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Adultery दो भाई दो बहन
#5
रिया की चूत की मांसपेशियों ने राज के लंड को जाकड़ लिया और चूत


की गर्मी ने राज को और उत्तेजित कर दिया था. वो उछल उछल कर

धक्के लगा रहा था, "तुम्हारी चूत तो ग़ज़ब की है रिया..... काश

मेने इसे पहले चोदा होता."
[Image: Noelle-Easton-enjoys-getting-her-pussy-fucked.gif]
"मेरी चुचियों से खेलो राज निपल को मुँह मे लेकर चूसो....."

रिया गहरी सांस लेती हुई बोली.

राज ने अपनी गर्दन झुकाई और उसके कठोर निपल को अपने दन्तो मे ले

काट डाला.

"ऑश मेने चूसने को कहा था काटने को नही दर्द होता है

ना......"

अपने लंड के जोरदार धक्के मारते हुए वो जोरों से उसकी चुचियों को

मसल्ने और चूसने लगा.

"ऑश राज मैं गयी तुम्हे क्या चुदाई करते हो बस थोड़ा और ज़ोर

से ......ऑश हाआँ ऐसे और ज़ोर से मेरा छूटने वाला है..." रिया

नीचे से अपनी कमर उछालते हुए बोली.

राज अब लंबे और ज़ोर के धक्कों से उसे चोदने लगा. रिया का शरीर

हर धक्के से उसके नीचे दहल जाता. उसकी चूत से बहता पानी

उसकी जाँघो तक आ गया था. जैसे जैसे उसकी चूत छूटने के

करीब आती उसका शरीर और कांप जाता. ज़मीन पर लेटे होने वजह से

उसकी पीठ दर्द कर रही थी. पर चुदाई की मस्ती के आगे पीठ के

दर्द का कहाँ होश था.

वो जोरों से अपनी कमर नीचे से उछल रही थी. अपनी चूत की

मांसपेशियों से उसके लंड को और जाकड़ वो सिसक रही थी.

'हाआँ राज में तो गयी....... ओह हां ज़ोर से अंदर तक

पेलूऊऊओ ऑश गयी......"

अपनी टाँगो को और कमर मे कस उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. राज ने

भी उसकी चुचियों को ज़ोर से भींचा और ज़ोर का धक्का मार अपना

पानी छोड़ दिया. पसीने से लत पथ वो उसके शरीर पर गिर सा पड़ा.
[Image: 836_1000.gif]
"मुझे उठने दो राज नीचे की खुरदरी ज़मीन मेरी पीठ पर घाव

कर देगी." रिया ने राज को अपने उपर से अलग करते हुए कहा.

राज उसके उपर से खड़ा हुआ और उसने रिया का हाथ पकड़ उसे भी खड़ा

कर दिया. खड़े होते ही रिया की नज़रे राज के लंड पर पड़ी. चाँद की

रोशनी मे लंड पर चमकती वीर्य की बूंदे देख वो मन्त्र मुग्ध हो

गयी. वो उसकी टाँगे के बीच बैठ गयी और उसके लंड पर अपनी जीभ

घूमा उन बूँदो को चाटने लगी.
[Image: worship-the-cock.gif]
राज का लंड एक बार फिर तनने लगा था. उसने पास के ही पेड़ की तनी

को पकड़ लिया. रिया अब उसके लंड को अपने मुँह मे ले चूस रही थी.

वो मुट्ठी से उसके लंड को मसल्ते हुए उसके सूपदे को और जोरो से

चूसने लगी.
[Image: small-teen-sucking-massive-cock-gif_001.gif]
राज ने अपनी एक टांग उठा कर रिया के कंधे पर रख दी और उसके

चेहरे को और अपनी जाँघो के करीब कर लिया. रिया ने भी अपने दोनो

हाथों से उसके चूतड़ को पकड़ और जोरों से उसके लंड को चूसने

लगी.

