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अजीब दुनिया ।
#13
दिन बीतते गए और काम भी अच्छे से चलने लगा । सरला के साथ शिल्पा कि दोस्ती अच्छी हो गई । शिल्पा ने मदारी और मंजू को अच्छे से ट्रेनिंग भी दी । सिर्फ एक महीने के अंदर दोनो ने कंप्यूटर पे हिसाब किताब करना सीख लिया । शिल्पा ने बैंक owner से दो कंप्यूटर मांगने की बात कही । दो कंप्यूटर आते ही शिल्पा का काम आसान हो गया। चार गांव के लोग बैंक में रोज अपना हिसाब किताब करते धरते। सरजू के बड़े मजे है। आराम से बैठने का और बाहर बैठकर बीड़ी का मजा लेने का। के काम अच्छे से चलता गया। वैसे शिल्पा को भी यह गांव में काम करना अच्छा लगा क्योंकि ज्यादा काम नहीं करना होता और तो और दफ्तर में सिर्फ 5 घंटे ही काम करना होता है । बाकी के दिन जो करो वो करो ।

आज शनिवार था । मंजू को अपनी पत्नी के साथ बाहर जाना पड़ा । 4 दिन के लिए वो काम पे नहीं आ पाएगा। शिल्पा ने छुट्टी मंज़ूर की। बैंक के काम चालू ही थे । सरजू सफाई करके आराम से बाहर कुर्सी पे बैठता और घंटे में चार बीड़ी फूक देता । ऊब जाने की वजह से अपने मोबाइल में मस्त रहता । गाने सुनता और किसी ना किसी को फोन करता। आज शिल्पा और मदारी ही दफ्तर पे थे। मदारी चोरी चोरी शिल्पा को निहार रहा था । बुड्ढा जरूर है लेकिन जवान और खूबसूरत परी को देखने में मस्त था । दोपहर के 1 बजे थे। मदारी शिल्पा के पास आके कुर्सी पर बैठ गया।

"वैसे मेमसाब ज्यादा काम मत करिए। तबियत खराब हो जाएगी ।"

"कम कम ही है। वैसे भी जब से दोनो से कंप्यूटर चलना सीख लिया तब से काम कम ही है ।"

"तो फिर आज क्यों इतना सुबह से उलझी हुई है ?'

"आज महीने का रिपोर्ट भेज रही हूं ।"

"कब तक काम पूरा होगा ?"

"बस अभी पूरा हुआ । क्यों कही जाना है तुम्हे ?"

"मुझे नहीं हमें ।" मदारी ने कहा बड़े उत्तेजना से ।

"कहा ?'

"चलिए बाहर चलते है । अब काम भी नहीं है और यहां पे ऊब जाएंगे ।"

"बाहर नहीं जाना क्योंकि सुबह से मौसम खराब है और तो और तूफान कभी भी आ सकता है । इसीलिए घर भी आज जल्दी निकलते है ।"

"लेकिन दफ्तर का समय से पहले ? नहीं जी नहीं । कुछ नहीं होगा । चलिए ना ।"

"फिर कभी । था बैठने में क्या हर्ज है तुम्हे ?"

"ठीक है तो था बैठ जाते है ।"

शिल्पा मुस्कुरा दी । मदारी कुर्सी नजदीक करके बैठ गया। शिल्पा अपना बाल बांधने लगी । मदारी बस शिल्पा को ही देख रहा था । दोनों हाथ पीछे की तरफ और सीना तना हुआ । गोरे गोरे बदन में खींचाव और armpit कितने मुलायम और साफ जैसे मदारी तो बस यही देखते देखते खो गया । शिल्पा को भी पता चल था था की मदारी उसपे फिदा है आखिर औरत है सब समझ जाती है । मदारी बोल पड़ा "जरूरी नहीं था बालों को बांध करना ।"

"क्यों ?"

"बड़े अच्छे है औलंबे बाल है आपके ।"

शिल्पा को हसी आईं और बोली "क्यों ऐसा क्या अलग लगता है दोनो में ?"


