04-12-2020, 03:34 PM
उसका निचे का पेंटी तक उतार दिया और दोनों पैरो को अलग अलग कर के मैंने चूत के बिच में आ गया और छोटे छोटे भूरे बालों को जो की चूत पर था, मैंने सहलाते हुए वह पर एक जोर का किश किया. वो सिहर गई. मैंने फिर से चूमा वो मुस्कुरा दी. और बोली गुदगुदी हो रही है. मैंने कहा अच्छा और फिर जोर जोर से चूमने लगा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.