13-11-2020, 01:51 PM
मैंने पूछा क्या बात है दीदी आप कुछ बोल नहीं रहे हो सब ठीक ठाक है ना? दीदी सिसकने लगी, मैं लेटा था उठकर बैठ गया, दीदी और रोने लगी मैंने हाथ पकड़ लिया छत पर अन्धेरा था, और मैंने कहा में आपका भाई और दोस्त दोनों हु अगर कोई प्रॉब्लम है तो मुझे बताओ मैं इसका समाधान करने की कोशिश करूंगा,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.