Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
अजीब दुनिया ।
#21
रविवार की दोपहर थी। हल्की सी धूप और थोड़ी सी ठंडी हवा। शिल्पा घर से बाहर निकली फाइल और जरूरी सामान लेकर । नटवर के घर की तरफ चल दी । गांव के किनारे हिस्से नदी के बिल्कुल पास नटवर का घर था। खूब सारे पेड़ पौधे और बीच में घर । पीछे की तरफ नदी कि सुंदरता । शिल्पा घर के बहुत नजदीक आ गई । बहुत ही सन्नाटा और बढ़ते कदम के साथ ज़मीन पे पड़ी सूखे पत्तो की दबती आवाज़ । शिल्पा ने करीब आकर देखा कि दरवाजा बंद था । मतलब नटवर नहीं है । शिल्पा ने सोचा कि शायद कहीं बाहर गया हुआ होगा । अभी मन में ये सोच आया ही था कि नदी से किसी के होने की आवाज़ आईं । शिल्पा नदी कि तरफ देखी तो नटवर का काला शरीर नदी में गोते खा रहा था । इतनी ठंड में नदी के हल्के लेहरो में वो नहाने का आनंद ले रहा था । नटवर के जिस्म पे सफेद बाल और मोटा शरीर शिल्पा कि आंखो के सामने था । नटवर पीछे मुड़ा तो शिल्पा को सामने पाया। नटवर किनारे पड़ी धोती की तरफ गया। चोट से लंगोट से नटवर का पूरा शरीर दिख था था । बहुत ही काला शरीर नटवर का जैसे कोई अफ्रीका का आदमी हो । नटवर धोती पहनकर ऊपर बिना कपड़े के शिल्पा से पास आया ।

"तुम आ गई शिल्पा ? क्या बात है ।"

"इतने ठंड में नदी में नहा रहे थे ?"

"हां बिल्कुल मजा आता है इसमें । तुमको भी नहाना चाहिए ।" नटवर ने तिरछी मुस्कान से कहा ।

शिल्पा को अजीब लगा। नटवर ने घर का दरवाजा खोला । मिट्टी का बना हुआ कच्चा घर । घर के बाहर तीन गाय और अंदर दो तोते वो भी बिना पिंजरे के ।

"बिना पिंजरे के तोते ?"

"हां ये मेरे अपने है। इनको आज़ाद रखता हूं । गुलामी भला किसे पसंद ?"

"यह भाग गए तो ?"

"नहीं भागेंगे । इनको दो वक़्त का कहना और जो में चाहे करके की आज़ादी ।"

एक तौता उड़ता हुआ शिल्पा के पास आया शिल्पा ज़रा सा घबरा गई ।

"घबराओ मत । ये कुछ नहीं करेगा ।"

"कटेगा तो नहीं ?"

"नहीं नहीं । रुको मैं इसे लाता हूं ।"

नटवर तोता को मिट्ठू बुलाता हूं अपने पहली उंगली पे बिठाया और शिल्पा के पास लेकर आया । शिल्पा को तोते की सुंदरता अच्छी लगी । तोता उड़ता हुआ शिल्पा के कंधे बैठ गया । शिल्पा का दिल खुश हुआ उसे देखकर । अब उसने अपने हाथो से तोता को पकड़ा और निहारने लगी। दूसरा तोता शिल्पा के पास आया।

"कमाल है पहली ही बार में दोनो तुम पर लट्टू हो गए ।"

"सच ?"

"हां जैसे मैं तुम पर हूं ।"

"आप भी ना मौका नहीं छोड़ते बोलने का ।"

"सही कहा रहा हूं। झूठ नहीं । मैं सच बोलता हूं । झूठ नहीं । मुझे तुम बहुत पसंद हो ।"

"उमर में बहुत छोटी हूं मैं ।"

"उमर से प्यार का मतलब मत निकालो । देखो शिल्पा मेरी उमर काम बची हैबौर को मुझे या मेरे दिल को अच्छा लगे वो मुझे कह देना चाहिए । अब चलिए काम कर लेते है ।"

नटवर तुरंत अंदर गया और कपड़े पहनकर वापिस आया । शिल्पा को नटवर की बाते बार बार बार याद आ रही थी । सोच रही थी कि ये गांव कितना अलग है । अजीब दुनिया । जैसे दुनिया से कोई लेना देना नहीं । समाज लोगो की गंदकी से अलग और तो और ना कोई है यहां किसी को रोकनेवाला । जैसे नटवर को खुलकर मुझे पसंद करता है ऐसा कह दिया। सारी ज़िन्दगी सिर्फ समाज और लोगो के बारे में सोचा और हुए क्या पति का धोखा और तलाक ।

इन साब बातो की गहराई में पड़ी शिल्पा को नटवर ने वास्तविक दुनिया में वापिस लाया ।

"चलो शिल्पा अब काम कर ले ?"

