13-11-2020, 02:44 PM
आह की आवाज आई तो मैंने कहा क्यों फट गई तेरी चूत क्या, साली आज तो और भी टाइट है, आज तो ऐसा लग रहा है जैसा की सुहाग रात के दिन लगा था, और मैंने चोदने लगा, जोर जोर से लंड को उसके चूत में डालने लगा, और मैंने फिर चूचियों को दबाते हुए चोदने लगा. और मैं खलाश हो गया क्यों की जल्दी चोदना था क्यों की कोई ऊपर आ जाता. मैंने कहा पहन ले पेंटी. वो उठकर बैठ गई और पेंटी पहन ली.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.