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Adultery सहेली थी रांड
#8
अपडेट - 8
खैर, शशि और विमल के बैठते ही अवी मुस्कराते हुए बोला – विमल साले, तू हरामी का हरामी रहा… माँ के लौड़े, शशि की चूत को छूने की इजाज़त तुझे किस ने दी… ?? साले, बहन-चोद अपनी “बहन की चूत” पर हाथ फिरा रहा है… ??
शशि बोली – अवी, मेरे विमल भैया से शिकायत मत करो, जब तुम्हारी बारी आएगी तो बिंदु की चूत पर हाथ नहीं “जीभ” भी फिरा लेना… … …
मैं मुस्कुराने लगी और विमल की तरफ देखा। उसने मुझे तुरंत आँख मार दी…
Ab aage
तीसरी बाज़ी अवी हारा…
अब विमल ने मुझे उसकी पैंट उतारने को बोला…
शशि की ही तरह मैं भी अपने पति को देखते हुए उठी और तब समझी शशि बार बार अवी को क्यूँ देख रही थी… इस बात से ज़्यादा की मैं किसी “गैर मर्द” की पैंट उतारने जा रही हूँ, मुझे यह बात ज़्यादा पागल किए दे रही थी की मैं ऐसा अपने “पति के सामने” कर रही हूँ…
मैं चाह रही थी की विमल ऐसा करते हुए मुझे देखे और मैं भी अवी की पैंट कुछ ऐसे उतारू की मेरे पति को बस मज़ा आ जाए और उसे और अवी दोनों को ये पल ताउम्र याद रह जाए… …
मैं लगातार विमल की तरफ देख रही थी और विमल भी मुझे देख कर मुस्कुरा रहा था।
मैं अवी के पास गई और उसकी जांघों पर हाथ फेरने लगी और एक झटके से उसकी दोनों टाँगों को फेला दिया और उसकी टाँगों के बीच अपने घुटनों पर बैठ गई…
उसके दोनों घुटनों से शुरू करके उसकी जांघों को अपने हाथ से सहलाते हुए उसके लण्ड के एकदम करीब से मैं अपने हाथ ले गई और उसका बेल्ट खोल दिया…
अवी का लण्ड एकदम तना हुआ था और मुझे महसूस हो रहा था की उसने अंडरवियर नहीं पहना है… मेरा यह अंदाज़ा भी सही था की वो झड़ चुका था…
उसके पैंट पर “वीर्य का निशान” साफ दिख रहा था!!! !!
अब मैं अपनी जीभ निकाल कर उसके लण्ड के ऊपर से ले गई और “दांतो” से उसके पैंट की बटन खोल दी…
अपने दांतो में ही पकड़े पकड़े मैंने उसके पैंट को अपनी तरफ खींच जिससे उसकी जीप खुल गई और अवी का “नंगा लण्ड” उचक कर सामने आ गया… …
एकदम से लण्ड उचकने से मेरे दाँत से अवी की पैंट छूट गई और मेरे हाथ उसके “नंगे लण्ड” से जा टकराए…
अब मेरी नज़र विमल पर पड़ी और मैंने उसके चेहरे पर “परम उत्तेज्ना” के भाव देखे… वो बहुत कस कर अपने “लण्ड के टट्टो” को दबा रहा था और उसके “लण्ड का सुपाड़ा” उसकी अंडरवियर से बाहर झाँक रहा था… …
इधर अवी हंस पड़ा और बोला – क्यूँ साली साहिबा, हमारा “हथियार” पसंद नहीं आया… ?? आपकी “प्राण सखी” तो काफ़ी खुश है, इसकी क़ाबलियत से… …
उसका लण्ड किसी “नाग” की तरह फुफ्कार रहा था… उसका लण्ड विमल के लण्ड से थोड़ा सा बड़ा था… …
अब तक मेरी चूत का भी बुरा हाल था लग रहा था की बस “फट” ही जाएगी… !!
अगली गेम फिर शशि हार गई और बिना कुछ बोले वो इतराती हुई उठी और विमल के सामने जाकर खड़ी हो गई और बिल्कुल एक “पोल डांसर” की तरह इठलाती हुई अपनी टी शर्ट उतारने लगी…
अपनी चूत की ही तरह अपने मम्मे दिखाने में भी उसने दोनों मर्दों को खूब इंतेज़ार कराया…
विमल की उत्तेजना तो मैं समझ सकती थी पर अवी भी शशि के चुचे देखने के लिए जिस तरह से बेसब्र था, उससे मुझे काफ़ी आश्चर्य हुआ… …
ठीक विमल की ही तरह अवी के हाव-भाव भी ऐसे लग रहे थे की वो “शशि के चुचे” पहली बार देखने वाला हो… …
इधर आख़िर में विमल से सब्र नहीं हुआ उसने शशि की शर्ट उतार डाली… !!
अब शशि के गोरे गोरे बेहद “सुडौल मम्मे” सब के सामने थे, उसके “छोटे छोटे भूरे निप्पल” एकदम कड़े थे… …
अब मेरी सखी दो मर्दो और एक औरत के सामने पूरी “नंगी” हो गई…
एक पल को उसका “आकर्षक बदन” देख कर थोड़ी ईर्ष्या हुई पर अगले ही पल विमल ने आगे झुक कर उसके निप्पल को चूम लिया…
और मेरी चूत में फिर चीटियाँ रेंगने लगीं। ठीक उसी वक़्त अवी के लण्ड ने दूसरी बार पिचकारी छोड़ दी…
विमल की अंडरवियर भी अब तक सामने से पूरी गीली दिख रही थी और इधर मुझे ऐसा महसूस हो रहा था की मैंने सीधे “धुला हुआ लोवर” ही पहन लिया हो… …
तभी अवी बोल पड़ा – बहन-चोद विमल, ये फाउल है… मादार-चोद तेरी बीवी अब तक एक भी गेम नहीं हारी और मेरी को तू पूरा नंगा कर चुका है और तो और भोसड़ी वाले अपनी बहन का दूध भी पी रहा है… …
विमल बोला – यार, तू भी मेरी बीवी को हरा दे और कर दे नंगा, मुझे कोई एतराज़ नहीं… तेरी तरह मैं भी बेसब्र हूँ अपनी बीवी को तेरे सामने नंगा होते देखने के लिए।। …
दोस्तो, कहानी जारी है…
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…
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RE: सहेली थी रांड - by odinchacha - 04-12-2020, 03:37 PM



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