शिल्पा ने फॉर्म बाहर निकाला और जरूरी चीज भरने लगी । नटवर भी सवालों का जवाब दे रहा था। लिखते लिखते pen काम करना बंद कर दिया । शिल्पा pen हिलान लगी लेकिन pen की निभ टूटने की वजह से स्याई सीधा शिल्पा कंधे पे लग गई। स्याई का रंग बहुत गाढ़ा था । शिल्पा थोड़ा चिढ़ गई । अपने रुमाल से स्याई साफ करने लगी लेकिन स्याई ज्यादा फेल गया जिससे दाए कंधे का ज्यादा हिस्सा खराब हो गया । Sleeveless ब्लाउज़ था इसीलिए कंधे को साफ करना जरूरी था क्योंकि स्याई का दाग दो दिन तक रह जाएगा अगर साफ नहीं किया तो ।

"ये क्या शिल्पा ? कर दिया यह गोरा जिस्म खराब । अपने लिए नहीं तो मेरे दिल के लिए तो अपना जिस्म संभालो । चलो इस साफ कर लो ।"

नटवर पानी लेकर आता है । शिल्पा पानी से साफ करने लगी । दाग जा नहीं रहा था । शिल्पा ने बड़ी कोशिश की लेकिन कुछ ना हुआ ।

"अभी भी दाग नहीं मिटा ?" नटवर मजाक उड़ाते हुए कहा ।

"आसान नहीं है इतना जिद्दी दाग मिटाना । हसो मत ।"

"देखो शिल्पा थोड़ा जोर लगाओ ठीक हो जाएगा । या फिर एक काम करो मुझे करने दो ।"

शिल्पा इससे पहले कुछ बोले की नटवर ने तुरंत हाथ पकड़ लिया । हाथ को पकड़ते ही नटवर जैसे हील गया । शिल्पा को भी अजीब लगा या फिर करंट लगा । नटवर का खुरदुरा हाथ भले था लेकिन शिल्पा को तगड़ा appeal दे गया । शिल्पा कुछ ना बोली । नटवर अब शिल्पा के नरम कंधो पे हाथ रखा । शिल्पा का गोरा हाथ और कंधे को घिसने में नटवर को मजा आ रहा था । शिल्पा को भी नज़ाने क्यों अच्छा लग रहा था । नटवर ने काफी देर बाद आखिर में साफ कर ही दिया ।

"हो गया साफ शिल्पा । अब मेरी शिल्पा लग रही है पहले जैसी ।"

"ये आप बार बार ऐसी बाते मत करिए ।"

"क्यों ?"

शिल्पा अपना चेहरा नीचे करते हुए बोली "मुझे शर्म आती है।"

नटवर शिल्पा के हाथ को पकड़ते हुए कहा "शिल्पा तुम्हे जो भी लगे लेकिन मुझे तुमसे प्यार हो गया ।"

शिल्पा ने अपना हाथ वापिस खिसकाते हुए कहा "प्लीज़ अब रुक भी जाइए ।"

"शिल्पा मुझे तुमसे शादी करनी है । अपना बनाना है तुम्हे ।"

शिल्पा थोड़ा चिढ़ते हुए बोली "आपके पोती के उमर की हूं । लोग हसेंगे आप पर ।"

"शिल्पा यहां कोई नहीं कुछ कहेगा क्योंकि ये दुनिया लोगो से अलग है । यह कोई आता नहीं और किसी को इस दुनिया से कूच भी लेना देना नहीं । तुम अगर शादी करना नहीं चाहती हो रहने दो। लेकिन मुझे तुमसे बेहद मोहब्बत है ।"

शिल्पा वहा से चली गई । नटवर की बाते झा एक तरफ से उत्तेजना का भाव देता है तो दूसरी तरफ उसे शर्म भी बहुत आ रही थी ।



