19-03-2019, 06:54 PM
(This post was last modified: 03-02-2024, 03:37 PM by badmaster122. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
इन्स्पेक्टर और हवलदार की आँखे फटी की फटी रह गयी …उनके सामने दो सफ़ेद बॉल्स लहरा रही थी ..और उनपर लगे एक सूजे हुए निप्पल को देखकर वो इन्स्पेक्टर तो जैसे पागल ही हो गया ..
इन्स्पेक्टर : "अरे देख रे घनशाम ….मेडम के दाने को तो देख …पहले कभी देखा है ऐसा पीस …”
उसने ना में सर हिला दिया ..
दिव्या ने भी गुस्से में आकर अपनी नंगी छातियाँ उन दोनों के सामने उजागर तो कर दी थी पर उसे डर भी लग रहा था की वो पता नहीं कैसा व्यवहार करेंगे उसके साथ ..पर साथ ही थोडा सकूं भी मिला था की वो उसकी चूत नहीं मारेंगे ..
और मनीष ने तो अपने पैसे बचाने के लिए अपनी नव विवाहित पत्नी का जुआ खेल लिया था ..पैसे के बदले उसने अपनी पत्नी को उन दोनों दरिंदो के आगे परोस दिया था ..वो सोच रहा था की ज्यादा से ज्यादा वो क्या करेंगे ..कम से कम मेरे एक लाख रूपए तो बच गए न ..
इसी बीच दोनों अपनी जीभ निकाल कर कुत्ते की तरह दिव्या के सामने पहुँच गए ..
और वो इन्स्पेक्टर जिसका नाम राहुल था बड़ी ललचाई हुई निगाहों से दिव्या के उभारों को देख कर अपनी जीभ को होंठों पर फेर रहा था ..और जैसे ही वो उसके सामने पहुंचा उसने बिना एक पल की देर किये अपने गीले होंठों को उसके मुम्मे पर दे मारा ..
मनीष ने जिस निप्पल को काटकर सुजा दिया था राहुल ने उसी को अपने मुंह में दबोच कर जोर से चूसा था ..वो फिर से दर्द से कराह उठी ..पर साथ ही उसकी गर्म जीभ के एहसास से उसे सकून भी पहुंचा जैसे वो अपनी गर्म जीभ से उसके सूजे हुए निप्पल की सिंकाई कर रहा हो ..
”अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह …….ओफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ …..उम्म्म्म्म्म्म्म ……”
और ना चाहते हुए भी उसे गोरे हाथ उठकर इन्स्पेक्टर राहुल के सर के पीछे पहुँच गए और उसने उन्हें जोर से अपनी छाती पर दबा लिया ..
और ये सब वो कर रही थी अपने पति मनीष के सामने ..जो बड़ी अजीब नजरों से अपनी पत्नी को किसी और मर्द के साथ देखकर अपना लंड मसल रहा था ..
वैसे ये सब मनीष के विकृत दिमाग ने शादी से पहले भी सोचा हुआ था की शादी के एक-दो सालों के बाद अपनी पत्नी को किसी और मर्द से भी चुद्वायेगा ..शायद कहीं कोई स्टोरी पड़ी थी उसने इस तरह की, जिसने उसे काफी उत्तेजित किया था , पर दिव्या जैसी खूबसूरत पत्नी पाकर वो शायद ये बात भूल चूका था और खुद ही उसे चोदता रहता था पर आज जिस तरह से ये परिस्थितिया बनी थी वो सब उसकी उस सोच से मिलती जुलती थी जो वो शादी से पहले सोचा करता था ..इसलिए अपनी पत्नी के गोरे मुम्मे को किसी और मर्द के मुंह में देखकर उसका लंड अजीब तरह से छटपटा रहा था ..
और इसी बीच हवलदार घनशाम ने अपनी पेंट उतार डाली और दिव्या के पास पहुंचकर अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया ..
वो जैसे नींद से जागी ..और जैसे ही उसकी नजर उसके लंड पर पड़ी, वो जोर से चिल्ला पड़ी ..
”नहीईइ ……….ये ..ये …क्या है …..”
और सच में , उसका चिल्लाना सही था, घनशाम का लंड था ही ऐसा ..गधे के लंड जैसा, मोटा और लम्बा ..और उसका सुपाडा भी इतना मोटा था की एक बार में चूत के अन्दर घुस ही ना पाए ..
इन्स्पेक्टर : "साले ….तुझे कितनी बार बोला है …ऐसे अपना लंड दिखाकर डराया मत कर ..देखा ..मेडम जी डर गयी ..”
और फिर दिव्या की तरफ देखकर बोला : "मेडम जी …ये तो जानवर है …आप इसे देखिये …”
और इतना कहकर उसने जल्दी से अपनी पेंट खोली और अपना सात इंच का मोटा ताजा लंड उसके सामने लहरा दिया ..जो मनीष के लंड से भी एक इंच लम्बा ही था ..
वो कुछ और बोल पाती इससे पहले ही इन्स्पेक्टर राहुल ने उसे नीचे खिसकाया और घुटनों के बल बिठा कर अपने लंड को उसके होंठों के सामने लहरा दिया : "चलो मेडम जी ..शुरू हो जाओ ..आपको भी देर हो रही होगी …शाबाश …चुसो इसे …”
दिव्या ने एक नजर मनीष की तरफ डाली पर उसने नजरें झुका ली ..दिव्या का मन गुस्से और घृणा से भर गया ..और वो सोचने लगी ‘जब मेरा खुद का पति ही ये चाहता है तो मैं क्यों पीछे रहू मजे लेने में ..”
