18-11-2020, 01:20 PM
मे बोला की आयशा शादी मे तू गांड मटका-मटका कर चलती थी तो मेरा दिल तेरी गांड मारने का बहुत करता था आज तो पहले मे तेरी गांड मारूँगा ठीक है भैया अब मेरी चीख भी निकली तो किसी को सुनाई नही देगी मेरा दिल भी गांड मरवाने को करता है मे फटाफट आयशा को बेड पर ले गया और अपने कपड़े उतार दिये आयशा ने भी जीन्स और टॉप उतारे और घोड़ी बनकर मेरे खड़े लंड को देखने लगी उसने पेंटी और ब्रा नही पहने थे मेरे सामने उसके चौड़े और भारी नितंभ थे मेने पीछे से उसके चिकने मसल कूल्हे पकड़े और गांड का चुम्मा लिया फिर मे गांड को पागलो की तरह चाटने लगा आयशा के मुँह से लगातार सिसकियां निकल रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.