18-03-2019, 10:32 PM
(This post was last modified: 05-07-2020, 11:47 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
स्वीट डिश स्पेशल
वह रोज जब लंच पे आते थे तो मेरे नीचे वाले होंठ उन्हें स्वीट डिश में मिलते थे
लेकिन आज तो इत्ती बड़ी खुशखबरी थी , ( असल बात ये थी की मैं चाहती थी की उनके ऊपरी होंठों पे हमेशा मेरे निचले होंठों का स्वाद और महक रहे ) इसलिए स्वीट डिश भी स्पेशल थी ,
उनके ' फेवरिट फ्रूट ' मैंगो की लम्बी लम्बी रसीली सुनहरी फांके
मैंने अपनी रसीली कोमल कोमल मखमली चूत की फांको के बीच बहुत देर से भींच रखी थी ,
और आज मेरी चूत , 'चूत रस' ( आम का एक नाम चूत भी तो है ) से लबालब भरी थी।
सुबह की तरह एक बार फिर मैं उनके ऊपर थी
और वो लबड़ लबड़ ,सपड़ सपड़ चाट रहे थे।
आफिस तो वो फार्मल ड्रेस में ही जाते थे , और वो पायल भी जो मैंने शरारत से उनको पहनाई थी ,उनकी बर्थडे के बाद , एक बहुत पतली सी सिल्वर एंकलेट में बदल गयी थी ,कोई घुंघरू नहीं सिर्फ एक पतली सी चेन ,
इनकी देह से चिपकी दुबकी रहती थी , इन्हें मेरा अहसास दिलाते।
आज वो इतने खुश थे की बस पूछो मत।
बिना फार्मल प्रमोशन के भी पावर इक्वेशन में अचानक उनकी इम्पार्टेन्स उनसे दस पंद्रह साल सीनियर्स से भी बढ़ गयी थी और अनरिटेन पर्क्स भी। और सबसे बड़ी बात ये थी की मिस्टर खन्ना ने सबके सामने इनकी तारीफ़ की
और दो बातों में उनकी राय मान के डिसीज़न लिया।
और जब वो आफिस लौटे तो उनके होंठों पे और जहाँ कभी उनकी मूंछे रहा करती थीं ,
मेरी चूत का रस साफ़ साफ़ चमक रहा था। जो दूर से पहचाना जा सकता था।
दरवाजा बंद करने के बाद भी मैं बस यही सोच रही थी की कैसे हसबेंड नाइट में ये फर्स्ट आएं।
तिहरा फायदा , शादी के बाद हम लोग इनकी मायकेवालियों के चक्कर में हनीमून पर भी नही गए।
मेरा ( और इनका भी )सारा सपना प्लान धरा रह गया तो बिलेटेड ही सही ,हनीमून हो जाएगा ,वो भी कंम्पनी के खर्चे पर।
दूसरे मेरा लेडीज क्लब की सेक्रेटरी बनना पक्का हो जाता
लेकिन सबसे बड़ी बात ये एकदम मिस्टर खन्ना की निगाह में चढ़ जाते ,फिर पता नहीं शायद सीधे मंगल क्लब की मेम्बरशिप यानी डिसीजन मेकिंग सर्किल में , ...
मुझे इनकी एबिलिटी में कोई शक नहीं था ,
बस अपने मायकेवालियों के चक्कर में थोड़े घुस्सू टाइप ,शर्मीले , वरना ,... लेकिन अब मैं थी न इनके साथ।
गनीमत थी मिसेज खन्ना ने मुझे कप्टीशन केबारे में बता दिया था और मिस्टर खन्ना की च्वॉयस के बारे में
ड्रेस में परफेक्शन , ...
यानी एकदम इनके नाप की सही फिटिंग की ड्रेस ,.. और कैटवाक थी तो कई ड्रेस ,...
लेकिन कैसे मैं इन्हें राजी करुँगी ,..
पर हर प्राब्लम की तरह मैंने इसका भी रास्ता ढूंढ लिया।
इनकी ख़ुशी में मेरी ख़ुशी थी और इनकी सक्सेस में मेरी सक्सेस ,...
….
आफिस में भी
और जब वो आफिस लौटे तो उनके होंठों पे और जहाँ कभी उनकी मूंछे रहा करती थीं ,
मेरी चूत का रस साफ़ साफ़ चमक रहा था। जो दूर से पहचाना जा सकता था।
और उनके आफिस पहुंचने के आधे घण्टे के अंदर ही मिसेज डि मेलो ,
उनकी गोवानीज सेक्रेटरी ( वही जो उम्र में ३० + थी और साइज में ३६ डी + ,
और अब उनकी ट्रेनिंग में मेरी सिर्फ राजदार थी बल्कि सहयोगी भी )
ने उनके होंठों पे लगे रस के बारे में हँसते हुए मुझे फोन किया।
वो एक मीटिंग में चले गए थे।
आज मिसेज डी मिलो भी बहुत बहुत खुश थीं ,एक तो उनके नए असाइनमेंट ,
बढ़ी हुयी फाइनेन्सनियल पावर से आखिर सारी फाइलें जाती भी तो मिसेज डी मेलो से होकर ,
फिर जोर सेक्रेटेरियल टोटेम पोल था , अब इनके डी फैक्टो हेड का काम मिलने से उनका भी दर्जा बढ़ गया था।
कुछ देर हम लोगों ने बातें की और फिर मैंने दो काम उन्हें पकड़ा दिए।
उनको असली सरप्राइज मिला , आफिस बंद होने के बस थोड़ी देर पहले।
मिसेज डी मेलो उनके केबिन में पहुंची ,...
