13-11-2020, 02:07 PM
उसी समय दुर्गेश ने अलमारी से तेल की शीशी निकाली और खूब सारा तेल हाथ में लेकर लंड की मालिश करने लगा। 10 मिनट उसने मालिश की। अब उसका लंड और भी डरावना दिख रहा था। अब उसका लंड 10” लम्बा और 3” मोटा खीरे जैसा दिख रहा था। अब उसका लंड बहुत ही चिकना दिख रहा था। फिर दुर्गेश मेरी चूत में लंड डालने लगा तो बड़ी आराम से अंदर घुस गया। जल्दी जल्दी झटके मारकर मुझे वो पेलने लगा। मैं “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी… हा हा.. ओ हो हो….” करने लगी। वो जोर जोर के झटके देने लगा। मेरी चूत और गांड उसके फटके पर झुमने लगी। मेरा बदन उसके धक्को पर डांस करने लगा। मेरे ताऊ के लड़के की आँखों में सिर्फ हवस भरी हुई थी। वो आज पूरा किसी नॉनवेज खाने की तरह खा जाना चाहता था। वो मुझे जल्दी जल्दी चोदकर मजा दे रहा था। मैं अपनी गांड उछाल उछालकर चुदवा रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.