13-11-2020, 02:51 PM
ये आपबीती मेरी प्यारी भाभी पायल की है.. मगर मेरी लिखी हुई है और उन्होंने मेरे कहने पर ही ये कहानियाँ अपने नाम से आप तक पहुँचाई हैं।
क्योंकि यह कहानी भाभी की जुबान में ज्यादा अच्छी लगेगी। अब इसके आगे की कहानी लिख रहा हूँ वो भी पायल भाभी की जुबानी है.. आनन्द लीजिएगा।
दोस्तो.. मेरे और महेश जी के सम्बंध के बारे में तो आप पढ़ ही चुके हैं.. कुछ दिन के बाद भैया की छुट्टियाँ खत्म हो गईं.. और भैया चले गए।
भैया के जाने के बाद भाभी और मम्मी-पापा के दबाव के कारण मैं ऊपर भाभी के कमरे में सोने लगी और इसका फायदा महेश जी को मिला।
मैं उनसे बहुत बच कर रहती थी.. मगर फिर भी मौका लगते ही वो जबरदस्ती मेरे साथ सम्बन्ध बना ही लेते थे और मैं कुछ भी नहीं कर पाती।
करीब दो महीने बाद महेश जी को कम्पनी की तरफ से घर मिल गया और वो अपने बीवी-बच्चों के साथ उस घर में रहने लगे.. मगर इन दो महीनों में महेश जी ने मेरे साथ तीन बार सम्बन्ध बनाए।
महेश जी के जाने के बाद मैं घर में आजादी सी महसूस करने लगी।
क्योंकि यह कहानी भाभी की जुबान में ज्यादा अच्छी लगेगी। अब इसके आगे की कहानी लिख रहा हूँ वो भी पायल भाभी की जुबानी है.. आनन्द लीजिएगा।
दोस्तो.. मेरे और महेश जी के सम्बंध के बारे में तो आप पढ़ ही चुके हैं.. कुछ दिन के बाद भैया की छुट्टियाँ खत्म हो गईं.. और भैया चले गए।
भैया के जाने के बाद भाभी और मम्मी-पापा के दबाव के कारण मैं ऊपर भाभी के कमरे में सोने लगी और इसका फायदा महेश जी को मिला।
मैं उनसे बहुत बच कर रहती थी.. मगर फिर भी मौका लगते ही वो जबरदस्ती मेरे साथ सम्बन्ध बना ही लेते थे और मैं कुछ भी नहीं कर पाती।
करीब दो महीने बाद महेश जी को कम्पनी की तरफ से घर मिल गया और वो अपने बीवी-बच्चों के साथ उस घर में रहने लगे.. मगर इन दो महीनों में महेश जी ने मेरे साथ तीन बार सम्बन्ध बनाए।
महेश जी के जाने के बाद मैं घर में आजादी सी महसूस करने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.