13-11-2020, 02:39 PM
उसके बाद उसने मेरे चूच को पकड़ लिया और मसलने लगा, और होठ में अपना होठ रख दिया और किश करने लगा मैं बचने की कोशिश करने लगी पर वो मुझे अपनी बाहों और टांगो में जकड रखा था, मैं कुछ भी नहीं कर पा रही थी, उसने नाईटी ऊपर कर दिया मैंने ब्रा नहीं पहनी थी उसने मेरी चूच को अपने मुह में ले लिया और पिने लगा, और कह रहा था साली आज तो तेरी चूच काफी टाइट लग रही है, बड़ी होठ लग रही है, क्या बाद है, मैं कुछ बोलने के लिए सोची पर उसने मेरे मुह पे हाथ रख दिया बोला कुछ भी नहीं बोलना पडोश के छत पे कोई है आवाज सुन लेगा, मैं चुप रही उसके बाद उसने नाईटी मेरे गले से बाहर निकाल दिया और मेरा हाथ ऊपर कर के वो मेरी कांख के बाल को चाटते हुए मेरे बूब्स को दबाने लगा, मैं भी थोड़ी मदहोश होने लगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
