13-11-2020, 04:06 PM
मैंने मासी की होंठ चूसना शुरू किया। इस बार मासी भी साथ दे रही थी। मुझे अब मासी के होंठ चूसने में बहुत मजा आ रहा था। मै मासी के होंठो को चूस चूस कर उनकी पीठ को सहला रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.