13-11-2020, 02:16 PM
चुपचाप चुदाई एक बात भी नहीं होती है इसके सम्बन्ध में दिन भर कभी गलत निगाह से ना वो देखता है ना मैं देखती हूँ उजाले में, दिन में रिश्ता पाक है हम भाई बहन का पर रात के अंधेरे में जो होता है वही आपको इस कहानी के माध्यम से बताने जा रही हूँ।
कोई सोच नहीं सकता है जो इंसान दिन भर भाई बहन की तरह रहे दिन भर ऐसी कोई बात भी ना हो, 6 महीने से लगा नहीं की रात में क्या होता है। चुदाई भी चुपचाप होती है दोनों अपनी वासना को शांत कर लेते है जिस्म से खेलते हैं पर उस समय भी हम दोनों एक दूसरे से कोई बात नहीं करते मानो कुछ हुआ ही नहीं रात की बात रात तक।
अब मैं आपको अपनी पूरी कहानी विस्तार से बताती हूँ। मेरा नाम संध्या है मैं 21 साल की हूँ मेरा भाई मेरे से छोटा है। इसके अलावा मेरे मम्मी पापा हैं। एक कमरे में मम्मी पापा सोते हैं और एक कमरे में हम दोनों भाई बहन सोते हैं। हम भी दरवाजा लगा कर सोते हैं और मम्मी पापा भी दरवाजा लगा कर सोते हैं।
एक दिन की बात हैं मेरा भाई रात को डर गया था और वो काँप रहा था। रोने जैसा उसकी हालात हो गई थी उसकी मैंने पूछा क्या हुआ तो वो बोला डर लग रहा है। मैं बोली ठीक है सो जाओ डरने की कोई बात नहीं तो वो बोला दीदी बहुत डर लग रहा है तो मैं बोली चल आ जा मेरे साथ ही सो जा। मेरा बेड थोड़ा बड़ा था उसका बेड छोटा है। वो मेरे बेड पर आ गया और सो गया।
जब मैं गहरी नींद में थी तो वो मेरी चूचियां सहला रहा था। मैं भी जग गई थी, वो भी जगा हुआ था उसकी साँस तेज तेज चल रही थी। आपको पता होगा जो नींद में नहीं होता है सांस लेने का तरीका उसका अलग होगा है। मैं आँख बंद ही रखी और सोने का नाटक करने लगी। वो मेरी चूचिओं को सलहाता और हौले हौले से दबाता। मेरी बड़ी बड़ी गोल गोल चूची शायद उसको दीवाना कर रहा था। मुझे अच्छा लग रहा था मुझे लग रहा था की वो ऐसे ही दबाता रहे।
कोई सोच नहीं सकता है जो इंसान दिन भर भाई बहन की तरह रहे दिन भर ऐसी कोई बात भी ना हो, 6 महीने से लगा नहीं की रात में क्या होता है। चुदाई भी चुपचाप होती है दोनों अपनी वासना को शांत कर लेते है जिस्म से खेलते हैं पर उस समय भी हम दोनों एक दूसरे से कोई बात नहीं करते मानो कुछ हुआ ही नहीं रात की बात रात तक।
अब मैं आपको अपनी पूरी कहानी विस्तार से बताती हूँ। मेरा नाम संध्या है मैं 21 साल की हूँ मेरा भाई मेरे से छोटा है। इसके अलावा मेरे मम्मी पापा हैं। एक कमरे में मम्मी पापा सोते हैं और एक कमरे में हम दोनों भाई बहन सोते हैं। हम भी दरवाजा लगा कर सोते हैं और मम्मी पापा भी दरवाजा लगा कर सोते हैं।
एक दिन की बात हैं मेरा भाई रात को डर गया था और वो काँप रहा था। रोने जैसा उसकी हालात हो गई थी उसकी मैंने पूछा क्या हुआ तो वो बोला डर लग रहा है। मैं बोली ठीक है सो जाओ डरने की कोई बात नहीं तो वो बोला दीदी बहुत डर लग रहा है तो मैं बोली चल आ जा मेरे साथ ही सो जा। मेरा बेड थोड़ा बड़ा था उसका बेड छोटा है। वो मेरे बेड पर आ गया और सो गया।
जब मैं गहरी नींद में थी तो वो मेरी चूचियां सहला रहा था। मैं भी जग गई थी, वो भी जगा हुआ था उसकी साँस तेज तेज चल रही थी। आपको पता होगा जो नींद में नहीं होता है सांस लेने का तरीका उसका अलग होगा है। मैं आँख बंद ही रखी और सोने का नाटक करने लगी। वो मेरी चूचिओं को सलहाता और हौले हौले से दबाता। मेरी बड़ी बड़ी गोल गोल चूची शायद उसको दीवाना कर रहा था। मुझे अच्छा लग रहा था मुझे लग रहा था की वो ऐसे ही दबाता रहे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.