17-11-2020, 02:19 PM
(This post was last modified: 22-01-2025, 11:42 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैं – अपनी जितनी ताकत थी. सभी को मिला के उसे चोदने पर तुला हुआ था. दोनों का शरीर पसीने में मानो डूबा हुआ था. उसके बाद मैंने उसको पैरो को अपने कंधे पर लेके चोदना शुरू किया. अंजू भी अच्छा कोआपरेट कर रही थी. करीबन आधे घंटे की चुदाई के बाद, मेरा निकलने वाला था. इस बीच उसने जाने कितनी बार अपना पानी मुझपर छोड़ दिया होगा. मैंने उसे पूछा, कि कहाँ छोडू? तो उसने अन्दर ही छोड़ने को कहा. तो १ मं के बाद, मैंने अपना सारा माल उसकी चूत के अन्दर डाल दिया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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