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Adultery हर ख्वाहिश पूरी की
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उसकी आतूरता देख कर मेने भी देर करना सही नही समझा और उसकी पेंटी उतार कर उसके उपर छाता चला गया…!

उसकी चूत लगातार रस बहा रही थी.. चूत के होठों को चौड़ा करके अपने लाल लाल चौबातिया गार्डन के सेब जैसे सुपाडे को उसके छेद से भिड़ा दिया..

और एक हल्का सा धक्का देते ही पूरा सुपाडा उसकी गीली चूत में समा गया…

आईईईईईईईईईईईई….. मररर्र्ररर….गाइिईई….रीईईई….माआआआआ…. उफफफफ्फ़…भाईईईई…प्लेआस्ीईई….रुक्क्क…जाआ…

मेरे मूसल जैसे लंड को वो सह नही पाई.. और मेरे सीने पर हाथ रख कर अपने उपर से धकेलने लगी…

मेने उसके होठों को चूमते हुए कहा… दीदी.. थोड़ा झेल ले.. ये कहकर मेने थोड़ा अपनी गान्ड को और दबा दिया…

आधे से ज़्यादा लंड उसकी चूत में और सरक गया…

बहुत बड़ा जालिम है तू… थोड़ा साँस तो लेने दे…यार ! मर जाउन्गि…

आधे लंड को उसकी कसी हुई चूत में डाले, मे चुचियों को मसल्ने लगा, उसके कंचे जैसे कड़क हो चुके निप्प्लो को मरोडते हुए, एक और धक्का मार दिया.. वो कन्फ्यूज़ हो गयी… इस बार दर्द चुचियों में हुआ या चूत में.

पूरा लंड चूत में फिट हो गया…., उसकी अधूरी सील पूरी तरह टूट गयी थी....

वो हान्फ्ते हुए बोली – आहह….बहुत बड़ा है तेरा…. मेरी तो दम निकल गया होता….उउउफफफफफफफफ्फ़…….माआ…. आहह…..!

थोड़ा रुक, साँस लेने दे मुझे….मेने कुच्छ देर उसके पेट और चुचियों को सहलाया, पुचकार्ते हुए मेने अपने धक्के देने शुरू किए…

थोड़ी देर में ही वो भी मज़े में आगयि, तो नीचे से अपनी गान्ड उच्छाल – 2 कर चुदने लगी..

आहह………..भाई….चोद मुझे….और ज़ॉर्सीई….हाआंणन्न्….हाईए….फाड़ दे मेरी चूत को…बड़ा मज़ा आ रहा है….इस्शह….

आशा फुल मस्ती में अपने कमर उठा – उठा कर बड़बड़ाती हुई चुदने लगी…

उसने अपनी एडीया मेरी गान्ड के दोनो तरफ से कस दी….और बुरी तरह झड़ते हुए मेरे सीने से चिपक गयी…

अब मेने उसको अपने गले से चिपकाए हुए पलंग से उठा कर दीवार के सहारे खड़ा कर दिया, और पीछे खड़े होकर, उसकी वेल शेप्ड गान्ड को चाटने लगा..

आशा दीदी फिरसे गरम होने लगी, और पलट कर मेरे होठों पर टूट पड़ी…

मेने उसकी पीठ पर अपने हाथ का दबाब डालकर उसको दीवार से टिका दिया, जिसकी वजह से उसकी गान्ड पीछे को हो गयी…

मेने पीछे से अपना लंड उसकी ताज़ा झड़ी चूत के मूह पर टिकाया, और एक ज़ोर का झटका अपनी कमर को दिया…

मेरा लंड सर्र्र्र्र्ररर… से उसकी गीली चूत में चला गया… आशा ने अपने होठ कस लिए और सारे दर्द को पी गयी…

मे उसकी पीठ से चिपक कर उसे दनादन धक्के लगा कर चोदने लगा… आशा दीदी भी अपनी गान्ड को पीछे धकेलने लगी… हम दोनो ही बुरी तरह से चुदाई में लगे हुए थे…

आख़िरकार 20-25 मिनिट की चुदाई के बाद मेने भी अपनी पिचकारी उसकी अध्कोरि चूत में छोड़ दी…..आशा भी ऊँट की तरह गर्दन उठाकर फिर एक बार और झड गयी….

दोनो की साँसें धोन्कनि की तरह चल रही थी….

आशा दीदी आज मेरा लंड लेकर बेहद खुश थी, मे भी अपना पुराना हिसाब चुकता करके अपने घर आगया………..

आशा दीदी की अधखुली चूत को अच्छी तरह से खोलने के बाद, मे जैसे ही घर पहुँचा… तो देखा पूरे घर में सन्नाटा पसरा हुआ है…

भाभी के कमरे में गया तो वो दोनो माँ-बेटी गायब, दीदी को आवाज़ दी, कोई जबाब नही….फिर मेने अपने कमरे में जाकर कपड़े चेंज करने लगा..

बाथरूम में जाकर अपने लौडे को साफ किया जिसपर अभी तक आशा दीदी की चूत का खून मिश्रित चूतरस लगा हुआ था…

मेने अपना अंडरवेर उतार कर बाथरूम में ही डाल दिया, और एक खाली शॉर्ट पहन लिया..,
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RE: हर ख्वाहिश पूरी की - by nitya.bansal3 - 02-12-2020, 08:01 PM



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