18-11-2020, 01:14 PM
सलवार सूट पहना था और हमारी नज़रे मिल रही थी मै गौर से आयशा की तरफ ही देख रहा था ये बात उसे भी पता थी पर वो नज़रे चुरा रही थी बीच बीच मे वो मेरी तरफ देखती कही ना कही उसके मन मे भी कुछ कुछ चल रहा था उस रात वो लेडीस के साथ ही सो गयी दूसरे दिन अब मेरा पूरा ध्यान आयशा की तरफ़ ही था उस दिन कोई खास प्रोग्राम नही था इसलिये मैने प्रोग्राम बनाया पास ही एक वॉटर फॉल था सब वहा चले गये कुछ बच्चे तैयार हुये मैने आयशा से कहा तुम भी चलो वो तैयार हो गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.