दो हफ्ते बाद ।


रविवार का वक़्त था । गांव में उत्सव का माहौल था। आज गांव के ठाकुर की याद में उत्सव था। इस दिन लोग उनकी खंडहर हवेली की पूजा करते है और जंगल जाकर बर्गत पेड़ के नीचे थाली रख देते है । इस दिन को लोग खास मानते है । लोग दुआ करते है कि किसी की जान बचाई जाए उनके द्वारा भले ही वो इंसान हो या फिर जानवर। आइए दिन जो जिसकी मदद करता है समझो दोनो में रिश्ता बन जाता है । सरला ने शिल्पा को परिवार के साथ पूजा में जुड़ने की बात कही । शिल्पा बात मान गई । पूजा में मंजू, सरला, शिल्पा, मदारी, सरजू, और नटवर थे । पूजा सुबह के 8 बजे थी । सुबह सुबह सब इकठ हुए । सुबह की ठंडी में सब एक दूसरे से मिले और हवेली कि तरफ चल दिए । नटवर शिल्पा को देखते ही मंत्रमुग्ध हो गया ।


[Image: 4a25b6b52210af70228d135aab707ff2.jpg]
special letters copy and paste



शिल्पा के करीब जाते हुए कान में बोला "आज तुम खूबसूरत लग रही हो। मेरा प्यार हो तुम ।"

शिल्पा शरमाते हुए बोली "चप रहो। अभी इतनी सुबह सुबह चाकू हो गए । पागल ।"

"तेरे प्यार ने पागल हूं शिल्पा । जी करता है तुम्हे ......."

"बस अब आगे नहीं । हमारे बीच कुछ नहीं है ।" शिल्पा हस्ते हुए आगे चली गई ।

सरला और शिल्पा एक दूसरे से बात करने लगे । पूजा थोड़ी लम्बी होनेवाली थी। सभी हवेली पहुंचे और पूजा करने लगे । पूजा काफी लंबी थी । नटवर की नाजाने क्यों सुबह से तबियत ठीक नहीं थी । बार बार बैठ जाता था। सभी लोग बार बार पूछे लेकिन नटवर ने बोला कि आज तबियत ठीक नहीं लग रही है । पूजा में सबका होना जरूरी था इसीलिए सरला और मंजू ने नटवर को आने की ज़िद की । अगर कोई एक भी गरहाजीर हुए तो पूजा सफल नहीं होगी । नटवर को ना चाहते हुए बात माननी पड़ी । नटवर को ठंडी में भी पसीना आने लगा । बार बार पसीना पोचता हुए नटवर हवेली से बाहर जंगल की तरफ निकाला। सभी लोग चल रहे थे । नटवर अब हड़ने लगा । सांस ले नहीं पा रहा था । जंगल में जैसे ही बरगत पेड़ के पास पहुंचे नटवर नीचे गिर पड़ा। अब सांस लेने के मुश्किल हो रही थी । सभी लोग डर गए ।

सरला दौड़ते हुए नटवर के पास पहुंची और हाथ पकड़कर घिसने लगी ।

"सुनिए जी ये सांस नहीं के पा रहे है ।" सरला रोने लगी ।

डर से काप्ता हुए मंजू नटवर के पैर घिस रहा था । सरजू पानी लेकर पहुंचा और मदारी छाती पे दबाव बनाने लगा ।

"लगता है बाबूजी को दिल का दोहरा पड़ गया।"

ये सुनते ही शिल्पा दौड़ते हुए पास पहुंची और सबको अलग होने को कहा ।

"सब लोग हटिए मैं देखती हूं । शिल्पा ने नटवर की छाती पे दबाव डाला और बड़े जोर जोर से दबाव डाला जिससे नटवर थोड़ा सा हिला लेकिन अभी भी सांस लेने में तकलीफ हो रही थी । बिना किसी कि परवाह किए शिल्पा ने अपना मुंह नटवर के मुंह पे डाल दिया और सांस भरने लगी । शिल्पा की कोशिश सही जा रही थी । शिल्पा और नटवर के होठ के मिलन से मदारी घबराया । शिल्पा की ये कोशिश से नटवर की जान में जान आई । नटवर की आंखे खुली और वो वापिस पहले जैसा हो गया । सरला की आंखो में आंसू आ गए ।

"बाबूजी आप ठीक है ।"

अभी भी पूरी तरह से बोचक्का हुए नटवर बोला "मै आज मर ही गया था लेकिन मै बचा कैसे ?"

सरला रोते हुए शिल्पा कि तरफ देखते हुए बोली "शिल्पा मेमसाब जैसे भगवान ने आपको बचाया ।"

सरला शिल्पा के पैर छूने गई लेकिन शिल्पा ने रोक लिया ।

"अरे सरला जी ये क्या कर रही है आप ? मुझे शर्मिंदा मत करिए ।"

"भगवान के पैर चुना कोई पाप नहीं मेमसाब। आज अपने मेरे बाबूजी की जान बचाई ।"

नटवर शिल्पा की ओर देखते हुए कहा "सरला क्या आज तुम्हे अपने दिल की बात बताऊं ?"

