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Adultery दीदी की जेठानी
#10
हाथ के ऊपर हाथ को रखने सोने की एक्टिंग करने लगा. मैंने सोचा, अच्छा मौका है हाथ साफ़ करने का और मैंने अपना हाथ खीच के उसके साड़ी के अन्दर उसके पेट पर रख दिया और कसके जकड़ लिया. वो थोड़ी सी मेरे बदन से चिपक गयी और कहने लगी, कोई जाग जाएगा. माँ उठ जायेगी. तो मैंने थोडा कन्वेंस किया, तो वो मान गयी और मैं अपना हाथ थोडा-थोडा ऊपर लेता गया और फाइनली उसके रसीले आम को मैंने पकड़ लिया. एक अजीब सी करंट मेरे शरीर में दौड़ गयी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: दीदी की जेठानी - by neerathemall - 17-11-2020, 02:17 PM



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