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बॉलीवुड सितारों का परिवार
#17
(06-12-2018, 12:44 PM)Tanu Wrote: Update 1.

कहानी की भूमिका -

दोस्तों आप सब को मेरी और से नमस्ते , कहानी शुरु होने से पहले मैं चाहती हूँ कि आपको इसकी विषयवस्तु से अवगत करवा दूँ । मेरी यह कहानी पौराणिक कथा (जैसे लॉर्ड्स ऑफ रिंग या हॉबिट)के रूप में होगी । यह आज से लगभग 5000 साल पहले की दुनियाँ के विषय में है जब जादू,भूत-प्रेत,दानव, परियां, राक्षस आम हुआ करते थे ।तब दुनियां चार भागों में बटी हुई थी -
              1.एल्फ़स जो सबसे शक्तिशाली थे और धरती के ध्रुवों पर रहते थे । उनके राज्य को हीवुड के नाम से जाना गया ।
               2.इंसान जो धरती पर रहते थे । जिनके राज्य को बिवुड कहा गया।
               3.बौने जो -पहाड़ो में गुफाएं बना कर रहते थे ।इनके राज्य को स्टोन वुड कहा गया 
               4.चौथे -प्रेत-राक्षस-दानव-गोबलिन्स-और प्रेत जो धरती के अंदर ,धरती के मध्यबिंदु के पास रहते थे । इनके राज्य को नरक कहा गया ।
कोई समय था जब इन चारों राज्यों में मैत्री थी और दुनिया में अमन था और हर कोई खुश था ,पर एक दिन एक देवता जिसका नाम "काम" था अपनी पत्नी "वासना" के साथ बैठा था और और बातों ही बातों में उसने वासना से कहा देवी वासना तुम्हें ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए कि तुम्हें मेरे जैसा पति मिला हैं ,जो सब पतियों में श्रेष्ठ है। 
वासना -ऐसा क्यों भला ? तुम भी सभी पतियों की तरह हो ।
काम-मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि इस संसार की किसी भी सुंदरी को मैं भोग सकता हूँ पर क्योंकि मैं तुम्हें प्यार करता हूँ इसलिए मैं ऐसा करता हूँ । 
वासना-यह नामुमकिन है तुम संसार की हर स्त्री को नहीं भोग सकते वासना ने स्त्री द्वेष से कहा ।
काम (इसे अपने परुषार्थ का अपमान समझता है)-मैं इस धरती को साक्षी मानकर प्रण लेता हूँ कि तुम जिस स्त्री की तरफ इशारा करोगी जबतक मैं उस स्त्री को भोग नहीं लेता अन और जल ग्रहण नहीं करूंगा । 
वासना पूरी धरती को अपनी शक्तियों के द्वारा छानमारा और एक शीलवान और पतिनिष्ठ स्त्री खोज ली । इस स्त्री का नाम अहिल्या था । अहिल्या एक बेहद ज्ञानी और ताकतवर गुरु विश्वा की पत्नी थी । अहिल्या बेहद सुंदर थी , ढूध सा गोरा रंग  ,नींली आंखें , पतला और छोटा तराशा हुआ नाक , दिल के आकार का फेस कट ,छोटे पर भरे-भरे होंठ जो ऊपर की और उठे हुए थे ,पतली मुलायम गर्दन जिसकी त्वचा इतनी मुलायम थी कि वो पानी पीती तो पानी साफ नजर आता । 38d के आकार बड़े -बड़े   गोलाकार स्तन जो सामने की तरफ से किसी गेंद की भांति आगे को उभरे हुए थे जिनपर गुलाबी गुलाबी बेरों के आकार की चुचियाँ थीं ,20 इंच की पतली सी कमर और पेट पर दिल के आकार की नाभि जैसे उसकी सुंदरता में कोई कमी रह गयी हो यह सोचकर ईश्वर ने उसे 38 के आकार के नितंबों से पूरी कर दी हो ।
देवी वासना ने जिस पल देव काम को अहिल्या दिखाई ,काम ने सोच लिया था किसी भी कीमत पर वो इस सुंदरी को भोगकर रहेगा और जब देव काम ने अपनी दैवी दृष्टि से अहिल्या की योनि को देखा तो उसका यह निर्णय प्रण में बदल गया । अहिल्या की योनि का मुख स्त्री के होठों की भांति बंद था ,मुख के अंदर कमल के फूल की आकार की पंखुड़ियों के समान सुर्ख गुलाबी रंग की दो पंखुड़ियां थी जिनके ऊपर की तरफ काजू के आकार का भखदाना, आजतक उसने जितनी भी योनियों में अपना 15इंच लम्बा और 5 इंच मोटा लिंग डाला था वो 10इंच से ज्यादा गहरी न थी पर अहिल्या की योनि पूरे 14 इंच गहरी थी ।देव काम यह सोचकर ही पागल हुआ जा रहा था कि जब उसका लिंग पूरा का पूरा अहिल्या की योनि के अंदर होगा तो उसे कितना आनंद आएगा । 
