04-12-2020, 03:27 PM
UPDATE - 5
कुछ पल मैं फिर होश आया तो मैंने शशि से कहा – साली छीनाल, तू मुझे भी रंडी बना कर ही रहेगी… तूने मुझे आज बहुत ज़्यादा गरम कर दिया है, और ऊपर से ये साली शराब का नशा… आज जो होना है हो जाने दो… मुझे अपने पति के साथ चुदाई कर लेने दे और तू मेरे पति से चुदवा ले, मेरी छन्नो… …
मुझसे अब खुद पर काबू नहीं हो रहा था और मैंने शशि की चूची मसल डाली… …
मेरी साँस बहुत तेज़ी से चल रही थी… …
Ab aage
शशि बोली – अब यह हुई ना बात… … चल फिर बिंदु, पहले हम कपड़े बदल लें… इस से काम ज़्यादा आसान हो जाएगा…
शशि मुझे अपने रूम में ले गई और उसने आनन फानन में अपने सारे कपड़े उतार दिए…
वो मेरे सामने पूरी “नंगी” थी… एक “ब्यूटीशियन” होने का असर उसके अंग अंग में झलक रहा था… …
एक लड़की होकर मैं एक लड़की को नंगा देख कर उत्तेजित हो रही थी, ना जाने क्या हो रहा था मुझको…
अपने “गोल सुडौल मम्मे और गाण्ड” पर मैं बहुत इतराती थी पर शशि का पूरा बदन मुझसे ज़्यादा “सुडौल और आकर्षक” था… उसका पूरा बदन चमक रहा था और ग़ज़ब की चिकनाहट थी उसके शरीर पर…
शशि ने अपनी नाभि को छिदवा रखा था…
ख़ासतौर पर मेरा ध्यान उसकी चूत पर गया जिसका रंग बिल्कुल उसके बदन जैसा ही “दूधिया” था… उसकी चूत पूरी शेव थी और एकदम “चिकनी और गोरी” थी… !!!
बदन तो मेरा भी कम नहीं था पर मेरी “चूत का रंग” मेरे बाकी बदन से थोड़ा डार्क था… !!!
खैर, उसने अलमारी से कपड़े निकाले और एक खुला हुआ घुटनों तक पहुँचने वाला लोवर और बिना बाज़ू की शर्ट पहन ली और मुझे भी ऐसी ही एक और ड्रेस दे दी… …
ना जाने क्यूँ, मेरा भी मन कर रहा था की मैं शशि के सामने पूरी नंगी हो जाऊँ और वो मेरे “नंगे बदन” को निहारे… !!!
जिंदगी में पहली बार मैं “नंगी” होने को बेताब हो रही थी…
जब मैंने अपनी साड़ी और ब्लाउज उतरा तो मेरी तरह शशि भी मस्ती से भर गई…
मैंने ब्रा का हुक इतनी ज़ोर से खोला की वो टूट गया, शशि ने मेरे पेटीकोट का नाडा खोला और मेरी “नंगी चूत” शशि के सामने थी… …
मैंने नीचे पैंटी नहीं पहनी थी और मेरी चूत पूरी गीली थी… …
शशि का हाल भी कुछ मेरे जैसे ही था उसने फ़ौरन मेरी “नंगी गीली चूत” को मुट्ठी में भर कर कस लिया और एक हाथ से मेरे निप्पल को मरोड़ दिया… …
मेरी चूत इतनी गीली थी की शशि का हाथ गीला हो गया!!!
अब वो बोली – मादार-चोद छीनाल, तू तो बहुत गरम हो गई है, मेरे पति से चुदने के विचार से… अवी “पटक पटक” कर चोदेगा तुझे, मेरी बन्नो… साली, तेरी चूत से तो अभी से “गंगा जमुना” बह रही है… हाय, क्या मज़ा आने वाला है यार… मेरा पति मेरे सामने तुझे चोदेगा और मैं अपने पति के सामने चुदूँगी, वो भी अपने “चचेरे भाई” से… यार, कसम से कहती हूँ, इतना “एक्साइटमेंट” मुझे कभी नहीं हुआ, आज तक… चल अब अंदर जा कर देखते हैं इन कपड़ों में क्या बिजलियाँ गिराती है, तू मेरे “पति देव” पर…
मैंने भी अब जल्दी से कपड़े पहन लिए… लोवर और शर्ट के नीचे हम दोनों बिल्कुल नंगी थीं… …
शर्ट का गला तो इतना “लो कट” था की अवी को कल्पना की कोई ज़रूरत ही नहीं बचनी थी… …
जब मैं अंदर जाने के लिया मूडी तो शशि ने मेरी गाण्ड पर ज़ोर से चांटा मारा तो मेरी तो चीख ही निकल गई!!!
