13-11-2020, 03:07 PM
मेरा और मेरे बड़े पापा का घर अगल बगल में ही था। एक महीने पहले की बात है गर्मी की छुट्टी चल थी, मेरे कॉलेज में छुट्टी चल रही थी। मै दोपहर के समय टाइम पास करने के लिए अपने बड़े पापा के घर चला जाता था। बड़े पापा ज्यादातर घर से बाहर ही रहते थे और भैया [अमन] तो सुबह ही अपनी सरकारी नौकरी की ड्यूटी करने चले जाते थे। अब उनके घर में बड़ी मम्मी बचती और सुमित [अमन का छोटा भाई ] बचता। बड़ी मम्मी तो हमेशा बाहर बरामदे में ही रहती थी। मै रोज दोपहर में भाभी के कमरे में जाता और भाभी के कमरे में बेड पर लेट कर टीवी देखता और भाभी से मज़े लेते हुए उनसे खूब बातें करता। भाभी दिल की बहुत अच्छी थी और साथ साथ बहुत मजाकिया भी थी।
मै एक दिन भाभी के कमरे में लेटे हुए मूवी देख रहा था। भाभी ने मुझसे कहा – क्या देवर जी क्या देख रहें हो इतनी ध्यान से टीवी में?
मैंने कहा – “कुछ नही बस थोड़ी सी मस्त सीन चल रहा है वही देख रहा हूँ”। भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा – “जब शादी हो जायेगी तो ये सब देखने से काम नही चलेगा करना भी पड़ेगा”। मैंने भी बिना शर्माए हुए बोल दिया – “वो तो करना आता है। मुझे जब शादी होगी तो किसी तरह से कर ही लूँगा। और अगर नही आयेगा तो आप सिखा देना”। भाभी ने हस्ते हुए कहा – “मै क्यों तुम्हे सिखाऊँगी” मै तुम्हारी बीवी थोड़ी ना हूँ। मैंने कहा – भाभी तो हैं।
जब मै भाभी से ये सब बातें कर रहा था मेरा लंड तो बेकाबू हो रहा था और एकदम से तना हुआ था। मै रोज भाभी के पास आता, और उनसे खूब मजाक करता। धीरे धीरे मजाक इतना आगे बढ़ गया था की अब तो सारी बातें मै बिना शरमाये हुए कह देता था और भाभी भी मुझसे बिना शरमाये कुछ भी ही कह देती थी।
एक दिन मै भाभी के कमरे में बैठ था। भाभी भी पास में ही बेड पर लेटी हुई थी। बातों ही बातों में भाभी ने पूछा – कोई गर्लफ्रेंड बनायी की वैसे ही काम चला रहें हो? मैंने उनसे कहा – “पहले आप मेरे एक सवाल का उत्तर दीजिए तो मै भी आप के सवाल का उत्तर दूँगा”
मै एक दिन भाभी के कमरे में लेटे हुए मूवी देख रहा था। भाभी ने मुझसे कहा – क्या देवर जी क्या देख रहें हो इतनी ध्यान से टीवी में?
मैंने कहा – “कुछ नही बस थोड़ी सी मस्त सीन चल रहा है वही देख रहा हूँ”। भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा – “जब शादी हो जायेगी तो ये सब देखने से काम नही चलेगा करना भी पड़ेगा”। मैंने भी बिना शर्माए हुए बोल दिया – “वो तो करना आता है। मुझे जब शादी होगी तो किसी तरह से कर ही लूँगा। और अगर नही आयेगा तो आप सिखा देना”। भाभी ने हस्ते हुए कहा – “मै क्यों तुम्हे सिखाऊँगी” मै तुम्हारी बीवी थोड़ी ना हूँ। मैंने कहा – भाभी तो हैं।
जब मै भाभी से ये सब बातें कर रहा था मेरा लंड तो बेकाबू हो रहा था और एकदम से तना हुआ था। मै रोज भाभी के पास आता, और उनसे खूब मजाक करता। धीरे धीरे मजाक इतना आगे बढ़ गया था की अब तो सारी बातें मै बिना शरमाये हुए कह देता था और भाभी भी मुझसे बिना शरमाये कुछ भी ही कह देती थी।
एक दिन मै भाभी के कमरे में बैठ था। भाभी भी पास में ही बेड पर लेटी हुई थी। बातों ही बातों में भाभी ने पूछा – कोई गर्लफ्रेंड बनायी की वैसे ही काम चला रहें हो? मैंने उनसे कहा – “पहले आप मेरे एक सवाल का उत्तर दीजिए तो मै भी आप के सवाल का उत्तर दूँगा”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.