13-11-2020, 02:52 PM
मेरा शरीर कद काठी में तो भाभी के समान ही था.. मगर रंग-रूप और सुन्दरता में अब मैं भाभी पर भारी पड़ने लगी थी।
जब मैं बन-सँवर कर कॉलेज जाती.. तो लड़के ‘आहें..’ भरने लगते और मैं अपने आप पर इतराने लगती थी।
एक दिन घर से पापा का फोन आया। पापा ने बताया कि मम्मी सीढ़ियों पर फिसल कर गिर गई हैं.. जिससे उनके हाथ की हड्डी टूट गई और सर पर भी चोट आई है।
भैया ने उसी दिन एक हफ्ते की छुट्टी ले ली और हम सब घर चले गए।
घर जाकर देखा तो मम्मी के हाथ पर प्लास्टर लगा हुआ था और सर पर भी पट्टी बँधी हुई थी। भैया के पूछने पर मम्मी ने बताया- बारिश के कारण सीढ़ियाँ गीली हो गई थीं.. और जब वो किसी काम से ऊपर जाने लगीं.. तो पैर फिसल जाने से गिर गईं।
अब मम्मी तो कोई काम कर नहीं सकती थीं.. इसलिए घर के सारे काम मुझे और भाभी को ही करने पड़ते थे। एक हफ्ता बीत गया और भैया की छुट्टियाँ समाप्त हो गईं।
जब मैं बन-सँवर कर कॉलेज जाती.. तो लड़के ‘आहें..’ भरने लगते और मैं अपने आप पर इतराने लगती थी।
एक दिन घर से पापा का फोन आया। पापा ने बताया कि मम्मी सीढ़ियों पर फिसल कर गिर गई हैं.. जिससे उनके हाथ की हड्डी टूट गई और सर पर भी चोट आई है।
भैया ने उसी दिन एक हफ्ते की छुट्टी ले ली और हम सब घर चले गए।
घर जाकर देखा तो मम्मी के हाथ पर प्लास्टर लगा हुआ था और सर पर भी पट्टी बँधी हुई थी। भैया के पूछने पर मम्मी ने बताया- बारिश के कारण सीढ़ियाँ गीली हो गई थीं.. और जब वो किसी काम से ऊपर जाने लगीं.. तो पैर फिसल जाने से गिर गईं।
अब मम्मी तो कोई काम कर नहीं सकती थीं.. इसलिए घर के सारे काम मुझे और भाभी को ही करने पड़ते थे। एक हफ्ता बीत गया और भैया की छुट्टियाँ समाप्त हो गईं।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.