काम जनता था कि अहिल्या से बड़ी शीलवान स्त्री न कोई हुई है और न होगी क्योंकि उसे पता चला कि की केवल धरती ही नहीं बल्कि पूरे ब्रह्मांड के सुंदर से सुंदर , बलवान से बलवान और बुद्धिमान से बुद्धिमान पुरुष को अहिल्या ठुकरा चुकी है और अहिल्या के पति गुरु विश्वा के रहते उसका बल भी काम नहीं आएगा इसलिए उसने छल का प्रयोग किया ।
एक दिन सुबह चार बजे जब गुरु विश्वा स्नान के लिए निकले तो देवी वासना ने उन्हें छल से कहीं और ले गयी ,क्योंकि वासना एक देवी थी विश्वा उसके साथ दिन भर चलते रहे ।
दूसरी तरफ जैसे ही गुरु विश्वा घर से निकले देव काम गुरु विश्वा का रूप धारण करके उनके घर में घुस गया ।  गुरु विश्वा 6.5 फुट ऊँचे और मजबूत बदन वाले पुरुष थे देव काम को इसका ख्याल नहीं रहा और दरवाजे से अंदर आते हुए उसका सिर चौखट से टकरा गया । खटके की आवाज़ से अहिल्या दौड़ती हुई आई औऱ उसने देव(अब उसे मैं यही लिखूँगी) जो उसके पति के रूप में था उसे थामते हुए बोली "ज्यादा चोट तो नहीं लगी" । केवल झीने सफेद अंगवस्त्र में होने के कारण देव उसका अंग-2 देख सकता था जिस कामुक बदन को पाने का सपना पूरा संसार देखता वो उसकी बाहों में था । "नहीं" उसने अहिल्या के गुलाबी होंठों को चूमते हुआ कहा जो चीनी से भी मीठे थे । "छोड़िए न हमें ,मुझे आपके लिए पूजा की सामग्री त्यार करनी है" अहिल्या सकुचाते हुए कहा (अहिल्या का विवाह गुरु विश्वा से एक वर्ष पूर्व हुआ था ,पर गुरु विश्वा ने व्रत लिया था कि जब तक वो ईश्वर को प्रसन्न नहीं कर लेते अपनी को छुएँ गे भी नहीं) । "मेरी आराध्य और ईश्वर तुम हो अहिल्या आज से मैं तुम्हारी पूजा करूँगा" देव ने अहिल्या की मखमली गर्दन को चूमते हुए कहा । "छोड़िए न ,आपका व्रत टूट जाएगा" अहिल्या ने शर्माते हुए कहा । "तो टूट जाए ,मेरा प्रेम तुम्हारे लिए किसी भी व्रत से बढ़कर है जब मैं तुम्हारे इस भरपूर यौवन को देखता हूँ तो मुझे ग्लानि होती है कि मैं तुम्हें संभोग के सुख नहीं दे पा रहा इसीलिए आज मैं इस व्रत को तोड़ दूँगा " देव ने अहिल्या के अंग वस्त्र को खोलते हुए कहा । 
अहिल्या का वस्त्र भूमि पर गिर गया और उसके सुन्दर सुडौल और फुटबॉल कि गेंद जितने बड़े बड़े स्तन नंगे हो गए , देव देखा कि अहिल्या की काया इतनी चौड़ी न थी  बल्कि उसके  स्तन कुछ ज्यादा ही बड़े थे ऐसा मानो की एक छरहरी काया की स्त्री के शरीर पर तरबूज लगा दिए हों । 
अहिल्या ने शर्म के मारे झट से अपने कोमल छोटे हाथ अपने स्तनों पर रख दिये  और दूसरी और घूम गयी । देव ने आगे बढ़कर अहिल्या को उसकि पतली कमर से पकड़ते हुए अपना लिंग उसके मोटे नितंबों के बीच लगा दिया और अहिल्या के कंधों को चूमते हुए बोला "तुम नहीं चाहती कि तुम्हारा पति तुम्हारा भोग करे जो इतना लज्जाशील हो रही हो?"
अहिल्या(अपनी गाँड़ के बीचोबीच लिंग को महसूस करते हुए)-आप नहीं जानते कि हर रात को जब मैं आपका अपनी भुझा से लम्बा और मोटा लिंग देखती हूँ,जिसका लन्ड मुंड ही 5 इंच से अधिक मोटा है तथा आधा किलो की कुकरमुते जैसा लगता और आपके संतरो से भी मोटे और बड़े अण्डकोष देखकर मेरी क्या हालत होती है मैं ही जानती हूँ ,पर मैं आपका व्रत नहीं तुड़वाना चाहती आपका व्रत मेरा व्रत है ।
