19-03-2019, 10:24 AM
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२२ वीं फुहार
![[Image: sixteen-10320564_866305343385890_3498278...7718_n.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/31/sixteen-10320564_866305343385890_3498278490879867718_n.jpg)
गुड्डी : रात अकेली है
![[Image: sixteen-night2.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/31/sixteen-night2.jpg)
अजय और सुनील, चन्दा के यहां जो मेहमान आये थे, उनको छोड़ने शहर गये थे, और भाभी की माँ भी उनके साथ शहर गयी थीं ,(फिर शहर था भी कितना दूर , मुश्किल से घंटे डेढ़ का रास्ता) ,इसलिये रात में… वैसे भी आज मैं बुरी तरह थकी थी। और फिर सुबह ही दोनों को लौट आना था , सात आठ बजे तक और भाभी की माँ भी साथ में लौट आतीं।
इसलिए आज सोने का इंतजाम चेंज हो गया। मैं जहाँ भाभी की माँ सोती थीं ,चम्पा भाभी के बगल वाले कमरे में , वहां शिफ्ट कर दी गयी।
आज नींद भी जबरदस्त आ रही थी , कितने दिन हो गए थे रात में ठीक से सोये हुए। और फिर जगने का कोई फायदा भी नहीं था , जगाने वाले तो खुद शहर गए थे।
जब मैं सोने गयी तो भाभी ने मुन्ने को मेरे पास लिटा दिया और बोलीं-
“आज मुन्ना, अपनी बुआ के पास सोयेगा…”
“और मुन्ने की अम्मा, क्या मुन्ने के मामा के पास सोयेंगी…”
हँसकर मैंने पूछा।
मुश्कुराकर भाभी बोलीं- “नहीं मुन्ने की मामी के पास…”
चम्पा भाभी के पति कुछ दिन के लिये शहर गये थे, इसलिये वो अकेली थीं।
चम्पा भाभी का कमरा मेरे कमरे के बगल में ही था। थोड़ी ही देर में, कपड़ों की सरसराहट के बीच भाभी की फुसफुसाहट सुनायी दी-
“थोड़ी देर रुक जाओ भाभी, गुड्डी जाग रही होगी…”
“अरे तो क्या हुआ वह भी यह खेल अच्छी तरह से सीख जायेगी…”
चम्पा भाभी बेसबर हो रहीं थी।
“ठीक कहती हो भाभी आप ऐसा गुरू कहां मिलेगा, इस खेल का… अच्छी तरह सिखा दीजियेगा, मेरी ननद को…”
मुझे कसकर नींद आ रही थी पर नींद के बीच-बीच में, चूड़ियों और पायल की आवाज, सिसकियां, चीख,
मुझे सब कुछ साफ-साफ बता दे रही थी कि दोनों भाभी के बीच रात भर क्या खेल हो रहा है।
और आज दिन भर और कल रात में जो चक्की चली थी ,वो सब सीन आँख के सामने गुजर रहे थे।
आज मेरी पांचवी रात थी भाभी के गाँव में और पहली बार मैं अकेली थी,
कल इस समय तो अजय अब तक , मैं सोच भी नहीं सकती थी की ,.... एक रात में चार बार।
इस समय कल अजय मेरे ऊपर चढ़ा हुआ था और हचक के धक्के मार रहा था
और मैं भी खुल के उस के साथ चूतड़ उठा उठा के मजे ले रही थी।
यहां आने के पहले कोई मजाक में भी कहता तो मैं बुरा मुंह बना लेती , मैं सपने में भी सोच नहीं सकती थी की ,
पांच दिन में मैं , अजय ,सुनील,रवी ,दिनेश सब से , और कल तो रात भर अजय के साथ।
![[Image: Fucking-slow-....tumblr_mglbrijFMZ1ra662ro1_r1_400.gif]](https://picsbees.com/images/2018/10/31/Fucking-slow-....tumblr_mglbrijFMZ1ra662ro1_r1_400.gif)
फिर मुझे कुछ याद आया और मैं मुस्करा उठी , कल जो मैंने अजय को चैलेन्ज दिया था जाने के पहले
उसका नंबर डका के जाउंगी।
वो दुष्ट कह रहा था की उसने १८ लड़कियों के साथ ,चंदा , पूरबी , और कितनी काम वालियों , भाभियों के साथ ,
तो मैंने बोल दिया था चल यार मैं भी कम से कम २० के साथ , और उसने बजाय बुरा मानने के और चढ़ाया मुझे , ...
