13-11-2020, 03:20 PM
मैं ज़िद करने लगी की जल्दी दिखाओ जल्दी दिखाओ, तभी माँ बोली अरे सुबह सुबह गिफ्ट लेना जब राखी बान्धोगी, मैंने कहा नहीं नहीं सुबह सुबह जब राखी बांधूंगी तक तो मैं एक हजार नोट लुंगी, तो भैया बोले अरे बाबा ठहर, और उन्होंने अपने बैग से एक मोबाइल निकाला, और पैकेट समेत मुझे दिया, वो पैकेट पहले से खुला हुआ था, उन्होंने बोला, मोबाइल में मैंने ३२ जीबी का मेमोरी और सारे एप्प्स डाउनलोड भी कर दिया हु, तो मैं बोली मैंने तो पहले से ही सिम भी ले ली. मैंने सिम भाई के तरफ बढ़ाया और उन्होंने सिम मेरे मोबाइल में लगा दिया. दोस्तों आप सोच नहीं सकते मैं कितनी खुश थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.