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Adultery सहेली थी रांड
#4
UPDATE - 4
शशि जानबुझ कर अपनी गाण्ड मटकाती हुई विमल के सामने गई और उसकी जांघों पर हाथ फिरती हुई बात करने लगी…
मेरा पल्लू भी सरक गया और अवी मेरे अधनंगे वक्ष एक “भूखे जानवर” की तरह देखने लगा…
अब मेरा मन भी कर रहा है था कि मैं एक पेग पी ही लूँ…
पीना सिर्फ़ मर्दों का ही अधिकार तो नहीं है, क्यों जीजू… ?? कहते हुए मैं आगे की तरफ और झुक गई, जिसस से मेरी चूची अवी के सामने लगभग “पूरी नंगी” हो गई… … …
Ab aage
उधर विमल ने भी शशि को अपनी तरफ खींच लिया और शशि ने अपना सिर उसके सीने पर रख दिया।
विमल ने कहा – मुझे कोई एतराज़ नहीं, अगर तुम लोग पीना चाहते हो… क्यों अविनाश… ?? हो जाए थोड़ी से मस्ती… लेकिन मेरी बहना, कहीं पी कर बहक मत जाना… !!
शशि ने भी अपनी बाहें विमल के गले में डालते हुए कहा – भैया राजा, अगर बहक भी गई, तो क्या होगा… ?? यहाँ मैं आपकी बहन हूँ और बिंदु लगती है अवी की साली… भाई बहन में कोई भेद होता नहीं और साली तो होती ही है “आधी घरवाली” क्यों अवी… ??
वो बस हंस पड़ा और मेरे कंधों पर हाथ फेरने लगा… !!
मेरा बदन अब “सेक्स की आग” से जलने लग पड़ा था… …
भैया, हमको भी दो ना… मैं ग्लास ले कर आई – कह कर शशि किचन से ग्लास लेने चली गई।
जब वो चल रही थी तो विमल बिना किसी शरम के शशि के “मादक कूल्हे” निहार रहा था और ये अवी भी देख रहा था।
विमल यार, तू तो बहुत बेशरम हो गया है… बहन-चोद अपनी “बहन की गाण्ड” घूर रहा है, वो भी “सगे चाचा की लड़की” की… साले शशि मेरी पत्नी है… !! बिंदु यहाँ है, उसको गाण्ड देख, अच्छी तरह…
विमल भी हंस कर बोला – मेरे यार, यारों में तेरा क्या और मेरा क्या… जो मेरा है, वो तेरा है और जो तेरा है, वो मेरा है… अब तेरी पत्नी पर मेरा भी तो कुछ हक है की नहीं… ?? जब तू बिंदु को “आलिंगन” में ले रहा था तो मैंने कुछ बोला… ?? यारों में सब कुछ बाँट लिया जाता है, अगर दोनों को एतराज़ ना हो… चल एक और पेग बना… आज का दिन यादगार बना देते हैं… …
तभी शशि आ गई और उसने दो पेग बना लिए…
मैं बहुत कम पीती हूँ और मुझे जल्दी ही नशा हो जाता है…
शराब कड़वी थी, तो मैंने कहा – शशि यार, साथ में कुछ नमकीन नहीं है… ?? ये बहुत ही कड़वी है… मैंने घूँट भरते हुए कहा।
शशि बोली – चल, हम किचन में जा कर एग्स फ्राइ कर लेते हैं… ये दोनों भी खा लेंगे… क्यों अवी एग्स खायोगे… ??
अवी हंस कर बोला – जानेमन, आज तो तुम लोगों को खा जाने का मन कर रहा है… अगर खिलाना ही है तो थोड़े अपने “आम” चुसवा लो, हम दोनों से… क्यों विमल… ?? और अगर आपको कुछ खाना है, तो हमारे “केले” हाज़िर हैं… !!!
मेरा तो शरम से बुरा हाल हो गया, उसकी बेशरामी की बात सुन कर पर शशि उससे ज़्यादा बेशर्मी से बोली – खा लेंगें आपके “केले” भी अवी… लेकिन अगर केले में दम ना हुआ तो… ?? वैसे मैं और बिंदु भी बहुत भूखी हैं… ऐसा ना हो हम केले के साथ आपके “लुकाट” भी चूस लें… …
सभी ज़ोर से हंस पड़े और मैं और शशि किचन में एग्स फ्राइ करने चले गये…
पहुँचते ही शशि ने मेरे ब्लाउज में हाथ डाल कर मेरी चूची मसल डाली और बोली – बिंदु मेरी जान, क्यों ना आज ही पति बदल कर टेस्ट किया जाए… अवी और विमल अब पूरे नशे में हैं… हमको कुछ करने की ज़रूरत नहीं है… विमल भैया, तो कब से मुझे “सेक्सी नज़रों” से घूर रहे हैं और अवी तो कल्पना में तेरे कपड़े उतार रहा है… क्यों ना देखा जाए की विमल को मैं कैसी लगती हूँ और तुझे अवी का लण्ड कैसा लगता है… एक बार खुल गये तो हम लोग बिना किसी डर के “फ्री सेक्स” की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं… मेरी रानी, आज कल “ग्रूप सेक्स” का बहुत फैशन है… खूब मज़े करेंगे।। ज़रा सोच मेरी छन्नो, तू अपने पति के सामने चुदेगी और मैं अपने पति के सामने… “पचासों लण्ड” खा कर मुझे वो मज़ा नहीं आया, जो सिर्फ़ अपने पति के सामने चुदने की कल्पना कर के आ रहा है… सोच मत मेरी जान, बस कर डाल… ठीक है… ??
सच में अपने पति के सामने चुदने की बात सोच कर मेरी चूत भी अपने पूरे शबाब पर थी… मेरा “अंग अंग” मचल रहा था…
जी चाह रहा था, बस अभी “नंगी” हो जाऊं… …
ऐसा लग रहा था मेरे अंदर एक “आग” भड़क उठी हो… !!
मुझे अवी एक “कामुक मर्द” नज़र आ रहा था और मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था…
वासना अब मेरे सिर पर “नंगा नाच” नाच रही थी और उत्तेजना में आ कर मैंने शशि को आलिंगन में ले लिया और उसके होंठों को बेतहाशा चूमने लगी… …
कुछ पल मैं फिर होश आया तो मैंने शशि से कहा – साली छीनाल, तू मुझे भी रंडी बना कर ही रहेगी… तूने मुझे आज बहुत ज़्यादा गरम कर दिया है, और ऊपर से ये साली शराब का नशा… आज जो होना है हो जाने दो… मुझे अपने पति के साथ चुदाई कर लेने दे और तू मेरे पति से चुदवा ले, मेरी छन्नो… …
मुझसे अब खुद पर काबू नहीं हो रहा था और मैंने शशि की चूची मसल डाली… …
मेरी साँस बहुत तेज़ी से चल रही थी… …
मेरा अपने आप पर काबू नहीं रहा था…
“औरत की वासना” क्या होती है, इसका एहसास मुझे आज हुआ था… !!!
दोस्तो, कहानी जारी है…
जल्द ही आगे की कहानी हाज़िर करुँगी… …
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…

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RE: सहेली थी रांड - by odinchacha - 04-12-2020, 03:26 PM



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