लेकिन कुछ और याद गया मुझे और मेरा दिल धक् से रह गया।
अब चार ही दिन तो बचे थे और।
दसवे दिन हम लोगों को लौट जाना था ,मेरा कॉलेज खुल रहा था।
पहले तो मैं सिर्फ दो तीन दिन के लिए ही आने को मान रही थी लेकिन भाभी ने बहुत कहा ,बहुत दिनों बाद वो अपने मायके आ रही थीं और मुन्ने के होने के बाद पहली बार इसलिए , बहुत ना नुकुर कर के मैं मानी थी ,
लेकिन अब वो दस दिन भी कम लग रहे थे।
इतना मन लग रहा था , चंदा और उसकी सहेलियां , गाँव का खुलापन न कोई टोका टोकी ,न कोई मना करने वाला ,न पूछने वाला।
और चार दिन बाद जब घर लौट आउंगी तो वहां तो बस , सुबह कॉलेज जाओ ,शाम को कभी कोचिंग कभी कुछ ,
और घर आओ तो फिर पढ़ाई और किचेन का काम।
न कोई छेड़ने वाला , न मस्ती की बाते करने वाला।
![[Image: Pakistan-college-Girls-Photos-Pakistani-...com.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/31/Pakistan-college-Girls-Photos-Pakistani-College-Girls-Best-collection-7-PakGirlsPic.blogspot.com.md.jpg)
लड़कों का तो सवाल ही नहीं था , गली के बाहर कुछ जरूर रहते थे , लेकिन सीटी बजाने ,
कमेंट पास करने से ज्यादा कुछ नहीं , और डर भी रहता था , कुछ भी बोल दो तो तुरंत घर बात पहुँच जाती थी।
सहेलियों के साथ पिक्चर भी जाओ तो बता के , किस हाल में ,कौन पिक्चर ,टाइम पे लौट आना।
मन कर रहा था कुछ जादू हो जाय और वो चार दिन कम से कम एक हफ्ते में तो बदल जायँ ,
तब तक बगल के कमरे से एक चीख गूंजी , भाभी की थी।
और मैं कान पार के सुनने लगी ,
चीख भाभी की थी , और फिर उनकी आवाज
" नहीं भाभी नहीं तीन उंगली नहीं , लगता है "
![[Image: sixteen-fingering.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/31/sixteen-fingering.jpg)
" अरे बिन्नो , जउन बुरिया से एतना बड़ा मुन्ना निकाल दिया ,और हम तो पूरी मुट्ठी पेलने वाले थे ,
लेकिन कामिनी भाभी ने बोला था की हम दोनों मिल के तुम्हे मुट्ठी का मजा देंगे इसी लिए आज तीन ऊँगली पे बख्स दे रही हूँ। "
चंपा भाभी की आवाज रात के सन्नाटे में साफ़ साफ़ आ रही थी।
फिर मेरी भाभी ने कुछ हलके से मेरा नाम लिया और चम्पा भाभी की जोर से खिलखिलाने की आवाज आई ,
"तो तुम क्या सोच रही छोड़ दूंगी उसको , अरे सीधे से नहीं मानेगी तो हाथ पैर बाँध के ,
बसंती तो कब से पीछे पड़ी थी मैंने ही समझाया। "
और अब मेरी भाभी की खुल के हंसने की आवाज आ रही थी , बोलीं , एक दम सही भाभी , लेकिन अब बसंती को मत रोकिएगा , ...
मैं ध्यान से सुनने की कोशिश कर रही थी लेकिन अब उन दोनों की आवाजें धीमी हो गयी थी।
बहुत ध्यान से सुनने पर भी , मुझे दो तीन बार अपना नाम सुनाई पड़ा और ,...
खारा शरबत ,...
