17-11-2020, 02:18 PM
मैं मान ही मान खुश हुआ, कि चलो आखिर में साली माँ की लौड़ी जो इतने दिनों से मुझे परेशान किये हुई थी, आज मेरे सामने अर्ध नंगी हो के लेटी है. खूब जोर से हमारी किस चल रही थी. मैं उसकी जीभ चूस रहा था और वो मेरी. मैंने उसे नीचे बेड पर गिरा दिया और उसको सर से लेकर पेट तक चूमने लगा. अंजू बस मोअन किये जा रही थी. आहाहाहः हहहहः आआआआआआ ऊऊऊ बस करो विराज आहाहाह..मर जाउंगी .. बस करो . और मैं भी कहाँ रुकने वाला था. एक हाथ से उसके दूध को दबाता रहा. मैंने अपनी जीभ से उसकी नाभि चाटे जा रहा था. मुझे उसकी नाभि चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था, वो मानो मछली की तरह उछल रही थी. फिर मैंने उसके निप्पल को मुह में भरा और जोर से चूसने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.