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Adultery सहेली थी रांड
#6
अपडेट - 6
विमल के मुँह से निकल ही गया – उफ़ बहन-चोद कितनी “सेक्सी” हैं ये दोनों औरतें, यार… !!!
अवी तो बस मुँह खोल कर देखता ही रह गया…
तभी शशि बोली – यार, गरमी बहुत थी, तो हमने चेंज कर लिया… पसीने से भीग रही थी, हम दोनों… तुम लोग तो यहाँ “एसी” में बैठे हो और हम औरतों को किचन में काम करना पड़ता है… मेरे तो बूब्स से पसीना नीचे तक जा रहा था… उफ़, बिंदु यहाँ कितना आराम मिल रहा है… चल बैठ कर शराब के मज़े लेते हैं… …
Ab aage
विमल ने इधर ताश की गड़ी उठा ली और बोला – चलो दोस्तो, कुछ मस्ती हो जाए… सब कार्ड्स खेलते हैं… सभी का मनोरंजन हो जाएगा, क्यों बिंदु खेलोगी… ??
मैं भी अब इस “सेक्स के खेल” में शामिल होने को बेताब थी… !!
मैं बोली – यार, आज जो खेल भी खेलोगे मैं तुम्हारे साथ हूँ… मुझे लगता है की आज का दिन हम भुला नहीं पाएँगे… लेकिन खेल की शर्त क्या होगी… ?? हारने वाला कितने पैसे देगा, जीतने वाले को… ?? भाई, मेरे पास तो बस “500 रुपये” हैं…
तो अवी बोल उठा – मेरी प्यारी साली साहिबा, अँग्रेज़ लोग एक खेल खेलते हैं – “स्ट्रीप पोकर” वो ही क्यों ना खेला जाए… जो हारता है, अपने जिस्म से उसे एक कपड़ा उतारना पड़ता है… मेरी शशि को ये खेल बहुत पसंद है, क्यों, है ना जान… ??
शशि हंस पड़ी और बोली – यार, “नंगी” तो आज हमे होना ही है, फिर “ताश के खेल” में कुछ अदा से ही क्यों ना हुआ जाए… ?? मज़ा औरत को नंगी देखने में नहीं, असल मज़ा तो उसके नंगी होने के अंदाज़ में है… …
मैंने सोचा शशि को मर्दो को लुभाने की हर कला मालूम है और एक मैं हूँ जो अपने पति को ही खुश नहीं रख पाई… मैंने शशि की इस बात को गाँठ बंद लिया की “असल मज़ा औरत के नंगी होने के अंदाज़ में है”… …
अवी और विमल, वो ही प्लान बना कर बैठे थे जो मैं और शशि बना कर आए थे…
इधर, मुझे अपने जीजाजी से चुदने से ज़्यादा उत्तेज्ना इस बात की हो रही थी की मैं विमल के सामने चुदुंगी… …
खेल अभी शुरू भी नहीं हुआ था पर इसी विचार से मेरी चूत ने एकदम से पानी छोड़ दिया… …
खैर, अब हम चारों बैठ गये और विमल ने कार्ड्स बाँट दिए और मुझसे बोले – बिंदु, मेरी जान… अभी से सोच लो, अगर हार गई तो सभी के सामने कपड़े उतारने पड़ेंगें…
मैं भी अब “वासना और शराब” के नशे में थी, मज़े की बात तो यह थी विमल के लिए मेरे दिल से मैल धूल सा गया था…
मैं विमल से बड़े दिनों बाद पूरे प्यार और कशिश से बोली – मेरे “प्यारे पति देव” को अगर अपनी “पत्नी को नंगा” दिखाने में कोई शरम नहीं है तो भला पत्नी को क्या एतराज़ होगा… आप तो मेरे परमेश्वर है, आप जो कहेंगे मुझे करना पड़ेगा…
और सभी ज़ोर से हंस पड़े…
आपको ज़रूर कुछ अजीब लगे पर मैंने महसूस किया की विमल की आँखों में मेरी लिए प्यार था!!! !!
खैर, पहली गेम विमल हारा…
शशि ने तुरंत आगे बढ़ कर कहा – विमल भैया की पैंट उतारी जाए…
हम सभी ने हंस कर मंज़ूरी दे दी और सिर्फ़ इस एहसास से की मेरा पति अब दो और लोगों के सामने नंगा होने वाला है, मेरी चूत ने फिर पानी छोड़ दिया…
मैं लोवर के नीचे पैंटी नहीं पहनी थी, जिससे मेरी चूत के आस पास मेरा लोवर गीला हो चुका था। सो, मैं टाँग पर टाँग चड़ा कर बैठ गई…
इधर, शशि बड़ी अदा से विमल के सामने अपने घुटने मोड़ कर बैठी और अवी की तरफ देखते हुए विमल की बेल्ट खोलने लगी…
फिर उसने बड़ी धीरे से उसकी पैंट की बटन और ज़िप खोली और धीरे धीरे उसे नीचे सरका दिया…
शशि अपने होंठों पर जीभ फिरा रही थी और लगातार अवी की तरफ देख रही थी और अवी का हाथ अंजाने में ही अपने लण्ड को पैंट के ऊपर से सहला रहा था…
इधर, विमल मेरी तरफ देख रहा था और मुस्कुरा रहा था, उसके दोनों हाथ अपने सिर के पीछे थे और उसकी पैंट अब उतर चुकी थी… वो अब सिर्फ़ अंडरवियर पहने हुए बैठा था, जिसमे उसके लण्ड का उभार साफ दिख रहा था…
उसको कोई शरम नहीं थी की उसका लण्ड ताना हुआ था…
और यहाँ मुझे विमल के लण्ड को अपने मुँह में लेने की बहुत तीव्र इच्छा हो रही थी, जो थोड़ा अजीब था क्यूंकी आम तौर पर मुझे लण्ड चूसना इतना पसंद नहीं था… …
अब शशि ने अवी को आँख मारते हुए विमल की जांघों पर हाथ फेरा तो विमल सिसक उठा, उसकी आँखें बंद हो गईं और उसका सिर छत की तरफ उठ गया और मुँह से – आहह: की आवाज़ निकल गई… …
दोस्तो, कहानी जारी है…
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…
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RE: सहेली थी रांड - by odinchacha - 04-12-2020, 03:36 PM



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