13-11-2020, 04:23 PM
शाम हो गई, मै चाचा के घर पहुंचा चाची खाना बाना रही थी और चाचा घर पर थे नही, मैंने समय का फायदा उठाते हुए सपना को कमरे में ले गया। और मैंने उसका हाथ पकड लिया, वो थोडा घबरा रही थी, लेकिन मैंने जब उसके हाथ को पीना शुरू किया तो धीरे धीरे उसका डर खत्म होने लगा। हाथ को पीते पीते मै उसके गर्दन से होते हुए मै उसकी पतली और मलाई की तरह मुलायम और रसीली हाथो को पीने लगा। मेरा लंड खड़ा होकर टाइट हो गया, सपना भी मुझसे चिपक कर मुझे किस करने लगी। मेरा एक हाथ उसके मम्मो पर था और एक हाथ उसकी कमर पर। मै उसके मम्मो को पूरे जोश से दबा रहा था। ३० मिनट तक किस करने के बाद जब मैंने अपने हाथ से उसकी चूत को दबने लगा .. तो उसने मुझसे कहा कोई आ जायेगा चलो? मेरा तो चुदाई करने का पूरा मूड बन चूका था। मै अपने आप को रोक नही पा रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.