मुझे कुछ ख़ास समझ में नहीं आ रहा था , नींद भी बहुत जोर से आ रही थी और कुछ ही देर में नींद ने आ घेरा।
सुबह बसंती ने ही आके जगाया ,और वो भी अपने तरीके से ,
![[Image: Sixteen-lolita3.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/31/Sixteen-lolita3.jpg)
सीधे स्कर्ट में हाथ डाल के मेरी चुनमुनिया को दबोच के बोली ,
" अरे रात भर केकरे साथ कुश्ती लड़ी हो जो इतनी देर तक सो रही हो मेरी बिन्नो। "
मैंने जब निगाह खोली तो सच में धूप चढ़ आई थी।
मुश्किल से बसंती से छुड़ाते मैं बोली , बस अभी तैयार हो के आ रही हूँ।
![[Image: sixteen-teentits2.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/31/sixteen-teentits2.jpg)
लेकिन बंसती आज पीछे पड़ गयी थी ,
" अरे चलो आज हम ही तैयार करा देते हैं तुमको। :"
मुझे मालूम था की तैयार करने के नाम पे वो क्या क्या करती। चंपा भाभी से भी भी पांच हाथ आगे थी वो ,
" नहीं बस पांच मिनट। " और मुश्किल से वो गयी।
![[Image: sixteen-10320564_866305343385890_3498278...7718_n.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/31/sixteen-10320564_866305343385890_3498278490879867718_n.jpg)
गुड्डी : रात अकेली है
![[Image: sixteen-night2.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/31/sixteen-night2.jpg)
अजय और सुनील, चन्दा के यहां जो मेहमान आये थे, उनको छोड़ने शहर गये थे, और भाभी की माँ भी उनके साथ शहर गयी थीं ,(फिर शहर था भी कितना दूर , मुश्किल से घंटे डेढ़ का रास्ता) ,इसलिये रात में… वैसे भी आज मैं बुरी तरह थकी थी। और फिर सुबह ही दोनों को लौट आना था , सात आठ बजे तक और भाभी की माँ भी साथ में लौट आतीं।
इसलिए आज सोने का इंतजाम चेंज हो गया। मैं जहाँ भाभी की माँ सोती थीं ,चम्पा भाभी के बगल वाले कमरे में , वहां शिफ्ट कर दी गयी।
आज नींद भी जबरदस्त आ रही थी , कितने दिन हो गए थे रात में ठीक से सोये हुए। और फिर जगने का कोई फायदा भी नहीं था , जगाने वाले तो खुद शहर गए थे।
जब मैं सोने गयी तो भाभी ने मुन्ने को मेरे पास लिटा दिया और बोलीं-
“आज मुन्ना, अपनी बुआ के पास सोयेगा…”
“और मुन्ने की अम्मा, क्या मुन्ने के मामा के पास सोयेंगी…”
हँसकर मैंने पूछा।
मुश्कुराकर भाभी बोलीं- “नहीं मुन्ने की मामी के पास…”
चम्पा भाभी के पति कुछ दिन के लिये शहर गये थे, इसलिये वो अकेली थीं।
चम्पा भाभी का कमरा मेरे कमरे के बगल में ही था। थोड़ी ही देर में, कपड़ों की सरसराहट के बीच भाभी की फुसफुसाहट सुनायी दी-
“थोड़ी देर रुक जाओ भाभी, गुड्डी जाग रही होगी…”
“अरे तो क्या हुआ वह भी यह खेल अच्छी तरह से सीख जायेगी…”
चम्पा भाभी बेसबर हो रहीं थी।
“ठीक कहती हो भाभी आप ऐसा गुरू कहां मिलेगा, इस खेल का… अच्छी तरह सिखा दीजियेगा, मेरी ननद को…”
मुझे कसकर नींद आ रही थी पर नींद के बीच-बीच में, चूड़ियों और पायल की आवाज, सिसकियां, चीख,
मुझे सब कुछ साफ-साफ बता दे रही थी कि दोनों भाभी के बीच रात भर क्या खेल हो रहा है।
और आज दिन भर और कल रात में जो चक्की चली थी ,वो सब सीन आँख के सामने गुजर रहे थे।
आज मेरी पांचवी रात थी भाभी के गाँव में और पहली बार मैं अकेली थी,
कल इस समय तो अजय अब तक , मैं सोच भी नहीं सकती थी की ,.... एक रात में चार बार।
इस समय कल अजय मेरे ऊपर चढ़ा हुआ था और हचक के धक्के मार रहा था
और मैं भी खुल के उस के साथ चूतड़ उठा उठा के मजे ले रही थी।
यहां आने के पहले कोई मजाक में भी कहता तो मैं बुरा मुंह बना लेती , मैं सपने में भी सोच नहीं सकती थी की ,
पांच दिन में मैं , अजय ,सुनील,रवी ,दिनेश सब से , और कल तो रात भर अजय के साथ।
![[Image: Fucking-slow-....tumblr_mglbrijFMZ1ra662ro1_r1_400.gif]](https://picsbees.com/images/2018/10/31/Fucking-slow-....tumblr_mglbrijFMZ1ra662ro1_r1_400.gif)
फिर मुझे कुछ याद आया और मैं मुस्करा उठी , कल जो मैंने अजय को चैलेन्ज दिया था जाने के पहले
उसका नंबर डका के जाउंगी।
वो दुष्ट कह रहा था की उसने १८ लड़कियों के साथ ,चंदा , पूरबी , और कितनी काम वालियों , भाभियों के साथ ,
तो मैंने बोल दिया था चल यार मैं भी कम से कम २० के साथ , और उसने बजाय बुरा मानने के और चढ़ाया मुझे , ...
