18-11-2020, 01:13 PM
हम वहा दोपहर मे पहुंचे थे जब शादी के पहले लेडीस संगीत का कार्यक्रम चल रहा था मेरी नज़र आयशा पर थी वो कार्यक्रम एक भवन मे था जो की घर से कुछ दूरी पर था जब हम पहुंचे तो कार्यक्रम शुरू हो चुका था हम वही कुर्सी पर बैठ गये और कुछ लड़किया डांस कर रही थी आयशा ने उस समय घागरा चोली पहना था वो बहुत ही सेक्सी लग रह रही थी और उस भीड़ मे वो सबसे अलग थी अब चढ़ती जवानी मे आयशा के अंदाज ही बदल गये थे.
मेरी छेड़-छाड़ से उसके चूचे और चूतड़ तो एक भरपूर जवान लड़की जैसे हो गये थे उसके चूतड़ और चूचीयाँ भारी ज़रूर हो गयी थी पर जबरदस्त फिगर मेनटेन किया था लॉ कट की चोली पहनने के कारण उसके क्लीवेज साफ साफ दिख रहे थे मेरी नज़र सिर्फ़ आयशा के चूतडो पर ही थी वो जब कमर मटका मटका कर चलती तो उसके भारी कूल्हे लहंगे मे गजब ढा रहे थे वो कजरारे-कजरारे गाने पर कमर लचका के ठुमके लगा रही थी उसकी ये अदाये बहुत ही सेक्सी थी जब कार्यक्रम ख़त्म हो गया तब मेने आयशा को सब से मिलवाया अब हम लोग उस प्रोग्राम से वापस आने के लिये गाड़ी का वेट कर रहे थे तभी कार आई और सब बैठ गये हम अकेले ही बचे थे आयशा पिछली सीट पर विंडो की तरफ बैठी थी.
मेरी छेड़-छाड़ से उसके चूचे और चूतड़ तो एक भरपूर जवान लड़की जैसे हो गये थे उसके चूतड़ और चूचीयाँ भारी ज़रूर हो गयी थी पर जबरदस्त फिगर मेनटेन किया था लॉ कट की चोली पहनने के कारण उसके क्लीवेज साफ साफ दिख रहे थे मेरी नज़र सिर्फ़ आयशा के चूतडो पर ही थी वो जब कमर मटका मटका कर चलती तो उसके भारी कूल्हे लहंगे मे गजब ढा रहे थे वो कजरारे-कजरारे गाने पर कमर लचका के ठुमके लगा रही थी उसकी ये अदाये बहुत ही सेक्सी थी जब कार्यक्रम ख़त्म हो गया तब मेने आयशा को सब से मिलवाया अब हम लोग उस प्रोग्राम से वापस आने के लिये गाड़ी का वेट कर रहे थे तभी कार आई और सब बैठ गये हम अकेले ही बचे थे आयशा पिछली सीट पर विंडो की तरफ बैठी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.