16-11-2020, 05:29 PM
(13-11-2020, 02:30 PM)neerathemall Wrote: मै कन्नौज की रहने वाली हूँ। मेरे उम्र 22 होगी। मेरे घर में केवल मै, मम्मी और पापा रहते है। मैंने अपनी जिंदगी में कई बार चुद चुकी हूँ, लेकिन मेरी जिंदगी की एक चुदाई सबसे शानदार थी। मै तो अभी तक उस चुदाई को नही भूल पाई।आज से दो महीने पहले की बात है, मेरे मामा की लड़की की शादी में उनके घर गई थी। मै और मम्मी 15 दिन पहले ही चले गाये थे, और पापा तो सीधे शादी में आने वाले थे। मेरे मामा के दो लड़के और एक लड़की थी। मामा के बड़े वाले लड़के की शादी हो चुकी थी। इस बार लड़की की शादी थी। मामा के छोटे लड़के का नाम रमेंद्र था। रमेंद्र बहुत स्मार्ट और जवान था। रमेंद्र लगभग 19 साल का होगा, उसका कद 5.8 फीट का होगा।
मै और मम्मी मामा के घर पर पहुंचे, वहां हम लोगो की खूब खातिरदारी हुई। सब लोग बहुत खुश थे क्योकि हमलोग बहुत दिनों के बाद गये थे। वहां पहुचने के बाद हमने खाना खाया और थोड़ी देर आराम किया, क्योकि हम लोग थोडा थके हुए थे। आराम करते करते शाम हो चुकी थी। मैंने अपने कपडा बदला और घर से बाहर पास पड़ोस में घूमने के लिए निकाल पड़ी। मैंने बहुत देर तक घुमती रही, फिर मै घर चली आई। रात हो गई थी। मै घर में कुर्सी पर बठी थी, अचानक रमेंद्र ने पीछे से मेरी आँख को बंद लिया और पूछने लगा बाताओ कौन है? मैंने उसको पहचान लिया मैंने कहा रमेंद्र हो ना। हम दोनों बचपन में साथ में खूब खेलते थे, एक बार रमेंद्र ने तो मुझे किस भी कर लिया था। थोड़ी देर बाद रमेंद्र ने मुझसे कहा चलो छत पर बाते करते है, मैंने भी कहा चलो। हम दोनों छत पर चले गये। छत चारो ओर से ६ फीट की दीवाल से घिरी हुई थी। हम दोनों छात की दीवार पर बैठ कर बाते करने लगे। उसने मुझसे पूछा कोई बोयफ़्रेंड बनाया की नही ?? मैंने झूठ बोल दिया “नही बनाया। मैंने भी पूछा की तुमने बनाया क्या ? हाँ बनाया तो था लेकिन ब्रेकअप हो गया। मैंने उसे सुहानुभूति देने के लिए अपना हाथ उसके हाथो पर रख दिया। लेकिन रमेंद्र को शायद लगा की मै उसे लाइन दे रही हूँ।
उसने मेरी हाथो पर अपना हाथ रख दिया और बोला यार ज्योति मुझे ना तुम बहुत अच्छी लगती हो, क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी ? उसने सामने से प्रपोस कर दिया। मै कुछ समझ नही पाई, मैंने सोचा अब क्या करूं । मैंने सोचा की हाँ कर लेती हूँ वरना मै तो यहाँ बोर हो जाऊगी। मैंने उसे हाँ बोल दिया, मेरे हाँ बोलते ही उसने मेरे हाथो पर अपनी अंगुलियो से रखने लगा और धीरे से उसने मुझे किस भी कर लिया।
किस करने के बाद रमेंद्र नीचे चला गया। मै वहीँ पर बठी सोचती रही की क्या मै सही किया है? थोड़ी देर बाद मै भी नीचे चली आई। हम लोगो रात का खाना कहने के बाद सोने के लिए चले गये। रात को मुझे नीद नही आ रही थी, तो मै छत पर चली गई। वहां मैंने देखा की रमेंद्र पीछे दीवार के किनारे मुठ मार रहा था। उसको मुठ मारते देख मेरे अंदर भी जोश आने लगा, रमेंद्र का लंड देखने में बहुत मोटा और लम्बा भी था। मैंने सोचा की क्यों ना आज रात चुदाई हो जाये? मैंने रमेंद्र को धीरे से आवाज दी- रमेंद्र छात पर आ जाओ। रमेंद्र ने मुझको छात पर देख कर मुठ मारना बाद कर दिया।
रमेंद्र चुपके से छत पर आया, और उसने पूछा क्या है? मैंने कहा – क्या तुम मुझे आज चोदना चाहोगे? उसने मुस्कुराते हुए कहा – क्यों नही। रमेंद्र ने पहले मेरे हाथो को पकड़ा और हाथो को किस करते हुए मेरी गर्दन पर पंहुचा। वो मेरी गर्दन को पीने लगा और अपने हाथो को मेरे मम्मो की और बढाने लगा। मेरे अंदर करंट सा लग रहा था, मै बेकाबू हो रही थी। मैंने भी रमेंद्र को कसकर पकडकर किस करने लगी। रमेंद्र मेरी होठो को पीने लगा, रमेंद्र मेरे होठो को ऐसे पी रहा था जैसे कोई रसीला फल चूस रहा हो। मै भी उसके होठो को अपने मुह में भर कर चूस रही थी।
पास में एक चादर रखी था रमेंद्र ने उसे बिछा दिया और मुझे उस पर लेटा दिया। रमेंद्र मेरे होठो को लगातार पी रहा था। और मै भी उसके पतले होठो को पी रही थी। कही उसका होठ मेरी मुह में और कभी मेरा होठ उसके मुह में। 15 मिनटों तक लगातार रमेंद्र मुझे किस करता रहा। रमेंद्र का जोश धीरे धीरे बढ़ने लगा, उसने मेरे होठो को छोड कर मेरी गर्दन को पीने लगा। बहुत देर तक रमेंद्र मेरे गर्दन को पीता रहा, जब रमेंद्र मेरी गर्दन को पी रहा था तो मेरा जोश और बढ़ने लगा। मै अपने हाथो से ही अपने मम्मो को मसलने लगी। मेरा जोश इतना बढ़ता जा रहा था की मै अपने मम्मो को खूब तेजी से दबाने लगी। मुझे अच्छा लग रहा था।
मैंने रात को नाईट ड्रेस पहना था। रमेंद्र ने मेरी नाईट ड्रेस को उतार दिया और मेरी चूची पर अपना हाथ फेरने लगा। कुछ देर तक उसने मेरे ब्रा पर ही अपना हाथ फेरा, फिर वो मेरी ब्रा को उतार कर मेरे मम्मो को पीने लगा। रमेंद्र का जोश इतना बढ़ रहा था की वो मेरे चुचियों को पी भी रहा था और साथ में मेरी चूत पर भी अपने हाथो से सहला रहा था। शायद रमेंद्र को मुझे चोदने की बहुत जल्दी थी। रमेंद्र मेरे सुडोल बड़े बड़े मम्मो की बहुत अच्छी तरह से पी रहा था। मेरा तो बुरा हाल हो रहा था। मै बेकाबू होने लगी थी। मैंने अपने आप को संभाला और अपने हाथो से रमेंद्र के सिर पर सहलाने लगी। मेरे गोरे बदन पर रमेंद्र अपने हाथो से सहला भी रहा था और मेरी चुचियो को पी भी रहा था। रमेंद्र बहुत समय तक मेरी मम्मो को पीता रहा। तोड़ी देर बाद उसने मेरे मम्मो को पीना बंद कर दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.