मैं बोली – शशि, साली रांड़… मार क्यों रही है, साली… ??
शशि मुस्कुराती हुई बोली – हरामजादी, क्या “मस्त गाण्ड” है तेरी… मेरा पति तेरी इस “गोल मटोल गाण्ड” पर चांटे ज़रूर मरेगा… अच्छा ये बता, तूने अभी तक अपनी गाण्ड का उद्घाटन किया या नहीं… ??
मैं बोली – नहीं यार, विमल ने बहुत बार कहा पर मुझे डर लगता है… !!!
शशि बोली – बहन की लौड़ी, चूत खुलने में दर्द नहीं होता क्या… चल कोई बात नहीं पर आज तैयार रहना… मेरा पति नहीं छोड़ने वाला, तुझे… तेरी गाण्ड फटना तो आज तय है… …
बातें करते करते जब हम दोनों कमरे में पहुँचे तो मर्दों की आँखें खुली की खुली रह गईं…
विमल के मुँह से निकल ही गया – उफ़ बहन-चोद कितनी “सेक्सी” हैं ये दोनों औरतें, यार… !!!
अवी तो बस मुँह खोल कर देखता ही रह गया…
तभी शशि बोली – यार, गरमी बहुत थी, तो हमने चेंज कर लिया… पसीने से भीग रही थीं, हम दोनों… तुम लोग तो यहाँ “एसी” में बैठे हो और हम औरतों को किचन में काम करना पड़ता है… मेरे तो बूब्स से पसीना नीचे तक जा रहा था… उफ़, बिंदु यहाँ कितना आराम मिल रहा है… चल बैठ कर शराब के मज़े लेते हैं… …
दोस्तो, कहानी जारी है…
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…
मुझसे अब खुद पर काबू नहीं हो रहा था और मैंने शशि की चूची मसल डाली… …
मेरी साँस बहुत तेज़ी से चल रही थी… …
Ab aage
शशि बोली – अब यह हुई ना बात… … चल फिर बिंदु, पहले हम कपड़े बदल लें… इस से काम ज़्यादा आसान हो जाएगा…
शशि मुझे अपने रूम में ले गई और उसने आनन फानन में अपने सारे कपड़े उतार दिए…
वो मेरे सामने पूरी “नंगी” थी… एक “ब्यूटीशियन” होने का असर उसके अंग अंग में झलक रहा था… …
एक लड़की होकर मैं एक लड़की को नंगा देख कर उत्तेजित हो रही थी, ना जाने क्या हो रहा था मुझको…
अपने “गोल सुडौल मम्मे और गाण्ड” पर मैं बहुत इतराती थी पर शशि का पूरा बदन मुझसे ज़्यादा “सुडौल और आकर्षक” था… उसका पूरा बदन चमक रहा था और ग़ज़ब की चिकनाहट थी उसके शरीर पर…
शशि ने अपनी नाभि को छिदवा रखा था…
ख़ासतौर पर मेरा ध्यान उसकी चूत पर गया जिसका रंग बिल्कुल उसके बदन जैसा ही “दूधिया” था… उसकी चूत पूरी शेव थी और एकदम “चिकनी और गोरी” थी… !!!
बदन तो मेरा भी कम नहीं था पर मेरी “चूत का रंग” मेरे बाकी बदन से थोड़ा डार्क था… !!!
