13-11-2020, 02:26 PM
क दिन जब मेरी 21 साल की जवान बहन नहा रही थी तो मैं उसके खिड़की से छिप के देखने लगा। मेहर नँगी थी, बड़ी मस्त माल लग रही थी। वो अपनी मस्त मस्त छातियों में साबुन मल रही थी। बिना कपड़ों के आज पहली बार मैंने मेहर को देखा था। वो बिल्बुल कयामत लग रही थी। अपनी जवान बहन को देखकर मैं बड़ा बेचैन हो गया और उसे चोदने की तलब एकाएक उठ गई। चूं की अब मेरे घर में दो लोग ही बचे थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.