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Adultery सहेली थी रांड
#10
अपडेट - 10
शशि की गोरी चिकनी जांघें पर उसका “काम रस” चमक रहा था और उसको मूठ मारते देखना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था!!!
इधर विमल भी बहुत तेज़ी से अपना लण्ड मसल रहा था और साथ साथ अपनी गाण्ड हिला रहा था…
ठीक मेरी ही तरह वो कभी मुझे और अवी को देख रहा था तो कभी शशि को… …
Ab aage
तभी शशि उठी और कुर्सी के ऊपर ही विमल को धक्का दे कर पेशाब करने वाले पोज़ में बैठ गई और ज़ोर से अपनी चूत रगड़ने लगी और कुछ ही पल में उसकी चूत से तेज़ धार के साथ उसकी पेशाब विमल के लण्ड के ठीक ऊपर गिरने लगी…
विमल के हाव भाव से समझ आ रहा था की शशि का उसके लण्ड पर पेशाब करना उसे बहुत उत्तेजित कर रहा है…
शशि के पेशाब करते करते ही विमल के लण्ड ने भी पिचकारी छोड़ दी… …
इधर मेरा हाल भी बुरा था, अवी के चूत सहलाने और यह सब देख कर मैं भी बुरी तरह उत्तेजित हो गई…
मैंने अवी का हाथ पकड़ कर ठीक अपनी टाँगों के बीच किया और उसके हाथों पर अपना पानी छोड़ दिया… …
अवी अपनी उंगलियाँ चाटते हुए बोला – साली साहिबा, आपकी चूत तो पागल हुई जा रही है। क्यों ना इसका इलाज मैं अपने लण्ड से कर दूँ… ?? विमल यार, आज मेरी बात मान ले, तू जी भर के मेरी पत्नी शशि को चोद और मुझे बिंदु की चूत चोद लेने दे… इतनी “गरम चुदासी चूत” तो लण्ड में आग लगा देगी, यार… अगर किसी को कोई एतराज़ है, तो अभी बोल दे…
विमल और शशि ने तुरंत हाँ बोल दिया… …
पर सब के सब हैरान हुए, जब मैंने कहा – मुझे एतराज़ है, जीजाजी… !! मेरी एक शर्त है… अगर करना ही है तो फ़ैसला हो जाए की ये अरेंजमेंट हमेशा के लिए होगा… हम चारों आपस में किसी के साथ भी, जब चाहें जो करना हो कर सकते हैं… अगर मंज़ूर है तो बोलो… …
अवी ने मेरी चूची को चूमते हुए कहा – साली साहिबा, आपने तो मेरे मन की बात कर डाली… लेकिन शायद विमल को रोज़ रोज़ अपनी “बहन चोदना” पसंद ना आए…
विमल ने शशि को अपनी गोदी में उठाते हुए कहा – अगर बहन को या बीबी को कोई प्राब्लम नहीं तो फिर इसमे कोई एतराज़ क्यों… ?? चलो एक पेग और बनायो, हमारे इस “नये रिश्ते” के लिए… …
शशि उठी और अपनी गाण्ड हिलती हुई पेग बना कर ले आई…
इधर अवी ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और शशि आकर विमल की गोद में जा बैठी…
विमल के सिवा हम सभी नंगे थे… …
अवी का “खड़ा नंगा लण्ड” मेरी गाण्ड में घुसने की पूरी कोशिश कर रहा था…
इधर मैंने देखा तो विमल शशि की चूत को हाथों से रगड़ रहा था और जब उसके ग्लास से कुछ बूँदें शशि की चूची पर गिरी तो विमल उसको चाटने लगा… …
शशि बोली – आह: मेरे भाई, ये क्या कर रहे हो… ना जाने कितने लोगों ने मेरी चुची चाटी, पर तुम्हारे जीभ लगाते ही ऐसा लग रहा है कि बस अब तो फट ही जाएगी… लो ज़ोर से चूसो ना मेरी चुची, मेरे प्यारे भैया… हाय मैं मर गई… मेरी चूत तो शोला बनी हुई है… बस करो भैया… अब नहीं रहा जाता… पेल डालो अपना “पापी लण्ड” अपनी बहन की चूत में… चोद डालो अपनी बहन की चूत… बहन चोद भैया… आह… धीरे रगड़ो नहीं, तो मैं मूत दूँगी…
विमल बोला – तो मूत ना मेरी बहना… किसने मना किया है… तेरी “मूत की गरमी” ने तो मुझे पागल कर दिया है… भर दे मेरा खाली ग्लास… देखते हैं शराब में ज़्यादा “नशा” है या तेरी “गरम मूत” में… मूत ना मेरी बहना…
शशि बोली – उम्म… मेरे भाई… आह। अपनी बहन की मूत पिएगा, बहन-चोद… ग्लास में नहीं, सीधे अपने मुँह में पी… बोल पिएगा… आहह… बोल ना…
यह कह कर शशि ने विमल को उठाया और नीचे फर्श पर लिटा दिया और उसके मुँह के ठीक ऊपर अपनी चूत खोलकर बैठ गई और अपने हाथों से ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत के उपरी हिस्से को रगड़ने लगी… …
कुछ ही पल में उसकी चूत से उसकी मूत बह निकली और उसने फ़ौरन विमल का सिर पकड़ कर अपने मुँह में घुसा लिया…
विमल भी शशि की मूत को “कोल्ड ड्रिंक” की तरह गटागट पीने लगा…
इधर शशि बहुत ज़ोर से ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी – आह… पी पी पी… पी बहन चोद पी… आ आ आ आह… पी तेरी माँ की चूत… इश्स इस्स… आह… उम्म्म… खोल अपना मुँह… और शशि विमल के बाल पकड़ कर उसके मुँह को अपनी चूत में घुसा रही थी… …
चुदाई की सेज सज चुकी थी… !!!
चार “सूरज की गरमी” से भी गरम जिस्म “वासना” में जल रहे थे… !!!
दोस्तो, कहानी जारी है…
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…
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RE: सहेली थी रांड - by odinchacha - 04-12-2020, 03:38 PM



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