17-11-2020, 02:19 PM
अंजू – धीरे करो अहहहः हहहहः हहहहः . प्लीज धीरे करो ना .ऊऊऊओ .. म्मम्मम और मेरे सिर को उसकी चूत पर दबा रही थी. शायद उसे मज़ा आने लगा था. मुझे भी उसके जूस का टेस्ट एकदम मलाई के जैसा लग रहा था, लकिन थोडा नमकीन था. उसके बाद मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अन्दर डाल दिया. तो वो सिस्कार उठी और अपना अपनी मेरे मुह पर छोड़ दिया. फिर मुझे खीच के मेरे मुह पर लगा जूस चाटने लगी और देर ना करते हुए, उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपने चूत के पास ले आई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.