13-11-2020, 04:22 PM
हर साल की तरह इस बार भी मौसी गर्मियों में आई हुई थी। मैंने तो सोच लिया था, कि इस बार मै उनको किसी तरह से प्रपोस कर दूँगा और किसी भी तरह से उनको चोदने आ मज़ा उठाऊंगा। मई के महीने का अंतिम सप्ताह चल रहा था, और मंगलवार का दिन था, उस मंगल को बड़ा मंगल था। चाची चाचा और सपना मौसी भी उस दिन मंदिर गई थी। इतिफाक से मै भी मंदिर गया था। मुझको वहां मंदिर में सभी लोग मिल, मेरी चाची को ये बात पता थी कि मै सपना को पसंद करता हूँ। उन्होंने कुछ सोच के सपना को मेरे साथ में पूजा करने के लिए भेज दिया। पूजा करने के बाद चाची और चाचा दोनों गाड़ी से चले गये और मुझे सपना को लाने के लिए कहा। मेरे मन में तो लड्डू फुट रहा था। मैंने रास्ते में आते हुए सपना मौसी का हाथ पकड़ा और बोला – “I LOVE YOU” “ मै तुमसे बहुत प्यार करता हूँ” और मुझे पता है कि तुम भी मुझसे प्यार करती हो? पहले तो वो कुछ नही बोली फिर थोड़ी देर बाद कुछ सोच कर बोली – ‘”हाँ मै तुम्हे पसंद करती हूँ”, लेकिन हमारा रिश्ता तो माँ बेटे का है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.