18-11-2020, 01:20 PM
सुबह मै देर तक सोता रहा जब उठा तो घर मे काफ़ी शोर था सब मेहमान वापस जाने की तैयारी कर रहे थे पर आयशा कही दिखाई नही दे रही थी मेरी निगाहे उसे ढूंढ रही थी फिर मैने सोचा की वो अभी तक सो रही होगी पर थोड़ी देर मे देखा आयशा मेरी तरफ ही आ रही थी वो मुझसे बोली भैया चलो हम भी घर चले मेने थोड़ा सा नज़दीक हो कर कान मे कहा की आज भी यहीं रुक जाते है और उसकी तरफ आँख मार दी उसने मेरी तरफ नाक मरोड़ कर कहा,” लगता है यहाँ ज़्यादा ही दिल लग गया है पराये घर मे ये सब रिस्की है चलो घर जा कर मौका निकाल लेंगे मे बोला की अच्छा ये बताओ दिन वाली मूवी अच्छी थी या रात वाली वो मुस्कुराई और बोली दोनो अच्छी थी मैने कहा ज्यादा अच्छी कौन सी थी वो शरमाते हुये बोली रात वाली मैने कहा ठीक है तो जल्दी चलो वो बोली घर चल कर मम्मी पापा का ध्यान रखना कहीं जाते ही ना मुझ पर टूट पड़ना.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.