13-11-2020, 01:53 PM
मैंने दीदी के छूट को चाटने लगा वो कामुक होने लगी और उनके कांख का डिओड्रेंट की खुसबू मुझे मदहोश कर ताहि थी, मैंने फिर उनके चूच को दबाने लगा और फिर निप्पल दो दांत से दबाने लगा वो बोलने लगी फाड़ दे मेरे बूर को, मुझे कुंवारी से औरत बना दो, तुम ही मेरा रात रंगीन कर दो, आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.
फिर मैंने अपना लंड निकाल के दीदी के चुत के ऊपर रख कर दीदी कहने लगी चोद मुझे, मेरा लंड उनके चुत को सलाम कर रहा था मैंने अपने लंड पे थोड़ा थूक लगाया और कस के धक्का मारा तो मेरा लंड का सुपारा ही अंदर गया मेरी दीदी चीख उठी और कहने लगी निकालो निकालो मैंने बिना देर किया दुसरा धक्का लगाया वो छटपटा गयी और सिसकिया लेने लगी और आँख में आंसू आ गयी मेरा लंड करीब ४ इंच अंदर चला गया था, वो कहने लगी निकालो मैं मर जाऊँगी मेरे से दर्द बर्दास्त नहीं हो रहा है, तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है,
फिर मैंने अपना लंड निकाल के दीदी के चुत के ऊपर रख कर दीदी कहने लगी चोद मुझे, मेरा लंड उनके चुत को सलाम कर रहा था मैंने अपने लंड पे थोड़ा थूक लगाया और कस के धक्का मारा तो मेरा लंड का सुपारा ही अंदर गया मेरी दीदी चीख उठी और कहने लगी निकालो निकालो मैंने बिना देर किया दुसरा धक्का लगाया वो छटपटा गयी और सिसकिया लेने लगी और आँख में आंसू आ गयी मेरा लंड करीब ४ इंच अंदर चला गया था, वो कहने लगी निकालो मैं मर जाऊँगी मेरे से दर्द बर्दास्त नहीं हो रहा है, तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.