राज भी उसके सिर को पकड़ उसके मुँह को चोदने लगा. थोड़ी ही देर

मे उसका लंड पिचकारी पर पिचकारी छोड़ रहा था जिसे रिया पिए जा

रही थी. कुछ वीर्य उसके होठों के किनारे से बहता हुआ नीचे गिर

रहा था. जब उसने राज के लंड की आखरी बूँद भी निचोड़ कर पी

ली तो उसने उसके लंड को अपने मुँह से निकाल दिया.

"देखा आज तक तुम क्या मिस करते आए." अपनी जीभ से बहते वीर्य

को चाटते हुए रिया बोली.
[Image: annika-albrite.gif]
"अच्छा होगा अगर हम कपड़े पहन कुछ लकड़ियाँ ढूंड लें." राज ने

रिया को याद दिलाया.

दोनो समय पर ही अलाव के पास पहुँच गये. आग बुझने को ही थी.

जय सन्कित नज़रों से दोनो को देख रहा था लेकिन उसने कुछ कहा

नही. राज ने कुछ चुनी हुई लकड़ियाँ आग मे डाली और उन्हे हवा दे

जलाने लगा.

"मैं ज़रा घर मे जाकर बाथरूम होकर आती हूँ." अपने हाथों की

लकड़ियों को ज़मीन पर रखती हुई वो बोली.

रिया पहले भी कई बार राज के घर मे आ चुकी थी. पर जब उसका

टकराव पहली बार रोमा से हुआ तो वो तुरंत उससे पहचान गयी.

"कैसी हो रोमा?" रिया ने पूछा.

"हाई." रोमा ने कहा, किंतु उसके चेहरे के भावों को देख रिया समझ

गयी कि रोमा ने उसे पहचाना नही है.

"में रिया हूँ, जय की बड़ी बेहन," रिया ने अपना परिचय दिया. में

सिर्फ़ दो दिन की छुट्टी मे कॉलेज से घर आई हूँ. मैं पास के

शहर मे पढ़ती हूँ. "क्या बात है तुम हम सब के साथ बाहर नही

आई?"

रोमा की समझ मे नही आया कि वो क्या जवाब दे. करीब करीब एक

अंजान इंसान को वो कैसे बताए कि वो अपने भाई के प्यार मे पागल

है. कैसे कहे कि आज उसने खुद अपना मज़ाक बनाया था अपने भाई के

सामने और अब वो उससे नज़रें भी नही मिला पा रही है. "मुझे नही

मालूम." बस इतना ही कह पाई वो.

"तुम दो मिनिट यहीं रूको में बाथरूम जाकर आती हू फिर हुम्म

साथ साथ तालाब तक चलेंगे." रिया ने कहा.

रोमा को नही मालूम था कि रिया क्या सोच रही थी. रिया को रोमा काफ़ी

पसंद आई थी ठीक किसी गुड्डिया की तरह. रिया एक खुले विचारों

की लड़की थी और जहाँ तक सेक्स का सवाल था उसका उसूल था जो दिल को

भाए उस के साथ करो ना भाए तो ना करो.

बाथरूम से निकल जब वो रोमा के कमरे के बगल से निकली तो

पूछा, "तय्यार हो."

कमरे से कोई आवाज़ ना आने पर रिया ने अंदर झाँक कर देखा तो पाया

कि रोमा पलंग पर लेती थी और छत को घूर रही थी. वो चल कर

पलंग के करीब आई और उस लड़की के जवान शरीर को निहारने लगी.

रिया खास तौर पर रोमा की छोटी और गोल गोल चुचियों की ओर

आकर्षित हो गयी थी. उसका दिल तो चाहा कि आगे बढ़ कर उन

चुचियों को छुए और प्यार करे. उसके दिल ने कहा कि अगर रोमा

खुले विचारों की हुई तो ज़रूर एक रात उसके साथ प्यार करेगी.

"क्या बात है बहोत ज़्यादा टेन्स लग रही हो?" रिया ने प्यार से रोमा

से पूछा.