वह रोज जब लंच पे आते थे तो मेरे नीचे वाले होंठ उन्हें स्वीट डिश में मिलते थे
लेकिन आज तो इत्ती बड़ी खुशखबरी थी , ( असल बात ये थी की मैं चाहती थी की उनके ऊपरी होंठों पे हमेशा मेरे निचले होंठों का स्वाद और महक रहे ) इसलिए स्वीट डिश भी स्पेशल थी ,
उनके ' फेवरिट फ्रूट ' मैंगो की लम्बी लम्बी रसीली सुनहरी फांके
मैंने अपनी रसीली कोमल कोमल मखमली चूत की फांको के बीच बहुत देर से भींच रखी थी ,
और आज मेरी चूत , 'चूत रस' ( आम का एक नाम चूत भी तो है ) से लबालब भरी थी।
सुबह की तरह एक बार फिर मैं उनके ऊपर थी
और वो लबड़ लबड़ ,सपड़ सपड़ चाट रहे थे।
आफिस तो वो फार्मल ड्रेस में ही जाते थे , और वो पायल भी जो मैंने शरारत से उनको पहनाई थी ,उनकी बर्थडे के बाद , एक बहुत पतली सी सिल्वर एंकलेट में बदल गयी थी ,कोई घुंघरू नहीं सिर्फ एक पतली सी चेन ,
इनकी देह से चिपकी दुबकी रहती थी , इन्हें मेरा अहसास दिलाते।
आज वो इतने खुश थे की बस पूछो मत।
बिना फार्मल प्रमोशन के भी पावर इक्वेशन में अचानक उनकी इम्पार्टेन्स उनसे दस पंद्रह साल सीनियर्स से भी बढ़ गयी थी और अनरिटेन पर्क्स भी। और सबसे बड़ी बात ये थी की मिस्टर खन्ना ने सबके सामने इनकी तारीफ़ की
और दो बातों में उनकी राय मान के डिसीज़न लिया।
और जब वो आफिस लौटे तो उनके होंठों पे और जहाँ कभी उनकी मूंछे रहा करती थीं ,
मेरी चूत का रस साफ़ साफ़ चमक रहा था। जो दूर से पहचाना जा सकता था।
दरवाजा बंद करने के बाद भी मैं बस यही सोच रही थी की कैसे हसबेंड नाइट में ये फर्स्ट आएं।
तिहरा फायदा , शादी के बाद हम लोग इनकी मायकेवालियों के चक्कर में हनीमून पर भी नही गए।
मेरा ( और इनका भी )सारा सपना प्लान धरा रह गया तो बिलेटेड ही सही ,हनीमून हो जाएगा ,वो भी कंम्पनी के खर्चे पर।
दूसरे मेरा लेडीज क्लब की सेक्रेटरी बनना पक्का हो जाता
लेकिन सबसे बड़ी बात ये एकदम मिस्टर खन्ना की निगाह में चढ़ जाते ,फिर पता नहीं शायद सीधे मंगल क्लब की मेम्बरशिप यानी डिसीजन मेकिंग सर्किल में , ...
मुझे इनकी एबिलिटी में कोई शक नहीं था ,
बस अपने मायकेवालियों के चक्कर में थोड़े घुस्सू टाइप ,शर्मीले , वरना ,... लेकिन अब मैं थी न इनके साथ।
गनीमत थी मिसेज खन्ना ने मुझे कप्टीशन केबारे में बता दिया था और मिस्टर खन्ना की च्वॉयस के बारे में
ड्रेस में परफेक्शन , ...
यानी एकदम इनके नाप की सही फिटिंग की ड्रेस ,.. और कैटवाक थी तो कई ड्रेस ,...
लेकिन कैसे मैं इन्हें राजी करुँगी ,..
पर हर प्राब्लम की तरह मैंने इसका भी रास्ता ढूंढ लिया।
इनकी ख़ुशी में मेरी ख़ुशी थी और इनकी सक्सेस में मेरी सक्सेस ,...
….
आफिस में भी
और जब वो आफिस लौटे तो उनके होंठों पे और जहाँ कभी उनकी मूंछे रहा करती थीं ,
मेरी चूत का रस साफ़ साफ़ चमक रहा था। जो दूर से पहचाना जा सकता था।
और उनके आफिस पहुंचने के आधे घण्टे के अंदर ही मिसेज डि मेलो ,
उनकी गोवानीज सेक्रेटरी ( वही जो उम्र में ३० + थी और साइज में ३६ डी + ,
और अब उनकी ट्रेनिंग में मेरी सिर्फ राजदार थी बल्कि सहयोगी भी )
ने उनके होंठों पे लगे रस के बारे में हँसते हुए मुझे फोन किया।
वो एक मीटिंग में चले गए थे।
आज मिसेज डी मिलो भी बहुत बहुत खुश थीं ,एक तो उनके नए असाइनमेंट ,
बढ़ी हुयी फाइनेन्सनियल पावर से आखिर सारी फाइलें जाती भी तो मिसेज डी मेलो से होकर ,
फिर जोर सेक्रेटेरियल टोटेम पोल था , अब इनके डी फैक्टो हेड का काम मिलने से उनका भी दर्जा बढ़ गया था।
कुछ देर हम लोगों ने बातें की और फिर मैंने दो काम उन्हें पकड़ा दिए।
उनको असली सरप्राइज मिला , आफिस बंद होने के बस थोड़ी देर पहले।
मिसेज डी मेलो उनके केबिन में पहुंची ,...