लेकिन कुछ और याद गया मुझे और मेरा दिल धक् से रह गया।
अब चार ही दिन तो बचे थे और।
दसवे दिन हम लोगों को लौट जाना था ,मेरा कॉलेज खुल रहा था।
पहले तो मैं सिर्फ दो तीन दिन के लिए ही आने को मान रही थी लेकिन भाभी ने बहुत कहा ,बहुत दिनों बाद वो अपने मायके आ रही थीं और मुन्ने के होने के बाद पहली बार इसलिए , बहुत ना नुकुर कर के मैं मानी थी ,
लेकिन अब वो दस दिन भी कम लग रहे थे।
इतना मन लग रहा था , चंदा और उसकी सहेलियां , गाँव का खुलापन न कोई टोका टोकी ,न कोई मना करने वाला ,न पूछने वाला।
और चार दिन बाद जब घर लौट आउंगी तो वहां तो बस , सुबह कॉलेज जाओ ,शाम को कभी कोचिंग कभी कुछ ,
और घर आओ तो फिर पढ़ाई और किचेन का काम।
न कोई छेड़ने वाला , न मस्ती की बाते करने वाला।
![[Image: Pakistan-college-Girls-Photos-Pakistani-...com.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/31/Pakistan-college-Girls-Photos-Pakistani-College-Girls-Best-collection-7-PakGirlsPic.blogspot.com.md.jpg)
लड़कों का तो सवाल ही नहीं था , गली के बाहर कुछ जरूर रहते थे , लेकिन सीटी बजाने ,
कमेंट पास करने से ज्यादा कुछ नहीं , और डर भी रहता था , कुछ भी बोल दो तो तुरंत घर बात पहुँच जाती थी।
सहेलियों के साथ पिक्चर भी जाओ तो बता के , किस हाल में ,कौन पिक्चर ,टाइम पे लौट आना।
मन कर रहा था कुछ जादू हो जाय और वो चार दिन कम से कम एक हफ्ते में तो बदल जायँ ,
तब तक बगल के कमरे से एक चीख गूंजी , भाभी की थी।
और मैं कान पार के सुनने लगी ,
चीख भाभी की थी , और फिर उनकी आवाज
" नहीं भाभी नहीं तीन उंगली नहीं , लगता है "
![[Image: sixteen-fingering.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/31/sixteen-fingering.jpg)
" अरे बिन्नो , जउन बुरिया से एतना बड़ा मुन्ना निकाल दिया ,और हम तो पूरी मुट्ठी पेलने वाले थे ,
लेकिन कामिनी भाभी ने बोला था की हम दोनों मिल के तुम्हे मुट्ठी का मजा देंगे इसी लिए आज तीन ऊँगली पे बख्स दे रही हूँ। "
चंपा भाभी की आवाज रात के सन्नाटे में साफ़ साफ़ आ रही थी।
फिर मेरी भाभी ने कुछ हलके से मेरा नाम लिया और चम्पा भाभी की जोर से खिलखिलाने की आवाज आई ,
"तो तुम क्या सोच रही छोड़ दूंगी उसको , अरे सीधे से नहीं मानेगी तो हाथ पैर बाँध के ,
बसंती तो कब से पीछे पड़ी थी मैंने ही समझाया। "
और अब मेरी भाभी की खुल के हंसने की आवाज आ रही थी , बोलीं , एक दम सही भाभी , लेकिन अब बसंती को मत रोकिएगा , ...
मैं ध्यान से सुनने की कोशिश कर रही थी लेकिन अब उन दोनों की आवाजें धीमी हो गयी थी।
बहुत ध्यान से सुनने पर भी , मुझे दो तीन बार अपना नाम सुनाई पड़ा और ,...
खारा शरबत ,...
मुझे कुछ ख़ास समझ में नहीं आ रहा था , नींद भी बहुत जोर से आ रही थी और कुछ ही देर में नींद ने आ घेरा।
सुबह बसंती ने ही आके जगाया ,और वो भी अपने तरीके से ,
![[Image: Sixteen-lolita3.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/31/Sixteen-lolita3.jpg)
सीधे स्कर्ट में हाथ डाल के मेरी चुनमुनिया को दबोच के बोली ,
" अरे रात भर केकरे साथ कुश्ती लड़ी हो जो इतनी देर तक सो रही हो मेरी बिन्नो। "
मैंने जब निगाह खोली तो सच में धूप चढ़ आई थी।
मुश्किल से बसंती से छुड़ाते मैं बोली , बस अभी तैयार हो के आ रही हूँ।
![[Image: sixteen-teentits2.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/31/sixteen-teentits2.jpg)
लेकिन बंसती आज पीछे पड़ गयी थी ,
" अरे चलो आज हम ही तैयार करा देते हैं तुमको। :"
मुझे मालूम था की तैयार करने के नाम पे वो क्या क्या करती। चंपा भाभी से भी भी पांच हाथ आगे थी वो ,
" नहीं बस पांच मिनट। " और मुश्किल से वो गयी।