"ऐसा कुछ नही है जो में तुम्हे समझा सकूँ." रोमा ने जवाब दिया.

रिया के अनुभव ने उसे बता दिया कि रोमा किसी के प्रेम मे पागल है.

प्यार का कोई इलाज़ नही होता, ये वो दर्द है जो सिर्फ़ सहा जाता है

पर किसी के साथ बाँटा नही जाता.

"चलो उठो." रिया ने उसकी बाँह पकड़ कर उसे उठाते हुए कहा, "जय

अपने साथ वाइन और खाने के लिए बहोत सारी चीज़ें लाया है, और

हां एक बात मुझे ना सुनना पसंद नही है. अगर दिल मे तकलीफ़

है तो एक ही इलाज़ है अपनी सुध बूध खो बैठो समझी."

रिया के काफ़ी समझने पर रोमा बिस्तर से उठी और रिया के साथ बाहर

आ गयी. दोनो लड़कियाँ धीरे धीरे चलते हुए उस अलाव के पास आ

गयी. चलते चलते रिया का बदन कई बार रोमा के बदन से टकराया.

हर टकराव के बाद रिया के बदन मे झूर झुरी सी दौड़ जाती. उसने

रोमा की उंगलियों को अपनी उंगलियों मे फँसाया और उसका हाथ थामे

चलने लगी. रोमा को भी उसके हाथ का स्पर्श अच्छा लगा. थोड़ी ही देर

मे वो दो सहेलियों की तरह बातें कर रही थी.

राज जैसे ही अलाव मे लकड़ियाँ डाल कर घूमा तो उसने देखा कि रोमा

बियर का एक कॅन खोल उसमे से घूँट ले रही थी. रोमा को वाहा देख वो

थोड़ा सा नर्वस सा हो गया, रोमा कभी उसकी पार्टियों मे शामिल

नही होती थी.

रिया ने राज के चेहरे पर उसके भाव पढ़ लिए, उसने इशारे से उसे

बताया कि वो रोमा को वहाँ लेकर आई है.

"राज ये लो." कहकर जय ने एक सिग्रेट और लाइटर राज की ओर बढ़ा

दिया.

राज ने सिगरेतटे लेते लेते एक सरसरी सी निगाह रोमा पर डाली और

फिर अपना ध्यान रिया पर केंद्रित कर दिया. वो सिग्रेट से हल्के

हल्के काश लेकर रिया को ही देख रहा था. सिग्रेट पीते ही राज

समझ गया कि सिग्रेट मे नशीली दवाई मिली है, पर ना जाने क्यों

आज उसे ये सिग्रेट पीकर सकुन मिल रहा था.

जय ने एक दूसरी सिग्रेट जलाई और रिया को पकड़ा दी.

"तयार हो?" रिया ने रोमा से पूछा.

रिया के सवाल से रोमा चौंक पड़ी, "किस बात के लिए?"

रिया के चेहरे को देख रोमा समझ कि उसकी नई दोस्त उसके साथ कोई

शरारत करना चाहती है.

"सिर्फ़ मेरे पास रहना" रिया ने रोमा से कहा.

रिया ने सिग्रेट के लंबे लंबे काश ले अपनी छातियों को सिग्र्ट्ट

के धुआँ से भर ली. फिर रोमा पर झुकते हुए उसने अपने होंठ रोमा

के होठों पर रख दिए. रोमा ने जैसे ही अपने होंठ थोड़े से खोले

रिया ने सारा धुआँ उसके मुँह मे छोड़ दिया. फिर थोड़ी देर बाद रिया

अपनी जीब उसके मुँह मे डाल उसकी जीब को चुलबुलाने लगी.
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Messages In This Thread
दो भाई दो बहन - by Payal786 - 18-11-2020, 02:28 PM
RE: दो भाई दो बहन - by Payal786 - 30-11-2020, 03:39 PM
RE: दो भाई दो बहन - by bhavna - 30-11-2020, 11:50 PM



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