खैर, उसने अलमारी से कपड़े निकाले और एक खुला हुआ घुटनों तक पहुँचने वाला लोवर और बिना बाज़ू की शर्ट पहन ली और मुझे भी ऐसी ही एक और ड्रेस दे दी… …
ना जाने क्यूँ, मेरा भी मन कर रहा था की मैं शशि के सामने पूरी नंगी हो जाऊँ और वो मेरे “नंगे बदन” को निहारे… !!!
जिंदगी में पहली बार मैं “नंगी” होने को बेताब हो रही थी…
जब मैंने अपनी साड़ी और ब्लाउज उतरा तो मेरी तरह शशि भी मस्ती से भर गई…
मैंने ब्रा का हुक इतनी ज़ोर से खोला की वो टूट गया, शशि ने मेरे पेटीकोट का नाडा खोला और मेरी “नंगी चूत” शशि के सामने थी… …
मैंने नीचे पैंटी नहीं पहनी थी और मेरी चूत पूरी गीली थी… …
शशि का हाल भी कुछ मेरे जैसे ही था उसने फ़ौरन मेरी “नंगी गीली चूत” को मुट्ठी में भर कर कस लिया और एक हाथ से मेरे निप्पल को मरोड़ दिया… …
मेरी चूत इतनी गीली थी की शशि का हाथ गीला हो गया!!!
अब वो बोली – मादार-चोद छीनाल, तू तो बहुत गरम हो गई है, मेरे पति से चुदने के विचार से… अवी “पटक पटक” कर चोदेगा तुझे, मेरी बन्नो… साली, तेरी चूत से तो अभी से “गंगा जमुना” बह रही है… हाय, क्या मज़ा आने वाला है यार… मेरा पति मेरे सामने तुझे चोदेगा और मैं अपने पति के सामने चुदूँगी, वो भी अपने “चचेरे भाई” से… यार, कसम से कहती हूँ, इतना “एक्साइटमेंट” मुझे कभी नहीं हुआ, आज तक… चल अब अंदर जा कर देखते हैं इन कपड़ों में क्या बिजलियाँ गिराती है, तू मेरे “पति देव” पर…
मैंने भी अब जल्दी से कपड़े पहन लिए… लोवर और शर्ट के नीचे हम दोनों बिल्कुल नंगी थीं… …
शर्ट का गला तो इतना “लो कट” था की अवी को कल्पना की कोई ज़रूरत ही नहीं बचनी थी… …
जब मैं अंदर जाने के लिया मूडी तो शशि ने मेरी गाण्ड पर ज़ोर से चांटा मारा तो मेरी तो चीख ही निकल गई!!!
मैं बोली – शशि, साली रांड़… मार क्यों रही है, साली… ??
शशि मुस्कुराती हुई बोली – हरामजादी, क्या “मस्त गाण्ड” है तेरी… मेरा पति तेरी इस “गोल मटोल गाण्ड” पर चांटे ज़रूर मरेगा… अच्छा ये बता, तूने अभी तक अपनी गाण्ड का उद्घाटन किया या नहीं… ??
मैं बोली – नहीं यार, विमल ने बहुत बार कहा पर मुझे डर लगता है… !!!
शशि बोली – बहन की लौड़ी, चूत खुलने में दर्द नहीं होता क्या… चल कोई बात नहीं पर आज तैयार रहना… मेरा पति नहीं छोड़ने वाला, तुझे… तेरी गाण्ड फटना तो आज तय है… …
बातें करते करते जब हम दोनों कमरे में पहुँचे तो मर्दों की आँखें खुली की खुली रह गईं…
विमल के मुँह से निकल ही गया – उफ़ बहन-चोद कितनी “सेक्सी” हैं ये दोनों औरतें, यार… !!!
अवी तो बस मुँह खोल कर देखता ही रह गया…
तभी शशि बोली – यार, गरमी बहुत थी, तो हमने चेंज कर लिया… पसीने से भीग रही थीं, हम दोनों… तुम लोग तो यहाँ “एसी” में बैठे हो और हम औरतों को किचन में काम करना पड़ता है… मेरे तो बूब्स से पसीना नीचे तक जा रहा था… उफ़, बिंदु यहाँ कितना आराम मिल रहा है… चल बैठ कर शराब के मज़े लेते हैं… …
दोस्तो, कहानी जारी है…
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…