सरला आंसू पोचते हुए बोली "क्या बाबूजी ?"

"सरला आज इस उत्सव में शिल्पा ने मेरी जान बचाई मतलान ठाकुर साहब के शर्त अनुसार शिल्पा का एक काम पूरा हुआ ।"

"अरे हां मुबारक हो मेमसाब आपने ये काम कर दिया ।"

"सरला मुझे शिल्पा से प्यार हो गया है। "

"सच में बाबूजी ? लेकिन शिल्पा आपसे बहुत छोटी है भला कैसे वो मानेगी ?"

"सरला इसने मेरी जान बचाई है मतलब ठाकुर साहब के अनुसार शिल्पा और मेरा रिश्ता बन गया ।"

शिल्पा थोड़ा हड़बड में बोली "लेकिन मैं तो ...."

सरला बीच में बोलती हुई "मेमसाब बात सही है । अब शर्त तो शर्त है । मेमसाब आपके लिए एक बात कहूं इसमें हम सब की भलाई है ।"

"कैसी भलाई ।"

"देखिए आप तो तलाक़ शुदा है और बाबूजी भी अकेले है । आप दोनो की शादी अगर करवा दी जाए तो ?"

"पागल हो क्या तुम ? मैं और नटवर ? नहीं नहीं ।"

"देखिए मेमसाब यही शर्त थी जान बचाने वाले को ये करना होगा । वैसे भी अगर आप शादी कर लेंगी तो खजाना आपका ही क्योंकि आप बाबूजी की उजड़ती ज़िन्दगी बचा लेंगी और शर्त अनुसार ये भी अच्छा काम है । खजाना भी आपका ।"

हवेली के खजाने के बारे में सोचकर शिल्पा का दिमाग ठनका । कुछ देर तक शिल्पा और कोई कुछ नहीं बोला । काफी देर के सोच विचार बाद शिल्पा सरला से पूछी "लेकिन इनकी ज़िन्दगी अभी बची ही कितनी ?"

सरला हस्ते हुए बोली "अपने आज महान उत्सव में बाबूजी की जान बचाई और इस दिन जिसकी जान बचेगी समझो उसे लंबी आयु का भी वरदान मिलेगा ।"

"ये क्या के रही हो ? मैं इन सब में नहीं मानती ।"

सरजू बोला "सही कहा रही है भाभी । मेमसाब ये सच है ।"

सरला रोते हुए शिल्पा के पैर पकड़ते हुए बोली "आपको कासम है मेरी मेरे बाबूजी से शादी करके उनकी ज़िन्दगी बदल दो मेमसाब वरना ये खजाना किसी का भी नहीं होगा । आप मान जाओ मेमसाब । सालो से ये गांव अकाल और गरीबी में मर रहा है ।"

सभी लोग हाथ जोड़कर शिल्पा को बोल रहे थे सिवाय मदारी के । मदारी का दिल टूट रहा था । शिल्पा की शादी नटवर से वो होने देना नहीं चाहता था । दूर खड़ा मदारी शिल्पा की आंखो में देखता हुआ ना कहता है । शिल्पा ने जैसे ही मदारी को ना करने का इशारा किया नाज़ाने क्यों शिल्पा ने फैसला बादल लिया । एक तो खजाना भी चाहिए था और मदारी की शक्ल देखकर घुसा भी ताज़ा हो गया ।

"सरला रो मत मैं करूंगी नटवर से शादी ।"

शिल्पा की इतनी सी बात सुनकर सब खुश हो जाते है । नटवर की खुशी का जैसे कोई ठिकाना नहीं रहा ।

"आप महान है मेमसाब आप महान है ।" सरला आंसू पोछते हुए बोली ।

सभी लोग खुश हो गए । शिल्पा भी खजाने के बारे में खुश थी । मदारी बहुत दुखी हुआ । सब लोगो ने फैसला किया कि शादी जल्द से जल्द होगी । सब खुश होकर अपने घर चले गए। शिल्पा भी अपने घर चली गई ।


रात का वक़्त था और शिल्पा को शादी का कोई अफसोस ना था लेकिन दुख और दर्द से भरा मदारी शिल्पा को कॉल करता है ।

"हेल्लो ।"

"ये क्या किया शिल्पा तुमने तुम नटवर से शादी कर रही हो ?"

"हां तो तुम कौन हो पूछने वाले ?"

