13-11-2020, 02:05 PM
मेरे ताऊ जी का लड़का दुर्गेश बहुत ही हैंडसम मर्द है। जब वो मेरे घर छुट्टियाँ में आया तो मेरा उसके साथ सेक्स करने का मन करने लगा था। दुर्गेश ने जिम जाकर अच्छी बोडी बना ली थी। बिलकुल शाहिद कपूर की तरह दिखता था। जब मैंने उसे देखा तो मेरे दिल की घंटियाँ टनटनाने लगी। वो बहुत ही क्यूट और सीधा लड़का था। अभी BSC कर रहा था। उसे देखते ही मैं उसे पटाने लगी। दुर्गेश छत पर हवा खाने गया हुआ था। वहां पर कोई नही था। मैं एक हल्का सा सलवार कमीज पहनकर उसके पास चली गयी। वो मुझे ही देखने लगा। फ्रेंड्स मैंने कोई चुन्नी नही पहनी थी। मेरे बड़े बड़े 34” के दूध उसे साफ साफ दिख रहे थे। मुझे देखकर वो थोड़ा अजीब महसूस करने लगा।
“ऐसे क्या देख रहे हो??” मैंने मुस्कुराकर कहा
“तुम्हारी बोडी तो बहुत खिल गयी है। अब तो तुम जवान दिखती हो शैली” वो कहने लगा
“हाँ अब जवान हो गयी हूँ। बस कोई बॉयफ्रेंड बन जाए” मैंने हाथ मसलते हुए कहा
मेरे ताऊ जी का लड़का मेरी ओर ही देखने लगा। पर कुछ कह नही पा रहा था। सिर्फ मेरे मस्त मस्त दूध की तरफ देखे जा रहा था।
“क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है??” मैंने उससे पूछा
“हा एक थी पर अब दूसरे लड़के से पट गयी। अब मैं बिलकुल अकेला हूँ” दुर्गेश बोला
“तुम्हारा कोई चूत चोदने का मन नही करता???” मैंने उससे कहा तो वो हंसने लगा
इस तरह से मैंने अपने ताऊ के लड़के को पटाना शुरू कर दिया था। जब भी मुझे मौका मिल जाता मैं उसके पास चली जाती और बाते करने लग जाती थी। मैं इस बात का वेट कर रही थी की वो पहले मुझे प्रपोज करे। पर दोस्तों दुर्गेश काफी शर्मीले किस्म का लड़का था। इसलिए मुझे भी आगे बढ़ना पड़ा। एक दोपहर वो अपने रूम में सो रहा था। मेरे घर के सभी लोग अपने अपने कमरे में दोपहर की नींद ले रही थी। ये मौका दुर्गेश से चुदने के लिए सबसे अच्छा था। मैं उसके रूम में चली गयी और गेट अंदर से बंद कर दिया था।
“ऐसे क्या देख रहे हो??” मैंने मुस्कुराकर कहा
“तुम्हारी बोडी तो बहुत खिल गयी है। अब तो तुम जवान दिखती हो शैली” वो कहने लगा
“हाँ अब जवान हो गयी हूँ। बस कोई बॉयफ्रेंड बन जाए” मैंने हाथ मसलते हुए कहा
मेरे ताऊ जी का लड़का मेरी ओर ही देखने लगा। पर कुछ कह नही पा रहा था। सिर्फ मेरे मस्त मस्त दूध की तरफ देखे जा रहा था।
“क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है??” मैंने उससे पूछा
“हा एक थी पर अब दूसरे लड़के से पट गयी। अब मैं बिलकुल अकेला हूँ” दुर्गेश बोला
“तुम्हारा कोई चूत चोदने का मन नही करता???” मैंने उससे कहा तो वो हंसने लगा
इस तरह से मैंने अपने ताऊ के लड़के को पटाना शुरू कर दिया था। जब भी मुझे मौका मिल जाता मैं उसके पास चली जाती और बाते करने लग जाती थी। मैं इस बात का वेट कर रही थी की वो पहले मुझे प्रपोज करे। पर दोस्तों दुर्गेश काफी शर्मीले किस्म का लड़का था। इसलिए मुझे भी आगे बढ़ना पड़ा। एक दोपहर वो अपने रूम में सो रहा था। मेरे घर के सभी लोग अपने अपने कमरे में दोपहर की नींद ले रही थी। ये मौका दुर्गेश से चुदने के लिए सबसे अच्छा था। मैं उसके रूम में चली गयी और गेट अंदर से बंद कर दिया था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.