13-11-2020, 02:18 PM
सुबह हुई हम दोनों ऐसे ही नार्मल रहने लगे जैसे की कुछ हुआ ही नहीं। ना तो आँखे चुराना ना तो कुछ और, सब कुछ नार्मल।
दूसरे दिन रात को वही हुआ। मेरा भाई करीब रात बारह बजे फिर से मेरे बेड पर आ गया उस दिन मैं वैसे ही मैक्सी पहनी थी ना ब्रा ना पेंटी। आकर वो मेरे पास सट का सो गया मैं उस दिन करवट ले सोइ थी वो मेरे गांड में अपना लौड़ा रगड़ने लगा। मैं धीरे से अपने मैक्सी को ऊपर कर दी। वो मेरे गांड को हाथ से सहलाने लगा। फिर वो मेरी मैक्सी को और ऊपर कर दिया और निचे से पेट के तरफ से मेरी बूब्स को पकड़ लिया और अपने दो ऊँगली से मेरे निप्पल को मसलने लगे। मुझे तो आग लग गई मेरे तन बदन में। मैं सीधी हो गई और पैर फैला दी। वो मेरे ऊपर चढ़ गया। मेरे होठ को चूसने लगा मेरी चूचियों को दबाने लगा। मेरे चूत में अपना लंड रगड़ने लगा मैंने अपने दोनों ऊपर थोड़े ऊपर कर ली वो अपना लंड चूत में सेट किया और जोर से धक्का दिया। पूरा लौड़ा मेरी चूत में समा गया।
दूसरे दिन रात को वही हुआ। मेरा भाई करीब रात बारह बजे फिर से मेरे बेड पर आ गया उस दिन मैं वैसे ही मैक्सी पहनी थी ना ब्रा ना पेंटी। आकर वो मेरे पास सट का सो गया मैं उस दिन करवट ले सोइ थी वो मेरे गांड में अपना लौड़ा रगड़ने लगा। मैं धीरे से अपने मैक्सी को ऊपर कर दी। वो मेरे गांड को हाथ से सहलाने लगा। फिर वो मेरी मैक्सी को और ऊपर कर दिया और निचे से पेट के तरफ से मेरी बूब्स को पकड़ लिया और अपने दो ऊँगली से मेरे निप्पल को मसलने लगे। मुझे तो आग लग गई मेरे तन बदन में। मैं सीधी हो गई और पैर फैला दी। वो मेरे ऊपर चढ़ गया। मेरे होठ को चूसने लगा मेरी चूचियों को दबाने लगा। मेरे चूत में अपना लंड रगड़ने लगा मैंने अपने दोनों ऊपर थोड़े ऊपर कर ली वो अपना लंड चूत में सेट किया और जोर से धक्का दिया। पूरा लौड़ा मेरी चूत में समा गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.