और उसने मुस्कुराते हुए राहुल की तरफ देखा और उसके लंड को पकड़कर अपने लाल होंठों से लगाया ..और अगले ही पल उसे अन्दर ले कर प्यासी पिशाचिनी की तरह चूसने लगी ..
इन्स्पेक्टर : "अरे देख रे घनशाम ….मेडम के दाने को तो देख …पहले कभी देखा है ऐसा पीस …”
उसने ना में सर हिला दिया ..
दिव्या ने भी गुस्से में आकर अपनी नंगी छातियाँ उन दोनों के सामने उजागर तो कर दी थी पर उसे डर भी लग रहा था की वो पता नहीं कैसा व्यवहार करेंगे उसके साथ ..पर साथ ही थोडा सकूं भी मिला था की वो उसकी चूत नहीं मारेंगे ..
और मनीष ने तो अपने पैसे बचाने के लिए अपनी नव विवाहित पत्नी का जुआ खेल लिया था ..पैसे के बदले उसने अपनी पत्नी को उन दोनों दरिंदो के आगे परोस दिया था ..वो सोच रहा था की ज्यादा से ज्यादा वो क्या करेंगे ..कम से कम मेरे एक लाख रूपए तो बच गए न ..
इसी बीच दोनों अपनी जीभ निकाल कर कुत्ते की तरह दिव्या के सामने पहुँच गए ..
और वो इन्स्पेक्टर जिसका नाम राहुल था बड़ी ललचाई हुई निगाहों से दिव्या के उभारों को देख कर अपनी जीभ को होंठों पर फेर रहा था ..और जैसे ही वो उसके सामने पहुंचा उसने बिना एक पल की देर किये अपने गीले होंठों को उसके मुम्मे पर दे मारा ..
मनीष ने जिस निप्पल को काटकर सुजा दिया था राहुल ने उसी को अपने मुंह में दबोच कर जोर से चूसा था ..वो फिर से दर्द से कराह उठी ..पर साथ ही उसकी गर्म जीभ के एहसास से उसे सकून भी पहुंचा जैसे वो अपनी गर्म जीभ से उसके सूजे हुए निप्पल की सिंकाई कर रहा हो ..
”अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह …….ओफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ …..उम्म्म्म्म्म्म्म ……”
और ना चाहते हुए भी उसे गोरे हाथ उठकर इन्स्पेक्टर राहुल के सर के पीछे पहुँच गए और उसने उन्हें जोर से अपनी छाती पर दबा लिया ..
और ये सब वो कर रही थी अपने पति मनीष के सामने ..जो बड़ी अजीब नजरों से अपनी पत्नी को किसी और मर्द के साथ देखकर अपना लंड मसल रहा था ..
वैसे ये सब मनीष के विकृत दिमाग ने शादी से पहले भी सोचा हुआ था की शादी के एक-दो सालों के बाद अपनी पत्नी को किसी और मर्द से भी चुद्वायेगा ..शायद कहीं कोई स्टोरी पड़ी थी उसने इस तरह की, जिसने उसे काफी उत्तेजित किया था , पर दिव्या जैसी खूबसूरत पत्नी पाकर वो शायद ये बात भूल चूका था और खुद ही उसे चोदता रहता था पर आज जिस तरह से ये परिस्थितिया बनी थी वो सब उसकी उस सोच से मिलती जुलती थी जो वो शादी से पहले सोचा करता था ..इसलिए अपनी पत्नी के गोरे मुम्मे को किसी और मर्द के मुंह में देखकर उसका लंड अजीब तरह से छटपटा रहा था ..
और इसी बीच हवलदार घनशाम ने अपनी पेंट उतार डाली और दिव्या के पास पहुंचकर अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया ..
वो जैसे नींद से जागी ..और जैसे ही उसकी नजर उसके लंड पर पड़ी, वो जोर से चिल्ला पड़ी ..
”नहीईइ ……….ये ..ये …क्या है …..”
और सच में , उसका चिल्लाना सही था, घनशाम का लंड था ही ऐसा ..गधे के लंड जैसा, मोटा और लम्बा ..और उसका सुपाडा भी इतना मोटा था की एक बार में चूत के अन्दर घुस ही ना पाए ..
इन्स्पेक्टर : "साले ….तुझे कितनी बार बोला है …ऐसे अपना लंड दिखाकर डराया मत कर ..देखा ..मेडम जी डर गयी ..”
और फिर दिव्या की तरफ देखकर बोला : "मेडम जी …ये तो जानवर है …आप इसे देखिये …”
और इतना कहकर उसने जल्दी से अपनी पेंट खोली और अपना सात इंच का मोटा ताजा लंड उसके सामने लहरा दिया ..जो मनीष के लंड से भी एक इंच लम्बा ही था ..
वो कुछ और बोल पाती इससे पहले ही इन्स्पेक्टर राहुल ने उसे नीचे खिसकाया और घुटनों के बल बिठा कर अपने लंड को उसके होंठों के सामने लहरा दिया : "चलो मेडम जी ..शुरू हो जाओ ..आपको भी देर हो रही होगी …शाबाश …चुसो इसे …”
दिव्या ने एक नजर मनीष की तरफ डाली पर उसने नजरें झुका ली ..दिव्या का मन गुस्से और घृणा से भर गया ..और वो सोचने लगी ‘जब मेरा खुद का पति ही ये चाहता है तो मैं क्यों पीछे रहू मजे लेने में ..”
और उसने मुस्कुराते हुए राहुल की तरफ देखा और उसके लंड को पकड़कर अपने लाल होंठों से लगाया ..और अगले ही पल उसे अन्दर ले कर प्यासी पिशाचिनी की तरह चूसने लगी ..