई संदेश लाई है… !!
राजा बुरी तरह नशे में था उसे सिर्फ़ राजकुमारी ही समझ में आया और उसके मुंह में पानी आ गया और उसने तुरंत बिना कुछ विचारे, अंगरखशक से कहा – उन्हें सम्मान के साथ अंदर भेज दो… !!
राजा यह भी भूल गये की वो कुछ नहीं पहने हैं..
फिर, दरवाज़ा खुला और दासी अंदर आई।
दासी ने मुंह नीचे कर रखा था और उसने यह नहीं देखा की राजा “नंगा” उसकी प्रतीक्षा कर रहा है..
दासी ने आते ही, राजा को नमस्कार किया और बोली – महाराज, मैं आपके लिए वक्षकुमारी का… !! … !! और आगे वो कुछ बोल पाती राजा ने उसे अपनी बाहों में भर लिया और तब दासी को एहसास हुआ की राजा तो नंगा था..

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वो राजा को दूर हटाने की कोशिश करने लगी और बोली – महाराज, आप यह क्या कर रहे हैं… !! मैं तो एक दासी हूँ… !! और राजकुमारी जी का संदेश लेकर आई हूँ… !!
मगर राजा नशे में चूर था और कुछ समझ नहीं पा रहा था।
वो बोला – हाँ, तू दासी है… !! मगर, सिर्फ़ मेरी, बाकी लोगों के लिए तो तू इस राज्य की रानी है… !!
दासी को समझ में आ गया की राजा नशे में चूर है..

मित्रो, कहानी लम्बी होने के कारण, कुछ भागों में विभाजित की गई है… !!
जल्द ही, इस कहानी का अगला भाग..
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एक था राजा, एक थी दासी - by odinchacha - 05-12-2020, 10:17 AM



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