देव अहिल्या के मुँह से गुरु विश्वा के लिंग की प्रशंसा सुनकर जलभुन गया उसने सोचा था कि उसका लिंग विश्वा का लिंग उसके लिंग से छोटा ही होगा । यही सोचकर उसने अपना रूप तो बदल लिया था परँतु लिंग का आकार नहीं । इसलिए उसने जल्दी अपने लिंग का तथा अण्डकोषों का आकार भी विश्वा जैसा कर लिया । अहिल्या को लगा मानो लिंग उनकी लुंगगियों को फाड़ता हुआ उसके गुदा छेद में समा जाएगा । वो अहिल्या के बड़े-बड़े स्तनों को दबोचते हुए बोला "तुम मेरे लिंग की प्रशंसा तो कर रही हो परँतु क्या इसे सहन भी कर पाओगी ?" 
अहिल्या-आह...ओह माँ इतना ज़ोर से क्यों दबाते हैं स्वामी यह काया मैंने 7 साल एक कठिन व्रत रखकर केवल आपके लिए ही तो पाई ।
अब देव खुद को रोक न पाया और उसने फूलों सी नाज़ुक अहिल्या को गोद में उठा लिया और शयनकक्ष की ओर चल पड़ा । अहिल्या ने जैसे ही देव कि आँखों में देखा वो उसकि आँखों मे प्रेम की जगह केवल वासना और वासना देखकर समझ गयी कि यह कोई मायावी है जो उसके स्वामी का रूप धरकर आया है "नीच छोड़ दे मुझे" वो देव की पकड़ से छूटने की कोशिश करते हुए चिल्लाई ,परँतु देव की बलशाली पकड़ से छूट न पाई । देव उसे शयनकक्ष में ले आया और उसे बिस्तर पर फेंकते हुए बोला " सुंदरी तुम बेशक शीलवान हो पर आज यह शील तुम्हारे किसी काम न आएगा आज तो मैं तुम्हें भोगकर ही यँहा से जाऊँगा" यह कहकर देव निर्वत्र हो गया और अपने असली रूप में आते हुए डर मारे बिस्तर के कोने में सिमटी बैठी अहिल्या कि और बढ़ने लगा । अहिल्या उसे अपने 15इंच लंबे और 5 इंच मोटे लिंग के साथ अपनी और बढ़ते देखती रही वो न हिली न डुली मानों पत्थर बन गयी हो । पर काम वासना में इतना लिप्त हो चुका था कि वो इस अलौकिक घटना को समझ न सका और उसने जैसे ही अहिल्या को छुआ वो भस्म हो कर तीन अंगुठियों में बदल गया । दूसरी और ठीक इसी वक्त गुरु विश्वा के साथ छल कर रही वासना पर बिजली गिरी और वो भस्म होकर दो अंगुठियों में बदल गयी । और एक आकाश वाणी गुरु विश्वा को सुनाई दी "वत्स आज काम ने अहिल्या का भोग करने के लिए वासना का सहारा लेकर तुम्हें छला है ,इसिलए मैंने दोनो को पांच दिव्य अंगुठियों में बदल दिया है एक समय चक्र की है ,दूसरी काया की ,तीसरी गति की,चौथी असँख्य शक्तियों की ,और पांचवी अपार धन की, तुम संसार में शकितयों के संतुलन के लिए जो व्रत कर रहे थे वो पूर्ण हुआ , अब यह हनहोनी जो घटी है उसे ठीक करो ,तथास्तु" । इसके बाद गुरु विश्वा ने समय चक्र की पीछे घुमाया औऱ देव काम का तथा उसकी पत्नी वासना का वध कर अपनी पत्नी के शील को भंग होने से बचा लिया । लेकिंन उसके बाद इन शक्तिशाली अंगुठियों को पा कर सारी धरती पर अपना राज कायम करने की ऐसी होड़ लगी कि चारों राज्य एक दूसरे की जान के दुश्मन बन बैठे ।
जादूगर द्रोण ने अपनी कहानी खत्म की और अपने शिष्यों रिया सेन, महेश और दिनेश को देखकर बोले कोई प्रशन हो तो पूछ लो ।

जारी........

Lund faad starting .....Keep posting .....
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RE: बॉलीवुड सितारों का परिवार - by rahulraj - 06-12-2018, 10:39 PM



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