[Image: Katrina-Kaif-HD-wallpapers.jpg]


" आपके रेशम और मुलायम बाल जब आपके गोरे गोरे कंधो पे पड़ती है और आप जब उसे पीछे कि तरफ बार बार करती है तो अच्छा लगता है ।" मदारी को खुद को भी नहीं पता था कि वो क्या बोले जा रहा था ।

"अच्छा वैसे आप जहा रहते है वहा डर नहीं लगता ?"

"डर कैसा डर ?"

"आप जहां रहते वहा खंडहर सा दस घर है दिखने में ही बड़ी डरावनी लगती है ।"

"नहीं मेमसाब । वो तो आदत है इसीलिए डर नहीं लगता ।"

"मुझे तो बहुत डर लगता है ऐसे घर को रात में देखकर ।"

"आपको इसकी आदत डलवा दूंगा ।"

"यह रहकर आदत कई चिजो की पड़ गई ।"

"कैसी आदत ?"

"ठंडी की और भूत गांव में रहने की ।"

"जानता हूं यह गांव भूत जैसा ही है । हर जगह सूनसान और खंडर जबकि आस पास के गांव छोटे लेकिन रहने वाले बहुत ही ज्यादा ।"

"इस गांव में कल ही देखा कि दो परिवार शहर चला गया । कम से कम दस लोग चले गए । अब तो और दो घर खाली । देखा जाए बैंक में कुल 700 account हैै लेकिन इस गांव से सिर्फ 50 खाते ।"

"इस गांव में बैंक लगने से दूर दूर से लोगो को फायदा हुआ है । कम से कम शहर तो जाना नहीं पड़ेगा ।"

"यह लेकिन विकास कि कमी है ।"

"ज्यादातर गांव का बीच वाला हिस्सा भीड़ भाड से भरा हुआ होता है लेकिन इधर तो सब खाली । चलिए आपको दिखता हूं।"

"लेकिन मौसम ....."

"अरे कुछ नहीं होगा । चलिए अब तो बैंक के बंद होने का वर भी हो रहा है ।"

"अरे हा चलिए ।"

बैंक बंद करके दोनो चले गए गांव देखने। सरजू गया घर । शिल्पा देख रही थी कि गांव कितना खाली है । हर चार घर के बाद एक परिवार वाला घर था । दोपहर के ठंडी में दोनो आगे चल दिए ।

"आइए आपको गांव के सबसे बड़े घर को दिखता हूं। ये भी सालो से खाली है ।"

शिल्पा ने देखा कि घर के बाहरी दीवाले टूटी हुई थी और बहुत ज्यादा अंधेरे से भरा हुआ था । रास्ते में कितने सारे पत्थर और पेड़ के गिरे हुए पत्ते । दोनों घर के अंदर पहुंचे । भूतो का अड्डा लग रहा था । शिल्पा थोड़ा सा डरने लगी ।

[Image: The-Origins.jpg]
[Image: unnamed-1.jpg]


"संभलकर सीढ़ी चड़िए मैं पीछे ही हूं ।"

शिल्पा को संभालते हुए मदारी उसके पीछे चल दिया । शिल्पा को पीछे से देखते देखते मदारी भी चल दिया । शिल्पा की कमर को देखकर मदारी जैसे बेजान से हो गया । नंगी पीठ और आकर्षित शरीर को बड़े अच्छे निहार रहा था । ज़िन्दगी में पहली बार ऐसी अप्सरा के साथ रहा । शिल्पा के नंगे और गोरे बाहें को देखा । अचानक ऊपर की दीवाल से गिरी मिट्टी को शिल्पा के कंधे पे देखते ही मदारी ने उसे साफ करने के लिए छुआ । शिल्पा को जैसे अजीब सा करेंट लगा ।

"क्या हुआ मदारी ?"

