13-11-2020, 01:51 PM
आज ही मेरी दीदी ससुराल से वापस आई थी, जैसा की मैंने कहा अगले सप्ताह ही मेरी बहन की शादी हुई थी पर रस्म के चलते ही उसे पांच दिन में वापस आना पड़ा, उस दिन मेरे गाँव का ट्रांसफार्मर खराब हो गया था इस वजह से लाइट नहीं थी, ज्यादा गर्मी होने की वजह से मैं छत पर खाना खाके लेता हुआ मैं मोबाइल से गाने सुन रहा था, और उसी दिन माँ और पापा दोनों बनारस पूजा करने गए थे क्यों की उनका मन्नत था, घर में मैं और मेरी बहन थी, कुछ देर बाद मेरी बहन छत पे आयी, उसकी पायल की आवाज सुनकर मैंने कहा दीदी आप भी छत पर ही सोओगे क्या?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.