18-11-2020, 01:16 PM
मैने सोचा ये गई कहा कही पागल तो नही बना दिया तभी खिड़की थोड़ी खुली और आयशा ने फुसफुसाते हुये कहा पीछे के दरवाजे से आ जाओ मैं पीछे से कमरे के अंदर पहुँचा कमरे मे हल्का अंधेरा था थोड़ी सी रोशनी उपर की विंडो से आ रही थी आयशा ने वही सूट पहना था मैने कहा क्या फुल प्रूफ काम किया है यार कमरे मे बाहर से ताला अंदर से बंद कोई शक भी नही करेगा अब मैं ज्यादा टाइम वेस्ट करना नही चाहता था वो जानती थी की मै यहा क्यो आया हूँ और मै उसे बाहों मे भर कर उसके होंठ चूसने लगा अब वो भी मेरा पूरा सहयोग कर रही थी मै लगातार लिप्स चूस रहा था ओर उसने भी मुझे अपनी बाहों मे दबोच लिया और मेरे कान मे फुसफुसा कर बोली एक बार तो मुझे लगा की भैया आप नही आयेगे आइ लव यू भैया अब मैने बिना देर किये उसकी कुर्ती उतार दी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.