13-11-2020, 02:44 PM
मैंने कहा कैसा लगा. वो बोली अच्छा लगा भैया, मैंने तो सन्न रह गया मेरी बहन की आवाज थी, मैंने कहा कौन रंभा? तो बोली हां भैया भाभी बोली की नमकीन दे आओ ऊपर और आपने वो काम कर दिया जो की बहन भाई में नहीं होता है. पर जो भी था अच्छा था, आपने मन खुश कर दिया, काश मुझे भी ऐसा लंड मिलता. मैं समझ गया की मेरी बहन एक नंबर की चुदक्कड़ है. भाई से चुद कर इसको कोई गीला शिकबा नहीं है. मुझे लगा की क्यों ना इस मौके का फायदा उठाया जाये.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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