18-11-2020, 01:17 PM
मैने उसके द्वारा गीले किये गये सूपडे को चूत के मुँह पर लगाया और उसकी गीली चूत मे धीरे-धीरे डालने लगा वो भी अपनी गांड उछाल कर लंड को अपने अंदर लेने की कोशिश करने लगी मैं उसके ऊपर आ गया और उसके पैरो को और चौड़ा करके चूत मे लंड डालने लगा अब तक थोड़ा ही सूपड़ा ही अंदर गया था की वो दर्द के कारण आहे भर रही थी अब मैने उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिये और चूसने लगा अब मौका था की लंड को पूरा का पूरा उसकी चूत मे डाल दूँ मैने एक ज़ोरदार झटका मारा की 75% लंड अंदर चला गया चूत के टांके टूट गये अगर मैं उसके होंठ नही चूस रहा होता तो वो इतना ज़ोर से चिल्लाती की सब आ जाते और फिर वो बोली मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़ धीरे धीरे डालो मैने कहा ठीक हो ज़ायेगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.