13-11-2020, 03:19 PM
मेरा नाम शीतल है, मैं उत्तरप्रदेश से हु, मेरे घर में मैं भाई बहन और मम्मी पापा है, मैं १९ साल की हु, और मेरा भाई २० साल का, ये बात पिछले साल की है, मेरा भाई दिल्ली में पढता है और मैं पास के भी कॉलेज में पढ़ती हु, मैं अपने शहर का नाम नहीं बताना चाह रही हु, होली के चार दिन पहले ही मैंने अपने भाई को फ़ोन की की राहुल भइया आप टाइम पर आ जाना क्यों की पिछले साल आप राखी के सुबह सुबह आये थे, ऐसी भी क्या पढाई करना की अपने बहन को ही भूल जाएँ, प्लीज इस बार एक दिन पहले ही आना, और हां मेरा गिफ्ट दिल्ली से ही ले के आना, भैया बोले तुम चिंता नहीं करो मैं पहले ही आ जाऊंगा, पर इस बार सिर्फ मैं ही गिफ्ट नहीं दूंगा बल्कि मैं गिफ्ट लूंगा भी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.