13-11-2020, 03:28 PM
मैं सुबह ही अपने चूत के बाल को साफ़ की थी. वो तो देख कर पागल हो गया और चाटने लगा. मेरे अंदर सिहरन होने लगी. मैं अंगड़ाइयां लेने लगी मेरी चूत गरम हो गई थी. पानी निकल रहा था, मेरा भाई अपने जीभ से चूत की गरम गरम पानी को पि रहा था, मैं अपने मुँह से आह आह आह की आवाज निकाल रही थी. मेरे रोम रोम खड़े हो रहे थे, मैं पागल हो रही थी. मेरी चूत में आग लगी हुई थी. मैं अपने भाई के बाल को पकड़ कर अपने चूत में रगड़ने लगी. उसने ऊपर आकर अपना मोटा लंड मेरे मुँह में देने लगा. मैं उसके लंड को चूसने लगी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.