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Non-erotic अंतिम इच्छा
#5
कितना रोई थी वो उस दिन ….”माँ दीदी को गए चार दिन नहीं हुए और लोग जीजा जी की दूसरी शादी के बारे में भी सोचने लगे”… वो माँ के गोद में सर कर रख कर सिसकने लगी। ‘ये दुनिया ऐसी ही है… जानती हो। आज एक महिला आई थी…शायद तुम्हारे जीजा जी के जानने वालों में थी…मुझ से ही तुम्हारे जीजा जी के लिए अपनी तलाकशुदा बेटी के रिश्ते की बात कर रही थी।”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
अंतिम इच्छा - by neerathemall - 19-11-2020, 04:34 PM
RE: अंतिम इच्छा - by neerathemall - 19-11-2020, 04:35 PM
RE: अंतिम इच्छा - by bhavna - 19-11-2020, 11:46 PM



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