"कुछ नहीं मेमसाब वो धूल आपके कंधे पे थी इसीलिए साफ किया ।"

दोनों ऊपर के मंजिल पहुंचे । मदारी शिल्पा को इशारा करते हुए सबसे पहले कमरे में आने को कहा । कमरे से वो गांव दिखा रहा था । आस पास के सभी घर टूट हुए और खराब परिस्थिति में थे।

"कितना खाली है ये गांव। कैसे कोई रह सकता है यहां पे ?"

"लेकिन रह रहे है जैसे तैसे ।"

"सूरज ना निकालने पे अंधेरा इस घर में बहुत है ।"

"हा वो भी है ।"

"किसका घर है ये ?"

"ये यहां के सरपंच का घर था । दरअसल उनका परिवार विदेश चला गया उनके मारने के बाद । 45 साल से ये घर खाली है ।"

"कोई इधर रहने नहीं आया ?"

"नहीं । वैसे जिस घर में आप है ना वो घर भी उनका था लेकिन फिर बेच दिया लेकिन ये ना बेच सके ।"

मदारी शिल्पा को आगे ले चलता है और बाकी का घर दिखता है । सब चीजों में से अजीब था एक बड़ा सा कमरा। वो कमरा कई तालो से बंद है । बहुत बड़े बड़े ताले लगे हुए थे । शिल्पा आगे जाए और देखे की तभी जोर से बादल गरजने लगा ।

"लगा है बारिश आनेवाली है । जल्दी से जल्दी हमें यहां से निकालना होगा ।" मदारी शिल्पा को लेकर बाहर निकाला । ठंडी के मौसम में बारिश अक्सर इस गांव में होती है । बाहर हवा तेजी से बहने लगा जैसे तूफान पहले आनेवाली हो । दोनों का घर थोड़ा सा दूर था । दोनों तेजी से चलते हुए आगे बड़े । बादल लगातार गरजने की आवाज़ करता रहा । नजदीक में मंजू का घर था लेकिन आज वो नहीं था अपने घर । दोनों जैसे तैसे हवाओं से संघर्ष करते हुए आगे बढ़े । अब बारिश से पहले तूफान ने दस्तक दी । तूफान से चलने में मुश्किल होने लगी । मदारी का घर आ गया ।

"मदारी तुम जाओ सोमवार को मिलते है ।"

"मेमसाब बहुत बुरा मौसम है आपका घर अभी भी दूर है नहीं पहुंच पाएगी । मेरे घर आ जाइए ।"

हवा जोर जोर से बहने लगी और अब शिल्पा ठीक से आगे कदम नहीं बढ़ा पा रही थी । शिल्पा को मदारी की बात माननी ही पड़ी । दोनों घर में पहुंचे । मदारी ने दरवाजा बंद किया और जल्द से जल्द दो गायों को अंदर ला दिया । शिल्पा आगे बढ़ने ही वाली थी कि दरवाजा ठीक से ना बांध हो पाने की वजह से दरवाजा अचानक से खुल गया । शिल्पा का पल्लू पूरी तरह से हवा की वजह से नीचे फिर गया और वो ऊपर से ब्लाउज़ में ही थी । शिल्पा को ज्यादा हवा की वजह से समझ में नहीं आया कि पल्लू उसका गिर गया है । वो जल्दी से दरवाजा बंद करने की कोशिश की लेकिन दरवाजा बंद नहीं ही पा रहा था । मदारी दौड़ता हुआ आया और दरवाजा बंद किया । मदारी ने जब शिल्पा को देखा तो वो बिना पल्लू के थी । शिल्पा को फिर याद आया कि वो बिना पल्लू के है और वो एक ही झटके से खुद को ठीक की । अब आंगन में बारिश की बूंदे पड़ी और शिल्पा दौड़ते हुए कमरे में गई पीछे पीछे मदारी भी अंदर गया और दरवाजा अंदर से बंद किया । सारी खिड़की भी बंद कर दिया ।
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अजीब दुनिया । - by Basic - 20-11-2020, 04:16 PM
RE: अजीब दुनिया । - by Basic - 23-11-2020, 08:01 PM



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