"तुम्हारा आशिक़ । याद है उस रात हम दोनों के बीच एक रिश्ता बना था और आज तुमने उस रिश्ते को तोड दिया ?"

शिल्पा चिल्लाते हुए बोली "खबरदार आगे कुछ बोला । मैंने नहीं तुमने रिश्ता तोड़ा । मुझे छोड़ कर तुम चले गए थे । तुमसे अच्छा नटवर है कम से कम अपने दिल की बात पहले ही बता दी थी ।"

"मतलब नटवर पहले से तुम्हे ?"

"हां लेकिन मैंने तुम्हारे बारे में सोचकर नहीं कभी हां कहा। सोचा कि शायद तुम मुझे अपना लोगे लेकिन तुमने नहीं किया ।"

"मैं तुम्हे अपनाना चाहता हूं । शिल्पा तुम मेरी हो जाओ ।"

"बस मदारी अब बहुत देर हो चुकी है । अब तुम मेरे नहीं हो सकते ।" शिल्पा ने फोन काट दिया ।

शिल्पा घर से बाहर निकली और रात के अंधेरे में नटवर के घर चल दी । नटवर अपने घर में था । शिल्पा को देखते ही नटवर दौड़ता हुए उसके पास आया।

"शिल्पा तुम यहां क्या कर रही हो ?" नटवर शिल्पा के कंधे को पकड़ते हुए कहा ।

"सुनो नटवर । हमारी शादी कब होगी ?"

"मुहूर्त के हिसाब से अगले हफ्ते हमारी शादी हो जाएगी । तुम महान हो शिल्पा बस बहुत जल्द खजाना तुम्हारा हो जाएगा ।"

"सुनो नटवर क्या सरला खुश है ?"

"अरे वो बहुत खुश है और उसने अपने बहू और बेटे को भी बताया थोड़ा बहुत बहस हुई लेकिन अब दोनो बहुत खुश है हमारी शादी के लिए।"

"ये भी सही है । अच्छा तो मैं चलती हूं। "

शिल्पा पीछे मुड़ी थी कि नटवर ने उसे अपने बुड्ढे बाहों में भर लिया । शिल्पा को बजो में भरते हुए नटवर ने कहा "सिर्फ कुछ दिन और फिर हम दोनों पति पत्नी और तुम मेरी हो जाओगी। " नटवर शिल्पा को चूमने लगा। शिल्पा ने रोकते हुए कहा "नटवर सब्र करो बहुत जल्द ये भी करने का मौका मिल जाएगा। "

नटवर शिल्पा के गले को चूमता हुआ बोला "फिर तो मुझे तुम्हे प्यार करने से कोई नहीं रुकेगा। पता है शिल्पा तुम्हारे इस घर में आने से सब कुछ अच्छा हो जाएगा।"

शिल्पा मुस्कुराके बोली "बिल्कुल । शादी के बाद अब तुम ही मेरे पति और तुम जो चाहो मेरे साथ कर सकते हो ।"

इतना कहकर शिल्पा वहा से चली गई । आज नटवर की खुशी का ठिकाना ना रहा।


रात के सन्नाटे में हवेली के अंदर कुछ आवाज़ आने लगी । वो आवाज़ थी दो आत्माओं की । ठाकुर प्रताप और उसकी पत्नी रेशमा की ।

[Image: second-big-haveli-74459eea-df52-11e8-a68...ab23e.webp]


"देख रही हो रेशमा विधि का विधान । बहुत जल्द शिल्पा ही इस खजाने को हासिल करेगी और हमे यह से मुक्त कर देगी ।"

"लेकिन उसके लिए उसे एक और अच्छा काम करना होगा । सालो से अभी भी हम भटक रहे है । इस खजाने के साथ शिल्पा को हमारी आत्मा के साथ न्याय भी करना होगा ।"

"हां जानता हूं । शिल्पा ही हमारे कातिल को ढूंढ सकती है । उस पकड़कर वो हम जल्द इस दर्द से मुक्त कर देगी ।"


आखिर ये आत्मा शिल्पा से क्यों मुक्ति चाहती है और किसने उन्हें बेरहमी से मारा है ? क्यों उनकी आत्मा भटक रही है ? जानने के लिए राह देखिए अगले अपडेट की ।
[+] 4 users Like Basic's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.


Messages In This Thread
अजीब दुनिया । - by Basic - 20-11-2020, 04:16 PM
RE: अजीब दुनिया । - by Basic - 04-12-2020, 02:50 PM



Users browsing this thread: 4 Guest(s)