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Adultery सहेली थी रांड
#2
UPDATE - 2

शशि ने उस दिन बहुत ही टाइट जीन्स पहनी हुई थी, जिससे उसके नितंब बहुत उभरे हुए थे…
ब्लू जीन्स के ऊपर उसने सफेद टी शर्ट पहनी हुई थी, जिसमें उसके भारी वक्ष बाहर आने को तड़प रहे थे!!! उसके निप्पल भी कड़क थे और बाहर निकलने को बेताब दिख रहे थे!!! !!
विमल भैया, कैसे हो… ?? अपनी शशि की कभी याद नहीं आई, भैया… ?? आप तो हमको भूल ही गये लगता है – कहते हुए शशि मेरे पति के गले लग गई और विमल ने उसको आलिंगन में ले लिया।
दोनों ऐसे मिल रहे थे जैसे “बिछड़े आशिक” मिल रहे हों… !!!
Ab aage
इधर अविनाश ने इसका बिल्कुल बुरा नहीं माना और वो मेरी तरफ बढ़ा और मैं उसकी बाहों में समा गई – जीजाजी, क्या हाल हैं… ?? आप ने तो कभी फोन भी नहीं किया… क्या बात है, शशि ने ऐसा क्या जादू कर दिया है; जो हम याद ही ना रहे, जीजाजी… ??
अविनाश ने मुझे आलिंगन में लेकर प्यार से मेरी पीठ पर हाथ फेरा और बोला – क्या बताऊँ बिंदु, काम में इतना व्यस्त हो गया था की टाइम ही नहीं मिला… अब आराम से मिलेंगे… बस इस हफ्ते मुझे टूर पर जाना है, अगले वीक मैं फ्री हूँ… विमल भैया, आप फ्री होंगे क्या अगले वीक… ?? पार्टी करेंगे!! इसी बहाने हमारी बीबियाँ खुश हो जाएँगी और हम भी दो दो पेग पी लेंगें…
विमल हंस कर बोला – ठीक है, मैं भी इस हफ्ते टूर कर लेता हूँ और अगला हफ़्ता फ्री रख लेता हूँ… …
मैंने देखा की विमल का हाथ शशि की चूची पर रेंग रहा था…
उधर अविनाश ने भी मेरी चूची को अंजाने में या जानबूझ कर दबा दिया!!!
मेरे जिस्म में भी एक करेंट सा लगा और मैं तरतरा गई… …
थोड़ी देर में विमल और अवी पीने लग पड़े और हम दोनों सहेलियां गप्पे मारने लग पड़ीं…
शशि बोली – अब बता, मेरी बन्नो… कोई नया यार बनाया की नहीं… ?? या फिर सिर्फ़ भैया से ही चुदवा रही है… ?? भैया तो नये शिकार की तलाश में लग रहे है… !! बिंदु मेरी रानी, मर्द एक औरत से बँध कर नहीं रह सकता… …
मैं हंस कर बोली – और मेरी जान, तेरे जैसी “चालू लड़की” एक मर्द से खुश नहीं रह सकती… !! अब यहाँ मेरे पति को पटाने आई है, छीनाल… ?? साली, रांड़ याद रखना विमल तेरा भाई भी है… … कहीं अपनी आदत से मजबूर हो कर मेरे पति को “बहन-चोद” ही ना बना देना… सोच ले, नहीं तो मैं भी तेरे पति को पटा लूँगी… … …
अब शशि मेरे गले में बाहें डालती हुई बोली – बिंदु, मेरी रानी, तेरा पति तो है ही “बहन-चोद” ना जाने कब से बहन-बहन बोल कर मेरे साथ फ़्लर्ट करता रहा है… अभी भी मेरे प्यारे भैया राजा, मेरी चूची पर हाथ फेर रहे थे… … दिखाई नहीं दिया था, मेरी छन्नो… और फिर मर्द और लण्ड का कोई “धर्म ईमान” नहीं होता… जहाँ औरत देखी, चोदने की प्लान बना लेते हैं, ये लोग… अविनाश कौन सा कम है… अगर मौका मिले तो अभी तुझे चोद डाले… मर्द ज़ात तो होती ही है कुत्ती… देख मैं मानती हूँ की मैं हूँ “सेक्स से भरी हुई कुतिया” जिसकी तसल्ली एक लण्ड नहीं करवा सकता… और रंडी की बच्ची, तू भी वही है… सच बात तो यह है की तुझे मौका नहीं मिला, छीनाल… अब छोड़ ये सब और बता अभी तक कोई यार बनाया है की नहीं… ??
मैंने अब शशि को बता दिया कि विमल के साथ सेक्स में अब वो मज़ा नहीं रहा, लेकिन मैंने कोई यार नहीं बनाया… या कहूँ बना नहीं…
फिर शशि बोली – यार, मैं तो खुलम खुला बोलती हूँ कि मैं हूँ “चुदाई की भूखी रंडी” और अगर तू या कोई भी औरत सच में एक औरत है और उसको चूत में कोई प्राब्लम नहीं है तो उसका भी मन तरह तरह के लण्ड ज़रूर लेना चाहता होगा… भले ही बहन की लौड़ी ऊपर से कितनी ही शरीफ क्यूँ ना बने… देख मैं तो उस औरत या मर्द की पूजा करूँगी, जिसने चूत या लण्ड सामने होते हुए सेक्स नहीं किया हो… बता, है आज की दुनिया में कोई ऐसा… ?? अब किसी मर्द का लण्ड चूत में लेने का कभी मौका ही नहीं मिला और तू कहे की मैं “सती सावित्री” हूँ, भले ही ना जाने किस किस के नाम की मूठ मारती हो; ये कौन सा “सावित्रीपना” है… ?? ?? चल खैर, छोड़ ये सब… अब मेरी बात बहुत ध्यान से सुन… हम अब ऐसा करेंगे कि तू अवी को पटा लेना और मैं विमल भैया को पटा लूँगी… एक एक बार चुदवा कर हम “परमानेंट स्वैपिंग” करने का माहौल बना लेंगे… जब अवी तुझे और विमल मुझे चोदना चाहेगा, तो हम दोनों ये काम खुलाम खुला करने की शर्त रखेंगे… बस फिर तो सब हमाम में नंगे हो जाएँगे… बोल क्या बोलती है… ??
मैं सोच में थी और मुझे कोई जवाब नहीं सूझ रहा था… !!
जल्द ही आगे की कहानी हाज़िर करुँगी… …
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…
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RE: सहेली थी रांड - by odinchacha - 04-12-2020, 03:22 PM



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